देश की राजधानी Delhi की तिहाड़ जेल से रोंगटे खड़ी कर देने वाली खबर आई है। मुस्लिम बंदी नाबिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी के दौरान जेल अधीक्षक राजेश चौहान पर संगीन इल्जाम लगाते हुए बताया कि जेल नंबर 4 के सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान ने उसकी पीठ पर ऊँ का निशान गोद दिया। कोर्ट ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। अदालत ने मामले की जांच DIG स्तर के अफसर को सौंपी है। बंदी नाबिर को चार नंबर जेल से एक नंबर में शिफ्ट किया गया है।
YOGESH TRIPATHI
आर्म्स एक्ट के मामले में बंद है नाबिर
बंदी नाबिर न्यू सीलमपुर का रहने वाला है। आर्म्स एक्ट के मामले में न्यायिक हिरासत में लेकर कोर्ट ने उसे जेल भेजा है। नाबिर जेल नम्बर 4 में रखा गया था। नाबिर का आरोप है कि जेल में मिले इंडक्शन चूल्हे के खराब होने की शिकायत की थी, जब सुनवाई नहीं हुई तो उसने बार-बार शिकायत की। इस पर सुपरीटेंडेंट काफी भड़क गए और नाबिर को अपने ऑफिस में बुलाया।
नाबिर को मिली शिकायत करने की सजा
नाबिर के मुताबिक पहले उसे धमकी दी गई। आरोप है कि जेल अधीक्षक ने कहा कि “तू बहुत शिकायत करता है और यहां का नेता बनता है, आज तुझे हम सबक सिखाएंगे”। उसके बाद जेल अधीक्षक ने कुछ लोगों के साथ मिलकर नाबिर की पिटाई कर दी। इल्जाम है कि गर्म धातु से उसकी पीठ पर ॐ गोद दिया। आरोप है कि उसकी पीठ को सिगरेट से भी दागा गया है। कई दिनों तक उसे भूखे पेट सोना पड़ा।
क्या कहते हैं जेल अधीक्षक ?
जेल अधीक्षक राजेश चौहान ने आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है। जेल अधीक्षक का कहना है कि नाबिर ऐसा जानबूझकर कर रहा है। जेल अधीक्षक ने बताया कि वो जेल से शिफ्ट होने के लिए ये सब कर रहा है। जेल प्रशासन की यदि सभी दलीलों को सही मान लिया जाए तो भी ये बड़ा यक्ष प्रश्न है कि नाबिर की पीठ पर ॐ का निशान आखिर कैसे बना ? जाहिर है कि उसने खुद तो बनाया नहीं होगा ? क्यों कि कोई भी इंसान अपनी पीठ पर ये नहीं कर सकता है। इस सवाल का जवाब तिहाड़ जेल प्रशासन के पास नहीं है।
इनपुट साभार--ABP News
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