Lok Sabha Election 2019 : चुनाव आचार संहिता 10 मार्च को लागू हो चुकी है। राजनीतिक दलों को ही नहीं बल्कि देश की आम जनता को भी इसका कड़ाई से पालन करना होता है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकारी मिशनरी पूरी तरह से सत्ताधारी दल BJP के लिए कार्य कर रही है। शताब्दी एक्सप्रेस जैसी VVIP ट्रेन में “मैं भी चौकीदार” लिखे पेपर कप में चाय परोसने का फोटो सोशल मीडिया में वॉयरल होने के बाद हड़कंप मच गया। हरकत में आए रेल मंत्रालय ने आनन-फानन में इन कपों को तुरंत हटवाया। रेलवे की तरफ से ठेकेदार और सुपरवाइजर पर कठोर कार्रवाई की बात कही जा रही है।
YOGESH TRIPATHI
IRCTC ने कहा, नहीं ली गई थी कोई स्वीकृति
IRCTC के प्रवक्ता ने कहा ''मैं भी चौकीदार” वाले इस पेपर कप के लिए हमसे कोई भी पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई थी। इस मामले में पर्यवेक्षक/पैंट्री इंचार्ज से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सेवा प्रदाता पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सेवा प्रदाता को इस कदाचार के लिए नोटिस भी दिया गया है।
https://twitter.com/ANI/status/1111532796491825152
Twitter पर वॉयरल की गई तस्वीर
शताब्दी में सफर करने वाले एक यात्री का दावा है कि इन पेपर कपों में दो बार चाय पिलाई गई। कप पर विज्ञापन संकल्प फाउंडेशन नामक NGO की तरफ से किया गया था। इससे पहले एयर इंडिया और रेलवे के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों को लेकर भी चुनाव आयोग ने दोनों संस्थाओं से जवाब मांगा था। गौरतलब है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इस तरह के समाग्रियों पर रोक लगा दिया जाता है।
सत्ताधारी दलों से जुड़े रहते हैं अधिकांश NGO
जानकारों की मानें तो अधिकांश NGO सत्ताधारी दलों से जुड़े होते हैं। इसमें राजनीतिक दलों के नेताओं के परिवारीजन से लेकर रिश्तेदार, तमाम अफसरों के परिजन के साथ-साथ सफेदपोश लोगों के स्वयं सेवी संगठन सत्ता से साठगांठ कर सरकार से लाभ समय-समय पर प्राप्त करते हैं। इन NGO के जरिए नेता और मंत्री तमाम से कार्य करवाते हैं। सरकारी ठेका दिलाने के बदले मोटी रिश्वत और कमीशन का भी खेल चलता है। सरकारी कार्यों का ठेका भी इनको सेटिंग-गेटिंग के फार्मूलें के बल पर ही मिलता है। तमाम ऐसी सरकारी योजनाएं हैं जो सिर्फ और सिर्फ NGO के बल पर ही संचालित करवाई जा रही हैं।
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