Lok Sabha Election 2019 की नामांकन प्रक्रिया के बाद अब Kanpur सीट पर विजयश्री के लिए "शह-मात" का खेल Start हो गया है। @INCIndia प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल (@SPJaiswalKanpur) BJP के दो मजबूत “किला” ढहाने की मुहिम में जुट गए हैं। इसके लिए उन्होंने अपने “योद्धाओं” की तैनाती भी कर दी है। 5 में से 3 विधान सभाओं में उन्होंने "कांटे से कांटा" निकालने के लिए "जनेऊ धारी" नेताओं को बागडोर सौंपी है। ब्राम्हण बाहुल्य किदवईनगर और गोविंदनगर के साथ-साथ आर्यनगर में चुनाव की कमान ब्राम्हण नेताओं के पास रहेगी। आर्यनगर विधान सभा की कमान वहां के वर्तमान विधायक सोहेल अंसारी के पास रहेगी। जबकि अपने बेहद विश्वास पात्र संजीव दरियाबादी को उन्होंने सीसामऊ के मोर्चे पर लगाया है।
Yogesh Tripathi
आलोक मिश्रा के हाथों में सौंपी किदवईनगर की बागडोर
शहर के प्रतिष्ठित डीपीसी स्कूल के प्रबंधक आलोक मिश्रा पुराने और दिग्गज कांग्रेसी नेता हैं। आलोक मिश्रा की धर्मपत्नी बंदना मिश्रा दो साल पहले कांग्रेस के टिकट पर मेयर का चुनाव लड़ चुकी हैं। आलोक मिश्रा के अनुभवों और ब्राम्हणों के बीच बेहतर संपर्क होने की वजह से श्रीप्रकाश ने उनको किदवईनगर विधान सभा की जिम्मेदारी दी है। आलोक मिश्रा के साथ शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस कमेटी के महासचिव संदीप शुक्ला को भी जिम्मेदारी दी गई है। ये दोनों नेता किदवईनगर विधान सभा में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने के लिए न सिर्फ हर रणनीति बनाएंगे बल्कि बीजेपी प्रत्याशी से नाराज विरोधियों को जोड़ने का काम भी करेंगे।
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आलोक मिश्रा चूंकि पहले कई चुनाव लड़ चुके हैं इस लिए उन पर अधिक विश्वास कर किदवईनगर जैसी विधान सभा का जिम्मा सौंपा गया है। पिछले चुनावों के परिणामों पर यदि गौर करें तो किदवई नगर विधान सभा बीजेपी के लिए “संजीवनी” का काम करती रही है। यही वजह है कि इस बार कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश का फोकस यहां पर है। पिछले दो दिनों से वे खुद संजय वन, किदवईनगर, नौबस्ता समेत कई एरिया में चाय पर चर्चा करते नजर आ चुके हैं। खास बात ये है कि इस बार यहां पिछले चुनाव में भाजपा को वोट करने वाले कुछ प्रतिशत वोटर्स कांग्रेस में डॉयवर्ट हो सकता है।
शैलेंद्र दीक्षित को मिली गोविंदनगर की कमान
कांग्रेसी नेता शैलेंद्र दीक्षित की गिनती श्रीप्रकाश के बेहद खास लोगों में होती है। श्रीप्रकाश की पहल पर ही 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने शैलेंद्र दीक्षित को गोविंदनगर विधान सभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में शैलेंद्र दीक्षित बीजेपी के सत्यदेव पचौरी से हार गए थे लेकिन उन्हें करीब 52 हजार के आसपास वोट मिले थे। यही वजह है कि शैलेंद्र दीक्षित को गोविंदनगर विधान सभी की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि अंदरखाने की जो रिपोर्ट है उसके मुताबिक इस विधान सभा एरिया श्रीप्रकाश का “किला” इस बार काफी मजबूत है। उसके पीछे कई वजहें भी हैं। जानकारों की मानें तो बीजेपी को इस बार सबसे अधिक नुकसान रतनलाल नगर मंडल के 6 वार्डों में हो सकता है। इसके संकेत भी अभी से दिखने लगे हैं। कुछ कद्दावर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश का समर्थन खुल्लम-खुल्ला कर रहे हैं।
हरप्रकाश अग्निहोत्री संभालेगें अपना ही “घर”
शहर कांग्रेस अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री को अपना “घर” (आर्यनगर विधान सभा) संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। हरप्रकाश का घर भी इसी विधान सभा के अंतर्गत आता है। उनकी क्षेत्र में काफी तगड़ी पैठ करीब-करीब हर वर्ग और जाति के बीच है। बेहद मृदुभाषी हरप्रकाश के साथ कुछ और लोगों को भी उनके सहयोगी के तौर पर लगाया गया है।
सीसामऊ के मोर्चे पर तैनात किए गए संजीव दरियाबादी
शहर में कांग्रेस प्रत्याशी के यदि कुछ विश्वासपात्र लोगों की बात की जाए तो उसमें एक नाम पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी का भी है। दोनों के बीच बांडिंग भी काफी अच्छी है। संजीव दरियाबादी को सीसामऊ विधान सभा की जिम्मेदारी मिली है। चूंकि इस विधान सभा एरिया में दलितों का वोट बैंक ठीक-ठाक है। संजीव की अपनी बिरादरी के साथ-साथ अन्य जाति के वोटों पर भी बेहतर पकड़ है इस लिए उनको सीसामऊ की कमान दी गई।
विधायक सोहेल अंसारी को कैंट का दायित्व
मोदी और बीजेपी लहर में भी कैंट विधान सभा का चुनाव जीतने वाले कांग्रेस विधायक को उनकी ही विधान सभा का जिम्मा दिया गया है। यहां मुस्लिम वोटर्स काफी तादात में हैं। इन पर सोहेल अंसारी की तगड़ी पकड़ है। यहां भी सोहेल के साथ कुछ अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की टीम को लगाया गया है।
20 अप्रैल के बाद हो सकता है प्रियंका गांधी का रोड शो
कानपुर में चुनाव चौथे चरण यानि 29 अप्रैल को है। सिर्फ 16 दिन बचे हैं जब जनता वोट की चोट करेगी लेकिन खास बात ये है कि अभी तक चुनावी शोर कहीं नजर नहीं आ रहा है। बड़े सूत्रों की मानें तो इसके पीछे भी कांग्रेस की प्लानिंग गजब की है। कांग्रेस अभी तीन-चार दिन और चुनावी शोर नहीं मचाएगी। इसके बाद अचानक चुनाव प्रचार को काफी गति देगी। चर्चा है कि 20 अप्रैल के बाद कभी भी प्रियंका गांदी का रोड शो हो सकता है। इस लिए अलग से प्लानिंग की जा रही है कि प्रियंका का किस एरिया में रोड शो कराने से कांग्रेस प्रत्याशी को लाभ होगा और बीजेपी प्रत्याशी को नुकसान। माना जा रहा है कि प्रियंका का रोड शो South City की सड़कों और गलियों में होगा।
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