Kanpur के बिठूर थाने की हवालात में एक युवक संदिग्ध परिस्थितियों में "आग का गोला" बन गया तो वहां मौजूद पुलिस वालों के होश उड़ गए। युवक की आग बुझाने के बाद उसे बेहद गुपचुप तरीके से पुलिस ने रामा हॉस्पिटल में भर्ती कराया। युवक कैसे और किन परिस्थितियों में जला ये बड़ा “यक्ष प्रश्न” बना है। हमेशा की तरह आला अफसर एक बार फिर अपने मातहतों को बचाने में जुट गए। हालांकि जब ये खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली तो Kanpur Nagar Police थोड़ा बैकफुट पर आई। परिजनों ने काफी देर तक अस्पताल परिसर में हंगामा कर बिठूर थानेदार और उनके अधीनस्थों के खिलाफ बेहद संगीन इल्जाम लगाए हैं। परिवार का आरोप है कि युवक को बेरहमी से पीटने के बाद उसके गुप्तांग में पेट्रोल डाला गया। जब पुलिस वालों का मन इससे भी नहीं भरा तो उसे करंट लगा दिया। चूंकि शरीर पर पहले से ही पेट्रोल था इस लिए युवक पल भर में ही "आग का गोला" बन गया। Kanpur Police की तरफ से Twitter पर SSP (KNR) अनंत देव त्रिपाठी के बयान वाला Video जारी किया गया है। जिसमें श्रीत्रिपाठी ने कहा कि युवक से पूछताछ की जा रही थी। लघु शंका का बहाना बनाकर युवक गया और आग लगा ली।
https://twitter.com/kanpurnagarpol/status/1113051867154735110
YOGESH TRIPATHI
हत्या के मामले में मोनू को लाई थी बिठूर पुलिस
युवक के साथ थर्ड डिग्री देकर उसे जलाने का मामला जब तूल पकड़ा तो खबर परिजनों को भी लगी। आनन-फानन में परिवार के सदस्य बिठूर थाने पहुंचे लेकिन पुलिस ने किसी को युवक की लोकेशन नहीं बताई। इस पर परिवार के लोगों ने हंगामा शुरु कर दिया। घटना की पृष्ठभूमि में बताया जा रहा है कि बिठूर के भिडैया गांव निवासी रामसजीवन के बेटे निर्मल निषाद (22) का शव गुरुवार को रेलवे ट्रैक के किनारे पड़ा मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरु की। मंडे की नाइट पुलिस मृतक के जीजा उन्नाव के गंगाघाट निवासी संजय के भाई मोनू और उसके साथी सोनू को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर बिठूर आई। सुबह करीब चार बजे मोनू थाना परिसर में आग का गोला बन गया।
थाना पुलिस के पैरों के नीचे से खिसकी जमीन
बताया जा रहा है कि काफी देर तक पुलिस ने मोनू से पूछताछ की। सुबह करीब चार बजे जब मोनू आग की लपटों में घिरा तो पुलिस वालों के हाथ-पांव फूल गए। किसी तरह आग बुझाने के बाद थाना पुलिस उसे लेकर रामा अस्पताल पहुंची। अस्पताल के एक गोपनीय कमरे में मोनू का चिकित्सकों ने इलाज शुरु किया। इस बीच मोनू के परिजन पहुंचे तो सभी बवाल करने लगे। सूचना पर कल्याणपुर क्षेत्राधिकारी पहुंचे। वहां मौजूद बिठूर थानेदार ने सीओ को बताया कि मोनू ने खुद आग लगा ली है।
थर्ड डिग्री के बाद दी एनकाउंटर की धमकी
अस्पताल में भर्ती मोनू ने मीडिया को बताया कि उसे थाने में लाने के बाद काफी देर तक बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि इसके बाद उसके शरीर के नाजुक अंगों में पेट्रोल डाला गया। आरोप है कि पुलिस वाले बीच-बीच में एनकाउंटर की धमकी देते रहे। कुछ देर बाद पुलिस ने करंट लगाया तो वो आग की लपटों में घिर गया। हालांकि कुछ देर बाद ही वो मीडिया के कैमरों के सामने अपने ही बयान से पलट गया और परिवार के लोग भी कहने लगे कि पुलिस से कौन भिड़ पाया है। ठीक है आप लोग रहने दीजिए।
एक सफेद झूठ के लिए कई मनगढ़ंत “कहानियां”
मोनू का कहना है कि पुलिस ने पेट्रोल डालने के बाद करंट लगाया जिसकी वजह से वो आग की लपटों में झुलस गया। वहीं पुलिस का कहना है कि मोनू ने खुद ही आग लगा ली। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर माचिस और ज्वलनशील पदार्थ कहां से आया ? इस पर पुलिस काफी देर तक जवाब देने से बचती रही। लेकिन बाद में SSP ने अपना बयान देकर वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि मोनू ने खुद आग लगाई है। माचिस और ज्वलनशील पदार्थ के बाबत उन्होंने कहा कि उसने अपने पास रखा था। सवाल ये उठता है कि यदि अंगुली में लोहे का छल्ला हो तो हवालात में डालने से पहले उसे भी उतार लेने वाली पुलिस आखिर माचिस और पेट्रोल क्यों नहीं खोज पाई ? क्या दबिश के दौरान मोनू अपने घर में पेट्रोल और माचिस जेब में लेकर सो रहा था ? तमाम ऐसे “यक्ष प्रश्न” हैं जो पुलिस के दावों की पोल खोलते हैं।
पुलिस के खौफ से मोनू ने पलटा बयान
इसे पुलिस का खौफ कहें या फिर मजबूरी। मीडिया के सामने चीख-चीखकर पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का इल्जाम लगाने वाला मोनू कुछ घंटों में ही अपने बयान से मुकर गया। मोनू ने काफी देर बाद जब दुबारा पुलिस की मौजूदगी में बयान दिया तो उसने कहा कि पुलिस के डर से उसने खुद ही आग लगा ली।
थाने की “तीसरी आंख” खराब
बिठूर थाना परिसर में लगा CCTV कैमरा अफसरों को खराब मिला। सवाल ये है कि कैमरा आखिर कब से खराब है ? खराब है या फिर खराब किया गया ? खराब है तो कब से ? क्या इसे ठीक कराने के लिए कभी थाना पुलिस की तरफ से अफसरों को पत्र लिखा गया या फिर अपनी तरफ से भी थाना पुलिस ने कोई कोशिश की। CCTV के खराब होने की पुष्टि तो एक्सपर्ट ही कर सकेंगे। पूरे मामले पर सीओ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
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