Kanpur के कल्याणपुर थाना एरिया स्थित रावतपुर चौकी क्षेत्र में गुरुवार रात राहुल सिंह नाम के युवक पर वर्ग विशेष के कुछ युवकों की तरफ से किए गए हमले के बाद प्रकरण में नया मोड़ आ गया। पार्षद कविता सिंह के पति महेंद्र विक्रम सिंह और उनके ससुर की SP (West) संजीव सुमन से काफी बहस हुई। पार्षद पति का आरोप है कि उनके साथ अभद्रता कर जेल भेजने की धमकी दी गई। आक्रोशित बीजेपी नेताओं और पार्षदों ने पूरे मामले से UP Police के DGP ओम प्रकाश सिंह और एक डिप्टी सीएम से अवगत कराया। दोपहर में पार्षदों का एक प्रतिनिधि मंडल SSP (KNR) अनंत देव तिवारी से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचा। पार्षदों ने SSP से कहा कि मुखबिर आरिफ को कांड़ा को आखिर क्यों बचाया जा रहा है ?
[caption id="attachment_19833" align="aligncenter" width="512"] SSP अनंत देव तिवारी से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए प्रतिनिधि मंडल के लोग।[/caption]
Yogesh Tripathi
गुरुवार Mid-Night राहुल सिंह नाम के युवक पर हुआ था हमला
गुरुवार देर रात को गाड़ी से जा रहे राहुल सिंह नाम के युवक की गाड़ी मस्जिद के पास एक युवक से टकरा गई। राहुल सिंह का आरोप है कि वहां आरिफ कांड़ा ने अपने साथियों के साथ उसे गली में खींच लिया और लात-घूंसे से पीटने के बाद धारदार हथियार से हमला कर लहूलुहान कर दिया। देर रात हिन्दू संगठनों के लोग रावतपुर चौकी भी पहुंचे। कल्याणपुर क्षेत्राधिकारी ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो युवकों को हिरासत में ले लिया। रात में ही PAC को भी बुलाकर एरिया में तैनात किया गया।
पार्षद पति ने लगाया IPS अफसर पर आरोप
बीजेपी पार्षद कविता सिंह के पति महेंद्र विक्रम सिंह का आरोप है कि प्रकरण पर उनकी जब एसपी पश्चिम से बातचीत हुई तो वे उल्टा हम लोगों को ही भला-बुरा कहने लगे। आरोप है कि बातचीत के दौरान विवाद जब बढ़ा तो फर्जी मुकदमें में जेल भेजने की धमकी दी गई। इतना ही नहीं उनको चौकी आकर वन टू वन बात करने को भी कहा गया।
DGP और डिप्टी सीएम से शिकायत
पूरे प्रकरण की जानकारी जब बीजेपी नेताओं को मिली तो सभी आक्रोशित हो गए। एक बीजेपी पार्षद ने प्रकरण को लेकर डिप्टी सीएम और डीजीपी ओपी सिंह से बातचीत करते हुए सत्ताधारी दल के लोगों को ही प्रताड़ित किए जाने की बात कही। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीजीपी और डिप्टी सीएम से शिकायत के बाद जब सकारात्मक जवाब मिला तो पार्षद पति महेंद्र विक्रम सिंह, नवीन पंडित, समेत कई पार्षद और भाजपा नेता दोपहर को एसएसपी से मुलाकात करने पहुंचे। करीब आधे घंटे तक बातचीत के दौरान पार्षदों ने एसपी वेस्ट के खिलाफ शिकायतों की झड़ी लगा दी।
एक पार्षद ने आरिफ कांड़ा समेत दो-तीन मुखबिरों का नाम लेते हुए पूछा कि आखिर इन लोगों के नाम आने के बाद पुलिस क्यों बचा रही है ? पीड़ित लोगों को ही पुलिस क्यों परेशान और प्रताड़ित कर रही है ? बाहर निकलने के बाद प्रतिनिधि मंडल ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि एसएसपी से पूरे प्रकरण की शिकायत की गई है। प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि सुबह चार बजे थाने से एसआई का फोन आया कि तहरीर से आरिफ कांड़ा का नाम निकाल दो।
कौन है आरिफ कांड़ा ?
आरिफ कांड़ा रावतपुर चौकी एरिया में रहता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो कई साल पहले एक बड़े वाहन चोरों के रैकट को पुलिस ने पकड़ा था। उसमें आरिफ काड़ा का नाम आया। किसी तरह आरिफ कांड़ा ने खुद को बचा तो लिया लेकिन बाद में पुलिस से बचने के लिए उसे मुखबिरी करनी पड़ी। अब हाल ये है कि वो एरिया के साथ-साथ कई और जगहों पर भी पुलिस के लिए मखबिरी करता है। कुछ पुलिस वालों से उसका तालमेल ठीक है। यही वजह है कि वह एरिया में रंगबाजी भी खूब करता है। पुलिस से जान पहचान की वजह से वो रौब भी खूब गांठता है। यही वजह है कि क्षेत्र के लोगों की वो किरकिरी भी बना है।
S-10 को फिर से रिवाइज करने की बात कह चुके हैं ACM
कल्याणपुर थाना एरिया के S-10 में शामिल किए गए कई S-10 सदस्यों को लेकर हर बार अंगुली उठती है। कुछ दिन पहले भी शिकायत सीओ और एसीएम से की गई। जिसके बाद एसीएम ने कमेटी को फिर से रिवाइज करने का आश्वासन दिया था। उल्लेखनीय है कि पिछली कुछ घटनाओं में S-10 के कुछ लोगों के बवाल में शामिल होने और असमाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप बीजेपी के नेता लंबे समय से लगा रहे हैं।
रावतपुर मुद्दे पर क्या कहती है क्षेत्रीय जनता ?
रावतपुर एरिया का माहौल पिछले 7 साल से बेहद खराब है। हिन्दू वर्ग का त्योहार हो या फिर मुस्लिमों का, माहौल हमेशा तल्ख रहता है। जरा सा वाद-विवाद भी यहां पर सांप्रदायिक रंग ले लेता है। कई बार पुलिस टीम पर हमले हो चुके हैं। एसडीएम और थानेदार की गाड़ियां तक फूंकी जा चुकी हैं। लेकिन बवाल थमने के बाद अफसर फिर सुस्त हो जाते हैं। 7 साल से यहां पर जो हालात बने हैं उसकी रोकथाम के लिए अफसरों की तरफ से अभी तक न तो कोई ठोस रणनीति बनी हैं और न ही कारगार उपाय।
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