उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) की Kanpur (Unit) के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। सेना की खुफिया विंग मिलेट्री इंटेलीजेंस (MI) की मदद से STF  ने सैकड़ों बेरोजगार युवकों को आर्मी में नौकरी दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले शातिर “नटवरलाल” को Arrest कर लिया। Unnao जिले के बीघापुर निवासी इस शातिर का नाम आलोक अवस्थी है। 2013 में सेना ने इसे भगोड़ा घोषित किया था। 2016 से यह खुद को सेना में जूनियर कमीशन अफसर (JCO) बताकर बेरोजगारों को ठग रहा था। भगोड़े के पास से एसटीएफ ने भारतीय सेना का परिचय पत्र, कार समेत तमाम दस्तावेज बरामद किए हैं। “नटवरलाल” के टॉरगेट पर उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों के बेरोजगार रहते थे। MI की मदद से STF इसके मददगारों की परतें उधेड़ने में जुटी है। www.redeyestimes.com (News Portal) की छानबीन में पता चला है कि “नटवरलाल” के परिवार का एक अहम सदस्य एक बड़ी खुफिया विंग में बड़े अफसर के पद पर तैनात हैं।


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Yogesh Tripathi


सोशल मीडिया के जरिए करता था “शिकार” की तलाश


STF Kanpur (Unit) के इंस्पेक्टर घनश्याम सिंह के मुताबिक अनिल अवस्थी सोशल मीडिया WhatsApp, facebook के जरिए अपने शिकार को जाल में फंसाता था। भारतीय सेना का परिचय पत्र देख लोगों पर पहले वो रौब गांठता था। कुछ लोगों को सेना की कैंटीन से सस्ता सामान दिलाने के बाद ये शातिर उनसे मेलजोल बढ़ाकर परिवार के बेरोजगार युवकों को सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देता था। इसके बदले 3 से 5 लाख रुपए आसाना से ऐंठ लेता था। इंट्रोगेशन में अनिल अवस्थी ने STF को बताया कि वो करीब 150 से अधिक लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। करोड़ों रुपए की ठगी कर उसने गांव में ऑलीशान मकान बनवाया है। इस मकान की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। नौकरी लगवाने की बात शातिर अक्सर सोशल मीडिया के नेटवर्क से ही करता था।


“नटवरलाल” ने 2008 में ज्वाइन की थी सेना की नौकरी


ग्राम-पोस्ट रैपुरा थाना बीघापुर जनपद उन्नाव निवासी तेज शंकर अवस्थी के लड़के आलोक अवस्थी का साल 2008 में सेना की नौकरी में चयनित हुआ था। सेना में चयनित होने के बाद बेंगलुरु में इसने सेना की ट्रेनिंग ली। इसके बाद उदयपुर और बाद में दार्जलिंग इसकी पोस्टिंग रही। बताया जा रहा है कि 2012 में इसकी पत्नी के गर्भपात हो गया। कुछ दिनों बाद वो अनिल अवस्थी को छोड़कर चली गई। उसके बाद से अनिल वापस लौटकर ड्यूटी ज्वाइन करने नहीं गया। सेना के तमाम अफसर आए लेकिन अनिल उनके हाथ नहीं लगा। तमाम लिखापढ़ी के बाद सेना ने अनिल अवस्थी को भगोड़ा घोषित कर दिया। भगोड़ा घोषित होने के बाद से ये फरार था।


2016 में Start किया बेरोजगारों को ठगने का काम


काफी दिनों तक सेना के अफसरों से लुकाछिपा का खेल खेलने के बाद अनिल अवस्थी ने 2016 में बेरोजगारों को ठगने का काम शुरु कर दिया। उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों के सैकड़ों बेरोजगारों को उसने एक झटके में ठगी का शिकार बनाया। सूत्रों की मानें तो अनिल अवस्थी अब तक कई सौ लोगों को ठग चुका है। उसके तमाम नेटवर्क के तार खंगाले जा रहे हैं।

फर्जी JCO के पास से मिले भारतीय सेना और कैंटीन के कार्ड


STF ने तीन साल से बेरोजगारों को ठगने वाले “नटवरलाल” अनिल अवस्थी के पास से भारतीय सेना का परिचय पत्र F062890  और आर्मी संख्या नंबर 16115143 P बरामद किया गया। इस पर शातिर की फोटो लगी है। साथ ही कैंटीन स्मार्ट कार्ड (लिकर कार्ड), चेकबुक, पैनकार्ड, ठगी के रुपयों से खरीदी गई वैगन-आर कार, भी एसटीएफ की टीम ने बरामद की है। एसटीएफ ने इस शातिर को कैंट थाना एरिया के सर्किट हाउस तिराहे के पास से गिरफ्तार किया। शातिर की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने लोकल पुलिस की भी मौके पर मदद ली। हालांकि सटीक लोकेशन MI के जरिए ही STF को मिली थी। जिसके बाद नटवरलाल को गिरफ्तार करने के लिए STF इंस्पेक्टर ने टीम के साथ मिलकर घेराबंदी कर सफलता प्राप्त की।

 

 

 
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