उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) ने Kanpur Central Station से "ड्रग किंग" गजेंद्र सिंह को Arrest कर उसके कब्जे से 2 करोड़ रुपए के कीमत की करीब 2 किलोग्राम हेरोइन जब्त की। पकड़ा गया गजेंद्र सिंह मध्य प्रदेश के राजगढ़ जनपद का रहने वाला है। वर्तमान समय में वो कन्नौज के सौरिख थाना एरिया के एक गांव में रह रहा था। STF की मानें तो बरामद हेरोइन Lucknow में किसी JD नाम के व्यक्ति को दी जानी थी। इसके लिए 17 लाख रुपए की एडवांस रकम गजेंद्र के पास पहले ही पहुंच चुकी है।
YOGESH TRIPATHI
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लंबे समय से मिल रही थी विदेशी हेरोइन की खेप लाने की सूचनाएं
UPSTF को पिछले दिनों भारतीय बार्डर से विदेशी हेरोइन को लाकर देश के अलग-अलग प्रांतों में उसकी खेप पहुंचाए जाने की बेहद गोपनीय सूचनाएं मिलीं। जिसके बाद STF ने अभिसूचनाओं को संकलित करने का कार्य स्टार्ट किया। सर्विलांस सेल की भी इस कार्य में मदद ली गई। इस बीच जरिए मुखबिर सटीक खबर मिली कि ड्रग तस्कर गजेंद्र सिंह राजधानी एक्सप्रेस से करीब दो करोड़ रुए के कीमत की विदेशी हेरोइन लेकर कानपुर पहुंचेगा।
सेंट्रल स्टेशन को चारो तरफ से UPSTF ने घेर लिया
UPSTF की टीमों ने मुखबिर की सूचना पर विश्वास कर रात में ही सेंट्रल स्टेशन पर डेरा डाल दिया। सेंट्रल के गेट नंबर-6 पर संदिग्ध को दबोचकर उससे पूछताछ की गई। सख्ती से पेश आने पर संदिग्ध टूट गया। उसने अपना नाम गजेंद्र सिंह निवासी हालपता जनपद कन्नौज सौरिख बताया है। उसके कब्जे से करीब दो किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई। गजेंद्र सिंह के मुताबिक ये हेरोइन मुख्यत: थाइलैंड, म्यांम्यार, लाओस में उत्पादित की जाती है। मणिपुर, इंफाल के रास्ते इसकी तस्करी होती है। वहां से लाने के बाद वो गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ इसे देश के कई प्रांतों में सप्लाई करता है। बरामद हेरोइन वो दीमापुर से लेकर कानपुर पहुंचा था।
व्यापार में घाटा होने पर बन गया ड्रग किंग
पूछताछ में ड्रग किंग गजेंद्र सिंह ने UPSTF को बताया कि मध्य प्रदेश में उसका टायर का कारोबार था। व्यापार में लंबा घाटा और परिवार पर कर्ज हो जाने पर उसे साल 2015 में अपनी एजेंसी बंद करनी पड़ी। इसी दौरान मणिपुर के रहने वाले एक फकीर से उसकी भोपाल में मुलाकात हो गई। फकीर ने गजेंद्र की मुलाकात अपने गांव के फिरोज से करवा दी। फिरोज हेरोइन का बड़ा तस्कर था। धन का लालच देकर उसने गजेंद्र को अपना कैरियर बना लिया।
2017 में गुहाटी पुलिस ने पहली बार गजेंद्र को पकड़ा
गजेंद्र सिंह मणिपुर निवासी फिरोज के संपर्क में आने के बाद से लगातार विदेशी हेरोइन को लाकर यूपी, एमपी, राजस्थान समेत कई जगहों पर डिलीवरी देने लगा। इसके बाद उसने खुद के भी कई ग्राहक तैयार कर लिए। जुलाई 2017 में उसे गुहाटी पुलिस ने 2 किलोग्राम हेरोइन के साथ धर दबोचा। करीब नौ महीने तक वो जेल में बंद रहा। जेल से छूटने के बाद वो फिर से इस कारोबार में सक्रिय हो गया। पुलिस की निगाह से बचने के लिए इस बार उसने अपना ठिकाना कन्नौज के सौरिख थाना एरिया के एक गांव को बनाया ताकि किसी को शक न हो। बकौल गजेंद्र वो महीने में 8 से 10 किलोग्राम तक हेरोइन की खपत कर रहा था।
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