Lok Sabha Election 2019 के चौथे चरण की मतदान प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस फेज में यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर 29 एप्रिल को मतदान हुआ है। Kanpur Nagar और अकबरपुर लोकसभा में भी 29 को वोटिंग हुई। वोटिंग के बाद से अब तक सोशल मीडिया में दो ऑडियो वॉयरल हुए हैं। दोनों ही ऑडियो में नेताओं की बातचीत से स्पष्ट है कि बड़े भीतरघात से जुड़ा ये मामला अकबरपुर लोकसभा का ही है। बातचीत के दौरान ब्राम्हण नेता और नेत्री सीधे-सीधे चैलेंज कर रहे हैं कि इस बार BJP प्रत्याशी देवेंद्र सिंह (भोले) को हर कीमत पर चुनाव में शिकस्त दिलानी है। एक ऑडियों में तो जमकर गाली-गलौज भी है। www.redeyestimes.com (News Portal) को बड़े सूत्रों से खबर है कि 3 विधायकों के खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट BJP हाईकमान के पास भेजी गई है। रिपोर्ट में तीनों पर भीतरघात कराने का जिक्र साफ-साफ है। दो विधायकों पर चुनाव में सहयोग न करने का आरोप है। सूत्रों की मानें तो ये रिपोर्ट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने गोपनीय स्तर पर अवलोकन करने के बाद वोटिंग के बाद तुरंत ही सौंप दी।


[caption id="attachment_19366" align="alignnone" width="695"] अकबरपुर लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी निशा सचान के समर्थन में वोट मांगते पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के भाई जगविजय कटियार।[/caption]

YOGESH TRIPATHI


परिणाम के बाद बढ़ेगी BJP के अंदर की बड़ी रार


23 मई को मतगणना होनी है। चुनाव परिणाम के बाद माना जा रहा है कि कानपुर देहात की बीजेपी के अंदर बड़ी रार सामने आ सकती है। सोशल मीडिया पर वॉयरल दो आडियों में एक बीजेपी की नेत्री का भी है। ब्राम्हण वर्ग की ये नेत्री सीधे तौर पर अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता से कह रही है कि गठबंधन के प्रत्याशी को वोट और सपोर्ट करवाओ। ये नेत्री एक कद्दावर ब्राम्हण नेता का भी नाम ले रही है। करीब दो मिनट के इस आडियो में नेत्री कहती है कि भाजपा की औकात तो 50 महिला कार्यकत्रियों को भी रैली में लाने की नहीं थी, लेकिन वो 6 हजार महिलाओं को लेकर पहुंची.....।


दूसरा आडियो भी इसी ब्राम्हण नेता के समर्थक का है। जिसमें वो साफ-साफ अपने ही पार्टी के कार्यकर्ता से कह रहा है कि गाड़ी नहीं दी गई है। गाड़ी नेता जी ने अपनी तरफ से दी है। नेताजी नहीं चाहते हैं कि देवेंद्र सिंह (भोले) चुनाव जीतें। फिर ये कार्यकर्ता कहता है कि ब्राम्हणों को अब बीजेपी में तरजीह नहीं दी जा रही है। चार टिकट दिए गए हैं। कन्नौज में क्या....। इसके बाद तमाम गालियों से बातचीत भी आडियो में है। खबर है कि ये आडियो भी हाईकमान के पास भेजे गए हैं। वहीं बड़े पैमाने पर भीतरघात की खबर वाले आडियो के जारी होने से प्रत्याशी और उनके समर्थकों में बेचैनी बड़ गई है।

उल्लेखनीय है कि www.redeyestimes.com (News Portal) ने चुनाव से काफी पहले ही रनिया विधान सभा, बिठूर विधान सभा, कल्याणपुर विधान सभा में बड़े पैमाने पर हो रहे भीतरघात की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। साथ ही कल्याणपुर में पूर्व मंत्री प्रेमलता कटियार के भाई जगविजय कटियार की तरफ से गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगने वाली फोटो भी पोर्टल ने प्रकाशित कर भीतरघात की खबर प्रकाशित की थी। इन दोनों खबरों के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी को प्रभारी बनाकर अकबरपुर लोकसभा में भेजा। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का कार्यक्रम लगाया गया। RSS के प्रांतीय पदाधिकारी समेत कई दिग्गज चुनाव के अंतिम दिन तक कैम्प करते रहे। उसके बाद भी बड़े स्तर पर भीतरघात हो ही गया।


चुनाव में साफ-साफ दिखाई दी गुटबाजी


बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र सिंह (भोले) को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है। टिकट दिलवाने में भी उनकी बड़ी भूमिका बताई जा रही है। वहीं, जिन तीन विधायकों की निगेटिव रिपोर्ट भेजी गई है वे सभी संगठन के एक बड़े ताकतवर नेता के खास हैं। यही वजह है कि चुनाव में खुल्लम-खुल्ला विरोध किया गया। एक बीजेपी विधायक को वोटिंग वाले दिन RSS के एक पदाधिकारी अपने साथ दोपहर दो बजे तक लिए रहे। सूत्रों की मानें तो क्षेत्रीय संगठन के एक ताकतवर पदाधिकारी के बारे में भी निगेटिव रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई है।

 

 
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