Lok Sabha Election 2019 : चुनाव विधान सभा का हो या फिर लोकसभा का, सभी राजनीतिक दल जनता का मिजाज जानने के लिए सर्वे करवाते हैं। कुछ राष्ट्रीय दल तो साल में दो-दो बार भी सर्वे करवाते हैं। 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर BJP ने अपना सर्वे करवाया है उससे न सिर्फ शीर्ष नेतृत्व बल्कि RSS के दिग्गज भी हक्के-बक्के हैं। जी, हां इस सर्वे में त्रिशंकु संसद की तस्वीर स्पष्ट आई है। सभी राजनीतिक दल बहुमत से कोसों दूर नजर आ रहे हैं। BJP और RSS के शीर्ष की परेशानी इस लिए और भी बढ़ गई है क्यों कि इस सर्वे में भाजपा दूसरे नंबर पर है। पहले पायदान पर कांग्रेस पार्टी है लेकिन बहुमत से वो भी काफी दूर है। बेहद गोपनीय इस सर्वे में देश के सबसे बड़े राज्य Uttar Pradesh में सपा-बसपा गठबंधन को 60 प्रतिशत से अधिक सीटों पर विजय मिलने की बात सामने आई हैं। मतलब साफ है कि UP की करीब 50 लोकसभा सीटें अखिलेश यादव की सपा और मायावती की बहुजन समाज पार्टी के खाते में जाती दिखाई दे रही हैं।



YOGESH TRIPATHI


सर्वे में NDA को सिर्फ 182 सीट


सर्वे बेहद चौंकाने वाला है। इस सर्वे में केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में सिर्फ 151 सीटे मिलने की उम्मींद है जबकि बीजेपी के सहयोगी दलों को करीब 31 सीटें मिलने का अनुमान है। यही वजह है कि BJP-RSS के दिग्गज इस सर्वे रिपोर्ट के बाद बेहद चिंतित हैं।


कांग्रेस को 141 सीटें मिलने का अनुमान


संघ के अंतर्गत सर्वेक्षण से प्राप्त रिपोर्ट में कांग्रेस को 141 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि उसके सहयोगी दलों को 75 सीटें मिल सकती हैं।



उत्तर प्रदेश— यूपी में सबसे अधिक 80 लोकसभा की सीटें हैं। यहां बसपा-सपा-आरएलडी गठबंधन को 60 प्रतिशत सीटों (50) सीटों पर सफलता मिलने की उम्मींद है। जबकि बीजेपी गठबंधन को 25 से 30 सीट और कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटें मिलने की उम्मींद व्यक्त की गई है।

महाराष्ट्र— यूपी के बाद नंबर महाराष्ट्र का नंबर आता है। यहां लोकसभा की 48 सीटें हैं। यहां कांग्रेस को 10, कांग्रेस के सहयोगी दलों को 10, बीजेपी को 16, बीजेपी के सहयोगी दलों को 12 सीटों पर सफलता मिलने की उम्मींद सर्वे में है।

पश्चिम बंगाल— पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटे हैं। पश्चिम बंगाल में 23 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स निर्णायक भूमिका में है। सर्वे में यहां कांग्रेस को 4 सीट, बीजेपी को 2 सीट और तृणमूल कांग्रेस को 36 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

बिहार—बिहार में 40 लोकसभा की सीटें हैं। यहां पर कांग्रेस को 4, कांग्रेस गठबंधन को 14, बीजेपी को 13 और गठबंधन को 9 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।

तमिलनाडु—तमिलनाडु में 39 लोकसभा की सीटें हैं। यहां कांग्रेस को 7, कांग्रेस के सहयोगियों को 27 सीटें और बीजेपी के सहयोगी दलों को 5 सीटें मिलने का अनुमान है। यहां पर बीजेपी का खाता खुलता नहीं दिखाई दे रहा है.

गुजरात—बीजेपी के गढ़ गुजरात प्रांत में लोकसभा की कुल 26 सीटें हैं। यहां पर बीजेपी का पलड़ा काफी भारी है। हालांकि पिछली बार से कुछ कमजोर है। गुजरात में बीजेपी को 20 सीटें और कांग्रेस को 6 सीटें मिलने का अनुमान हैं। पिछली बार गुजरात ने सभी सीटें जीती थीं।

कर्नाटक—कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। यहां कांग्रेस को 14, कांग्रेस के सहयोगियों को 5 जबकि बीजेपी को 9 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया जा रहा है।


खास बात ये है कि इस बीजेपी के अंदरूनी और गोपनीय सर्वे से बीजेपी शीर्ष और संघ काफी चिंतित है। इस सर्वे की खास बात ये होती है कि इसमें अधिक से अधिक लोगों का सहभाग होता है। ये सर्व विदित है कि RSS की शाखाएं देश के कोने-कोने में हैं। संघ के आधार पर ही बीजेपी खड़ी और टिकी हुई है। ये सर्वे रिपोर्ट कहीं परिणाम में तब्दील न हो जाए इस लिए BJP-RSS की बेचैनी बढ़ी है।


https://youtu.be/F3sNVuHKRmw

2019 के चुनाव में “नोटा” को लेकर चिंतित हैं RSS चीफ, देखें Video


मध्य, प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में कुछ महीना पहले हुए चुनाव में “नोटा” ने बीजेपी के सारे समीकरण बिगाड़ दिए थे। यही वजह रही थी कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनते-बनते रह गई। कमोवेश यही हालात राजस्थान का भी रहा। यहां भी नोटा से बीजेपी को तगड़ा नुकसान हुआ। अंदरखाने की मानें तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत लोकसभा चुनाव में “नोटा के सोटा” को लेकर काफी गंभीर और चिंतित हैं। श्रीभागवत कई मौकों पर सार्वजनिक तौर पर ये बातें कह भी चुके हैं।

साभार : नागपुर टाइम्स
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