Lok Sabha Election 2019 में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी निगाहें Uttar Pradesh में होने वाले विधान सभा के उपचुनावों पर जमा दी हैं। 11 विधायक इस बार सांसद बने हैं। 8 BJP के हैं, जिसमें 3 योगी सरकार में कैबिनेट हैं। सूत्रों की मानें तो संगठन ने विधान सभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर बेहद गोपनीय स्तर पर संभावित बड़े दावेदारों का Report Card मांगा है। Kanpur की गोविंदनगर विधान सभा के लिए "एक अनार, सौ बीमार" वाली कहावत चरित्रार्थ होती दिखाई दे रही है। यहां से करीब एक दर्जन नेता दावेदारी कर रहे हैं। BJP उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी और क्षेत्रीय प्रेसीडेंट मानवेंद्र सिंह के बारे में बेहद ही गोपनीय रिपोर्ट संगठन के बड़े पदाधिकारी की तरफ से शीर्ष नेतृत्व को भेजी गई है।
YOGESH TRIPATHI
अशोक चंदेल (बेबी) की सदस्यता रद्द करने के लिए लिखा पत्र
उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एम.वेंकटेश्वर लू ने बुधवार को हमीरपुर से बीजेपी के विधायक अशोक सिंह चंदेल (बेबी) की सदस्यता रद्द करने के लिए प्रमुख सचिव (विधान सभा) प्रदीप दुबे और प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार को पत्र लिखा। मालुम हो कि अशोक चंदेल को पांच लोगों की सामूहिक हत्या में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा मुकर्रर की। जिसके बाद वे सरेंडर कर जेल चले गए। अशोक चंदेल की सदस्यता रद्द होने पर UP की 12 विधान सभा पर उपचुनाव होंगे।
संगठन की ताकतवर नेत्री ने लिया फीडबैक
बीजेपी संगठन की एक ताकतवर नेत्री ने गोविंद नगर विधान सभा (उपचुनाव) के मद्देनजर दो बड़े नेताओं सुरेंद्र मैथानी और मानवेंद्र सिंह के बाबत जानकारियां जुटाईं। सूत्रों की मानें तो ये रिपोर्ट बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल को भेजी जानी है। चर्चा है कि जीत से उत्साहित भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और संगठन विधान सभा के उपचुनाव जल्द से जल्द कराना चाह रहा है। कयास लगाए जा रहे है कि जुलाई या फिर अगस्त माह में उपचुनाव हो सकते हैं। खास बात ये है कि फीडबैक लेने वाली संगठन की ताकतवर नेत्री वही हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में www.redeyestimes.com (News Portal) की खबर को संज्ञान में लेकर विस्तृत रिपोर्ट हाईकमान को भेजी थी और शीर्ष नेतृत्व ने 12 घंटे बाद अकबरपुर लोकसभा में यूपी बीजेपी के पूर्व प्रेसीडेंट लक्ष्मीकांत बाजपेयी को प्रभारी बनाकर कैम्प करने के लिए भेज दिया था। ये खबर बीजेपी प्रत्याशी को लेकर ब्राम्हणों में पनपे असंतोष को लेकर पोर्टल ने चुनाव से 10 दिन पहले प्रकाशित की थी।
गोविंदनगर में “एक अनार और 100 बीमार”
गोविंद नगर से विधायक सत्यदेव पचौरी ने लोकसभा का चुनाव भारी मतों से जीता है। श्रीपचौरी योगी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर भी हैं। उनके चुनाव जीतने के बाद ये सीट रिक्त हो चुकी है। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी से करीब एक दर्जन से अधिक नेता अपना दावा ठोंक रहे हैं। इसमें करीब आधा दर्जन वो नेता हैं जो लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हुए हैं। वहीं, बीजेपी के एक पूर्व जिलाध्यक्ष, एक पूर्व विधायक समेत करीब आधा दर्जन बड़े नेता काफी मजबूती से पैरवी भी कर रहे हैं। सभी अपने करीबी बड़े नेताओं के जरिए संगठन स्तर पर पैरवी भी करवा रहे हैं। हालांकि इसमें कुछ ऐसे भी दावेदार हैं जो सिर्फ फेसबुक और होर्डिग्स तक के दायरे में ही सीमित हैं। संगठन स्तर पर न तो उनकी मजबूत पकड़ है और न ही उनकी पैरवी करने वाला कोई बड़ा नेता ही।
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मानवेंद्र सिंह ने नहीं की है दावेदारी
बड़े सूत्रों की मानें तो मानवेंद्र सिंह ने फिलहाल अभी तक दावेदारी नहीं की है। लेकिन क्षेत्रीय अध्यक्ष होने की वजह से संगठन के सभी बड़े नेता न सिर्फ उनको जानते हैं बल्कि कई से उनके करीबी संबध भी हैं। हर चुनाव में उनके चुनाव लड़ने की चर्चाएं होती हैं लेकिन उन्होंने कभी दावेदारी संगठन स्तर पर नहीं की है। इस उपचुनाव में भी उन्होंने दावेदारी नहीं है। सूत्रों की मानें तो मानवेंद्र सिंह की जो रिपोर्ट है उसके मुताबिक “शहर की राजनीति में मानवेंद्र सिंह का कोई बड़ा योगदान नहीं है। बीजेपी के निचले स्तर के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर उनकी मजबूत पकड़ भी नहीं है। मानवेंद्र सिंह का प्लस प्वाइंट ये है कि मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में लोकसभा और विधान सभा के चुनाव में बीजेपी ने बड़ी सफलता हासिल की है।
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शहर की नब्ज को बखूबी से जानते हैं पंडित सुरेंद्र मैथानी
मानवेंद्र सिंह के बाद दूसरा नाम सुरेंद्र मैथानी का है। कार्यकर्ता चाहे उत्तर का हो या फिर दक्षिण का वे हर किसी के साथ खड़े रहते हैं। पंडित सुरेंद्र मैथानी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। Twitter पर उनके एक्टिव होने की वजह से पिछले चुनाव में अमित शाह ने मंच से सुरेंद्र मैथानी का नाम लेकर कहा था कि यूपी में सिर्फ सुरेंद्र मैथानी ही एक मात्र जिलाध्यक्ष हैं जो ट्वीटर पर खासे एक्टिव रहते हैं। सुरेंद्र मैथानी को बीजेपी संगठन के साथ-साथ RSS के कई बड़े पदाधिकारियों की “छत्र छाया” है। कार्यकर्ता भी उनको बखूबी पसंद करते हैं। “सुरेंद्र मैथानी के बारे में जो रिपोर्ट है उसके मुताबिक शहर की नब्ज को जानने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के काफी करीब हैं। उत्तर हो या दक्षिण हर जगह उनकी तगड़ी पैठ है। साथ ही वे ब्राम्हण भी हैं। चूंकि गोविंदनगर में ब्राम्हण वर्ग का मतदाता काफी संख्या में है। इस लिहाज से उनको प्रत्याशी बनाया जाना बीजेपी के हित में ठीक रहेगा।“ हालांकि ब्राम्हण नेता के तौर पर करीब आधा दर्जन लोग दावेदारी कर रहे हैं।
अभी तक 8 नेताओं ने की है दावेदारी
जानकार सूत्रों की मानें तो बीजेपी संगठन के पास अभी तक कुल 8 नेताओं की दावेदारी पहुंची है। इसमें एक दूसरे दल से आए ब्राम्हण नेता के साथ-साथ BJP संगठन में लंबे समय से काम कर रहे दो पूर्व छात्रसंघ के पदाधिकारी हैं। शहर के दक्षिणी एरिया से अभी तक सिर्फ एक लोगों ने ही दावा ठोंका है। माना जा रहा है कि जल्द ही करीब आधा दर्जन और नेताओं की दावेदारी भी संगठन के पास पहुंच जाएगी। इसमें एक पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ-साथ पूर्व महापौर की तरफ से भी दावेदारी किए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
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