Uttar Pradesh के Etawah जनपद की जिला कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे दो कैदी शनिवार की Mid-Night सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए रस्सी और बांस के सहारे जेल की दीवार से छलांग लगाकर फिल्मी स्टाइल में भाग निकले। रामानंद नाम के कैदी की स्टेशन पर मालगाड़ी के चपेट में आने से मौत हो गई। जबकि चंद्रप्रकाश नाम का कैदी भागने में सफल हो गया। रामानंद औरैया जनपद का निवासी था। जेल की सुरक्षा में सेंध लगने की खबर मिलते ही सभी आला अफसर मौके पर पहुंचे। जेल अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
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Yogesh Tripathi
उम्रकैद की सजा काट रहे थे दोनों
औरैया जनपद के फंफूद ग्राम दशहरा निवासी रामानंद पुत्र गोरेलाल और उसका साथी इटावा इकदिल ग्राम महानेपुर निवासी चंद्रप्रकाश उर्फ चंदू पुत्र रामभरोसे उम्रकैद की सजा काट रहे थे। कोर्ट से सजा मुकर्रर होने के बाद दोनों को बैरक नंबर 5-A में रखा गया था। इस बैरक में तीन कैदी थे। सुरक्षा के लिए बंदी रक्षकों की तैनाती थी। बताया जाता है कि दोनों खूंखार किस्म का अपराधी थे। इसके चलते विशेष सुरक्षा लगाई गई थी।
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फिल्मी स्टाइल में जेल की दीवार कूदकर भागे दोनों कैदी
शनिवार रात करीब दो बजे जब सभी कैदी और बंदी सो गए तो रामानंद और चंद्रप्रकाश ने जेल से भागने की तैयारी की। बंदी रक्षक भी आधी रात के बाद सुस्त पड़ गए। करीब दो बजे दोनों किसी तरह बैरक से बाहर निकल आए और पहले से छिपाकर रखे बांस और रस्सी को निकाल लाए। इसके बाद बांस को जोड़कर दीवार पर टिका दिए और रस्सी की मदद से दीवार के ऊपर तक पहुंच गए। दीवार के ऊपर से दोनों ही सैयद बाबा वाली साइड पर उतरकर भाग निकले।
रामानंद को मौत खींचकर लाई स्टेशन
खूंखार किस्म के अपराधी रामानंद को मौत खींचकर इटावा रेलवे स्टेशन तक ले गई। जेल की दीवार फांदकर बाहर निकलने के बाद दोनों शहर से भागने की फिराक में रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां पर दोनों को जीआरपी और आरपीएफ के जरिए पकड़े जाने की आशंका हुई। इस पर दोनों रेलवे ट्रैक के पास खड़े हो गए। दोनों ट्रेन का इंतजार कर ही रहे थे कि अचानक मालगाड़ी आ गई। मालगाड़ी की चपेट में आने से रामानंद की मौत हो गई। जबकि चंद्रप्रकाश भाग निकला।
काफी देर बाद जेल प्रशासन को लगी खबर
जेल की चहारदीवारी फांदकर दो कैदियों के भागने की खबर काफी देर बाद जेल प्रशासन को हुई। सूत्रों की मानें तो जेल कर्मचारी रात में ही पुलिस और उच्चाधिकारियों को सूचना दिए बगैर फरार हुए दोनों कैदियों की तलाश में जुट गए। यह मानते हुए कि भागने के बाद दोनों बस अड्डे या फिर रेलवे स्टेशन गए होंगे। इसपर जेल कर्मी जब रेलवे स्टेशन पहुंचे तो रेलवे पुलिस से रात में किसी युवक के मालगाड़ी से कटने की जानकारी हुई। जेल कर्मियों ने जब शव को देखा तो उसकी पहचान फरार कैदी रामानंद के रूप में की।
जेल अधीक्षक बोले, बड़ी चूक है
जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह ने कहा कि जेल के सुरक्षा कर्मियों की चूक से कैदी भागे हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच की जा रही है। घटना के समय एक हेड कांस्टेबल और एक बंदी रक्षक की उस बैरक में ड्यूटी थी। CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है। साथ ही ये भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बांस और रस्सी कहां से पहुंची।
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