वर्ष 2017 में Uttar Pradesh की सत्ता संभालने के बाद UPCM Yogi Adityanath ने कहा था कि सूबे में अब “रामराज्य” की स्थापना होगी। “माफिया और गुंडे UP छोड़ दें या फिर जेल जाने और गोली खाने के लिए तैयार रहें”। माफिया और गुंडे जेल भी गए और गोलियां भी खा रहे हैं। लेकिन “यक्ष प्रश्न” ये है कि जेल जाने के बाद भी क्या माफिया और गुंडे अपराध नहीं कर रहे हैं ? नैनी, उन्नाव, मऊ समेत सूबे की तमाम जिला कारागारों के अंदर से अभी हाल में जो खौफनाक Video Viral हुए हैं उसे देखने के बाद तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता है कि अपराधियों के चेहरों पर कोई सिकन है। ताजा मामला Kanpur का सामने आया है। यहां की जेल में बंद शार्प शूटर को रंगदारी भेजवाने के लिए कारोबारी को मोबाइल पर बेखौफ अंदाज में धमकी दी गई। पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित के भाई की पांच साल पहले सनसनीखेज तरीके से पूर्वांचल के शूटरों ने अंधाधुंध गोलियों की बौंछार कर हत्या कर दी थी।
[caption id="attachment_19816" align="alignnone" width="720"] पीड़ित कारोबारी विशाल गुप्ता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज होने के बाद मीडिया को बयान देते बाबूपुरवा क्षेत्राधिकारी।[/caption]
Yogesh Tripathi
2014 में निरंकारी भवन के पास हुई थी प्रापर्टी डीलर की हत्या
विनोवा नगर निवासी प्रापर्टी डीलर प्रशांत गुप्ता उर्फ गुड्डू की 25 मई 2014 को गोविंदनगर थाना एरिया के निरंकारी भवन के पास हत्या हुई थी। शूटर अमित जायसवाल और अभिनव जेल में बंद हैं। एक और आरोपी राजू गर्ग Kanpur Police की सरकारी फाइलों में Wanted है। राजू गर्ग के बारे में जानकारी रखने वाले पुलिस सूत्रों की मानें तो यूपी से लेकर बिहार का कोई ऐसा माफिया नहीं है जिससे उसके तार सीधे तौर पर न जुड़े हों। फिर वो चाहे मुख्तार अंसारी हो या जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी। सभी के राजू गर्ग के सीधे कनेक्शन रहे हैं। जेल में बंद अमित जायसवाल और अभिनव को पांच साल पहले लिखापढ़ी करते समय गोविंदनगर की पुलिस ने राजू गर्ग का ही शूटर बताया था। दोनों अभी भी जेल में बंद हैं। तत्कालीन एसएसपी अजय कुमार मिश्रा ने इस पूरे घटनाक्रम का तब खुलासा किया था।
प्रापर्टी के कारोबार में राजू गर्ग का पार्टनर था प्रशांत गुप्ता
पूर्वांचल के शूटरों और माफियाओं के बारे में गहरी जानकारी रखने वाले पुलिस कर्मियों की मानें तो Most Wanted राजू गर्ग रेलवे के स्क्रैप की ठेकेदार करता था। कानपुर के दक्षिण एरिया में उसकी तगड़ी घुसपैठ कई लोगों से रही है। उसके तमाम गुर्गे अब भी अपरोक्ष तरीके से सक्रिय रहते हैं। बाहुबलियों के बल पर विवादित प्रापर्टी का धंधा करने वाले राजू गर्ग की विनोवा नगर निवासी प्रशांत गुप्ता उर्फ गुड्डू से जब दोस्ती हुई तो दोनों इस कारोबार में पार्टनर बनकर प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त करने लगे थे। चकेरी के कोयला नगर समेत कई एरिया में दोनों ने अरबों रुपए के कीमत की संपत्तियां खरीदीं और बेंची। करोड़ों के लेनदेन में दोनों के बीच रार बढ़ी तो प्रशांत को कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। दहशत फैलाने के लिए फिल्मी स्टाइल में निरंकारी भवन चौराहे पर बेखौफ अंदाज में पूर्वांचल के शूटरों ने हत्या की।
मुन्ना बजरंगी से मुख्तार अंसारी फिर बिहार का माफिया डॉन
पूर्वांचल के बाहुबलियों और शार्प शूटरों के बारे में तगड़ी मालुमात रखने वाले एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की मानें तो 2000 के आसपास तक रेलवे के स्क्रैप की ठेकेदारी करने वाले राजू गर्ग का कनेक्शन उसी समय पूर्वांचल के बाहुबली माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के दाहिने हाथ मुन्ना बजरंगी से हो गए थे। कुछ महीना पहले जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी मुख्तार के लिए काम करता था। मुन्ना बजरंगी के जरिए राजू गर्ग जेल में बंद मुख्तार अंसारी का करीबी हो गया। उसके बाद तो राजू का नेटवर्क बिहार के बाहुबलियों तक सीधे तौर पर रहा।
छोटा राजन गैंग के माफिया माया शंकर की की दोस्ती लाई रंग
पुलिस सूत्रों की मानें तो छोटा राजन गैंग से जुड़े रहे माफिया मायाशंकर सिंह उर्फ भीम सिंह से राजू गर्ग की कई साल पहले दोस्ती हुई थी। इस दोस्ती ने राजू गर्ग को करोड़पति बना दिया। मुख्तार अंसारी गिरोह से जुड़ा मायाशंकर सिंह मुख्तार अंसारी के जानी दुश्मन ब्रजेश सिंह के गांव का रहने वाला है। मायाशंकर के बारे में बताया जाता है कि अपने भाई दयाशंकर सिंह की हत्या का बदला लेने के लिए उसने मुख्तार का दामन थामा था। 1989 से 1990 के बीच वाराणसी में वासुदेव सिंह, गोपाल सेठ और शंभू गुप्ता की हत्या की। 1996 में उसने शराब कारोबारी जवाहर जायसवाल पर AK-56 से हमला किया। जवाहर तो बच गए लेकिन एक लड़की की मौत हो गई थी। इस हमले में पुलिस वाले भी घायल हुए थे।
Kanpur में राजू गर्ग से हुई थी मायाशंकर की दोस्ती
पुलिस का दबाव बढ़ने पर मायाशंकर कानपुर में अपने साढ़ू अतुल सिंह के घर रहने लगा। यहीं उसकी मुलाकात राजू गर्ग से हुई। भीम ने राजू गर्ग, अतुल सिंह, नागेंद्र, लड्डू, नागेश रघुवंशी के साथ गिरोह बनाया। फिर रेलवे में बड़ी लाइन के स्क्रैप ठेकेदारों से अवैध वसूली और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा। राजू के किदवई नगर स्थित मकान में वारदात को अंजाम देने की साजिश रची जाती थी। वर्ष 2000 में मुन्ना बजरंगी गैंग के दो शूटरों को किदवईनगर के तत्कालीन SO ऋषिकांत शुक्ला ने तार बंगलिया रोड पर एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। तब भी राजू गर्ग का नाम आया था लेकिन सबकुछ ठंडे बस्ते में चला गया। कुछ दिन बाद मायाशंकर उर्फ भीम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद राजू गर्ग ने माफिया के नाम पर स्क्रैप की ठेकेदारी शुरू कर दी। इसके बाद राजू ने मुन्ना बजरंगी गिरोह के सदस्यों से दोस्ती बढ़ाई और कानपुर में बजरंगी के नाम पर ठेकेदारी और जमीन का कारोबार करने लगा।
आखिर कौन दे रहा है प्रशांत के भाई विशाल को बार-बार धमकी ?
प्रशांत की हत्या पांच साल पहले हो चुकी है। प्रशांत की हत्या के इल्जाम में पूर्वांचल के दो शूटर्स जेल में बंद हैं। प्रशांत के भाई विशाल गुप्ता को इसके पहले भी कई बार धमकियां मिल चुकी हैं। उन पर हमले भी हो चुके हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर कौन है जो बार-बार धमकी दे रहा है। पहले मिली दो धमकियों में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने चार्जशीट भी लगा दी है। अब क्या ये माना जाए कि कानपुर में अभी भी पूर्वांचल के माफियाओं का दबदबा है और उनके शूटरों की यहां आमदरफ्त रहती है। क्या पुलिस का खौफ अब गुंडों और माफियाओं पर बिल्कुल नहीं है। पीड़ित कारोबारी विशाल गुप्ता की शिकायत के बाद किदवईनगर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। विशाल का कहना है कि मुकदमे की पैरवी वो खुद कर रहे हैं। मुकदमा वापस लेने के लिए राजू गर्ग और उसके गुर्गे बराबर धमकियां दे रहा है। उनकी जानमाल को खतरा है। बाबूपुरवा सर्किल के क्षेत्राधिकारी का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है। जिस नंबर से धमकी दी गई है। उसको सर्विलांस पर लिया गया है। CDR निकलवाने के साथ जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी उसे किया जाएगा।
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