पांच दशक पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद नारायण मुल्ला (ए.एन मुल्ला) ने सच ही लिखा था कि “यूपी पुलिस संगठित अपराधियों का एक बड़ा गिरोह है”। 50 साल पहले उनकी तरफ से लिखी गई ये बात अब करीब-करीब सच साबित होती दिखाई दे रही है। जनपद कोई भी थाने और चौकियों में दलाल, अपराधी, भू-माफिया सक्रिय रहते हैं। सुबह से शाम तक इनकी ही धमाचौकड़ी रहती है। जिसको चाहते हैं उठवाकर पिटवाते हैं। अफसरों को झूठी जानकारी देकर गुमराह करना अब थानेदारों की आदत में शुमार है। कुल मिलाकर यूं कहें कि मोटी रकम देकर थाने और चौकी का चार्ज पाने वाले सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर अब बेलगाम हो चुके हैं। सच्चाई ये है कि सूबे की Yogi Adityanath सरकार के लिए ये पुलिस कर्मी सबसे बड़े सिरदर्द बने हैं। बेगुनाहों के साथ इनकी तरफ से किया जाने वाला "जुल्म-ओ-सितम" सरकार की साख पर बट्टा लगा रहा है।


[caption id="attachment_19661" align="aligncenter" width="600"] चांदपुर थाने में बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ काफी देर तक मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति थानेदार के कक्ष में बैठकर रेप पीड़िता के केस की जानकारी मांगती रहीं और थाना पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था।
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ताजा मामला Fatehpur जनपद के चांदपुर थाने का है। यहां इंस्पेक्टर कैलाश नाथ हत्या के एक मामले में नाबालिग लड़की को 4 दिन से बिना किसी लिखापढ़ी के थाने में रखकर बेल्ट से निर्मम पिटाई कर रहे थे। Modi सरकार में Minister साध्वी निरंजन ज्योति एक रेप पीड़िता के मामले में जब थाने पहुंची तो इस लड़की के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार का मामला भी खुल गया। देर रात्रि जनपद के नए कप्तान ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया। किरकिरी से बचने के लिए “जल्लाद” इंस्पेक्टर के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड कर जांच बिंदकी क्षेत्राधिकारी अभिषेक तिवारी को सौंप दी गई है।


YOGESH TRIPATHI


[caption id="attachment_19662" align="alignnone" width="695"] चांदपुर थानेदार की गलत कार्यशैली के खिलाफ थाना परिसर में ही बीजेपी के आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने जमकर की नारेबाजी।[/caption]

चांदपुर के पहाड़पुर बड़िगवां में हुआ था युवक का मर्डर

कुछ दिन पहले चांदपुर के पहाड़पुर बड़िगवां में व्यापारी मनोज वर्मा की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में जयचंद्र के नाम पर रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज की। आरोप है कि जयचंद्र नहीं मिला तो इंस्पेक्टर कैलाश नाथ उसकी नाबालिग बेटी (16 वर्ष) को जबरन जीप में उठा लाए। पीड़ित नाबालिग का आरोप है कि उसे थाने के एक कमरे में चार दिन से इंस्पेक्टर बंद किए थे। सुबह और शाम उसकी बेल्ट से पिटाई करते रहे। थाने पर यदि कोई मिलने आया भी तो इंस्पेक्टर ने मिलने नहीं दिया।

Modi की Minister पहुंची थाने तो खुल गई थानेदार की पोल

चांदपुर थाने के इंस्पेक्टर कैलाश नाथ के करतूतों की पोल उस समय खुली जब Modi सरकार में Minister साध्वी निरंजन ज्योति शुक्रवार शाम को चांदपुर थाने पहुंचीं। साध्वी निरंजन ज्योति एक रेप पीड़िता की रिपोर्ट के बाबत जानकारी लेने पहुंची थीं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र की एक युवती ने एक फौजी पर अक्तूबर महीने में अपने साथ हुए रेप की शिकायत की थी। लंबे समय से थानेदार युवती को टरका रहा था। एसपी ने फोन कर रिपोर्ट दर्ज करने के लिए इंस्पेक्टर को कहा तो उसने झूठ ही बोल दिया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली है। रेप पीड़ित महिला जब थाने पहुंची तो उसने FIR की प्रतिलिपि मांगी। इस पर पुलिस वाले टालमटोली करने लगे। पीड़ित महिला के एक रिश्तेदार लखनऊ में अधिवक्ता हैं। उन्होंने घटनाक्रम की जानकारी साध्वी निरंजन ज्योति को दी। चूंकि मंत्री महोदया जनपद में ही मौजूद थीं, इस लिए लाव-लश्कर के साथ वे चांदपुर थाने पहुंच गईं। वहां पता चला कि थानेदार ने पीड़िता की रिपोर्ट ही नहीं लिखी है और एसपी को गलत जानकारी दे दी।

मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने मोबाइल पर एसपी को दी जानकारी

इसी बीच थाने के एक कमरे में नाबालिग को बंद कर बेल्ट से पीटने की जानकारी मंत्री को लगी तो उनका पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने तुरंत मोबाइल निकाल एसपी से बात कर पूरी जानकारी दी। इस पर एसपी ने तुरंत इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश क्षेत्राधिकारी को दिया। बताया जा रहा है कि सस्पेंशन के बाद इंस्पेक्टर के खिलाफ उसी के थाने में देर रात्रि लड़की को जबरन रखने और मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच सीओ बिंदकी को सौंपी गई है। वहीं रेप पीड़िता के मामले की जांच एडीशनल एसपी को एसपी ने सौंपी है।

सुबह से शाम तक सक्रिय रहते हैं थाने में दलाल और अपराधी

सूत्रों की मानें तो चांदपुर थाने में सुबह से शाम तक सिर्फ दलालों और अपराधियों की सक्रियता रहती है। क्षेत्र के पुराने अपराधियों से पुलिस वालों की सेटिंग हर किसी को मालुम है। कच्ची शराब से लेकर तमाम अन्य अपराधिक ठिकानों पर पुलिस की पत्ती लगी है। पीड़ित को पुलिस यहां न्याय न देकर और भी प्रताड़ित करती है। मारपीट के मामलों का हाल तो ये है कि पैसा लेकर पुलिस उल्टा पीड़ित के खिलाफ क्रास रिपोर्ट दर्ज करने से नहीं चूकती।

 

 
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