Uttar Pradesh शासन ने मंडे की नाइट 22 IPS अफसरों के तबादले कर दिए। 1997 बैच के IPS अफसर Mohit Agarwal को IG (Range) Kanpur बनाया गया है। कानपुर परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक आलोक सिंह अब मेरठ (परिक्षेत्र) के नए IG होंगे। संतकबीर नगर के SP आकाश तोमर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक बनाए गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक पीएसी (मध्य जोन) ए. सतीश गणेश अब आगरा रेंज के नए आइजी होंगे। DIG आगरा लव कुमार को पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं बनाया गया है।
Yogesh Tripathi
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1997 बैच के IPS अफसर हैं मोहित अग्रवाल
IG (Range) Kanpur बनाए गए मोहित अग्रवाल 1097 बैच के IPS अफसर हैं। बरेली के एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले श्रीअग्रवाल की प्रारंभिक शिक्षा बरेली में ही हुई। गोरखपुर से बीटेक करने के बाद वे मुंबई चले गए। IPS में चयनित होने से पहले मोहित अग्रवाल ने पॉवर ग्रिड (दिल्ली) में नौकरी भी की।
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अध्यापक पिता की प्रेरणा से मिली सफलता
मोहित अग्रवाल के पिता बरेली के एक कॉलेज में गणित के अध्यापक थे। पिता की इच्छा थी कि बेटा IPS अफसर बनें। इंटर तक की शिक्षा बरेली में प्राप्त करने के बाद मोहित अग्रवाल ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से की।
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मुंबई से M.Tech फिर पॉवर ग्रिड में नौकरी
गोरखपुर से B.Tech करने के बाद मोहित अग्रवाल M.Tech करने मुंबई चले गए। एम.टेक के बाद पॉवर ग्रिड में नौकरी की। लेकिन इस दौरान सिविल सर्विसेज की तैयारी वे बराबर करते रहे। वर्ष 1997 में उन्हें ये मंजिल भी मिल गई और वह IPS के लिए चयनित हुए। मोहित के दो बड़े भाई इंजीनियर हैं जबकि छोटे भाई डॉक्टर है। 1999 में मोहित अग्रवाल की मैरिज हुई।
कुंभ मेले का सफल आयोजन करवा चुके हैं मोहित अग्रवाल
यूं तो 1997 बैच के आइपीएस अफसर मोहित अग्रवाल के खाते में कई उपलब्धियां दर्ज हैं लेकिन हाल में ही कुंभ मेले के भव्य एवं सफल आयोजन के लिए उन्हें यूपी सरकार ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। यूपी कैडर के मोहित अग्रवाल को शुरुआती दिनों में नक्सल प्रभावित चंदौली जनपद का चार्ज मिला था। यूपी के कई जनपदों में वे बतौर कप्तान तैनात रह चुके हैं। प्रयागराज के आइजी बनने से पहले उनकी तैनाती गोरखपुर में बतौर आइजी थी।
क्या होंगी कानपुर में चुनौतियां ?
बेहद ईमानदार छवि के मोहित अग्रवाल के लिए Kanpur Range में चुनौतियां कम नहीं होंगी। अपराध और अपराधी पर नकेल कसने के लिए सबसे पहले विभाग में “अंगद” की तरह “पांव जमा” चुके खुर्राट टाइप के मातहत पुलिस वालों को हाशिए पर लाना होगा। चौकी और थाने पूरी तरह दलालों से मुक्त रहें इसके लिए भी खास प्लान तैयार करना होगा। भू-माफियाओं और उनके गुर्गों पर तगड़ी नकेल कसनी होगी। प्रापर्टी डीलिंग, में पर्दे के पीछे से भूमिका निभाने वाले “सफेदपोश माफियाओं” से भी पार पाना होगा। शहर में अपराध की सबसे बड़ी वजह बन चुके जुएं, सट्टे के बड़े और “सफेदपोश कारीगरों” के नेटवर्क को ध्वस्त कर गिरोह और उनके शरणदाताओं को सलाखों के पीछे पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इन सबके साथ ही कानपुर के बेतरतीब ट्रैफिक सिस्टम को भी दुरुस्त करना होगा। साथ ही Kanpur जैसे शहर की संवेदनशीलता पर विशेष निगाह रखनी होगी।
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