देश के PM नरेंद्र मोदी ने Twitter पर अपना नाम बदल लिया है। उनका नया नाम “Chowkidar Narendra Modi” है। उनके नाम बदलते ही बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने भी Twitter पर अपना नाम बदल लिया है। इसमें बीजेपी प्रेसीडेंट अमित शाह और Modi कैबिनेट के Minister पियूष गोयल शामिल हैं। दोनों ने ट्वीटर पर अपना नाम “चौकीदार अमित शाह” और “चौकीदार पियूष गोयल” कर लिया है। वहीं, अब छोटे तबके के नेता भी इसे ट्रेंड में ला रहे हैं। हालांकि विपक्ष का कहना है कि ये सबकुछ देश के बड़े मुद्दों, राफेल, मंहगई, पेट्रोलियम वृद्धि, नौकरियां, रोजगार जैसे मुद्दों से जनता को गुमराह करने की कोशिश है। बीजेपी लंबे समय से देश की जनता को गुमराह कर रही है लेकिन लोग अब बहकावे में आने वाले नहीं हैं।
YOGESH TRIPATHI
अखिलेश यादव बोले, “चायवाला” की पोस्ट खाली हो गई
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने हंसते हुए कहा कि “अब चायवाला की पोस्ट खाली हो गई है, मैं अपना नाम चायवाला रख लेता हूं। दूध वाला तो मैं पहले से ही था” । पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की हकीकत अब जनता के सामने आ चुकी है। श्रीयादव ने कहा कि असली चौकीदार तो किसान हैं। जो मवेशियों से अपने खेतों की रक्षा करने के लिए रात-रात भर चौकीदारी करने को मजबूर हैं।
राहुल गांधी के हमले से “बैकफुट” पर थी बीजेपी
राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस के प्रेसीडेंट राहुल गांधी लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। ट्वीटर पर “चौकीदार चोर है” खूब ट्रेंड कर रहा है। राहुल जिस रैली या कांफ्रेस में होते हैं, वहां “चौकीदार चोर” का नारा लगवाते हैं। राहुल के इस राजनीतिक हमले की वजह से बीजेपी और उसके नेता पिछले कई महीने से बैकफुट पर थे। राजनीति के जानकारों की मानें तो अपने नाम के आगे चौकीदार नरेंद्र मोदी लिखकर प्रधानमंत्री जनता की सहानुभित बटोरने के साथ उसे जोड़ने चाहते हैं। जानकारों की मानें तो पांच साल बाद हो रहे लोकतंत्र के बड़े पर्व (लोकसभा चुनाव) के अहम मुद्दों से जनता को भटकाने की यह कोशिश है। क्या चौकीदार और चायवाला ही मुद्दे हैं। गरीबी, मंहगाई, नोटबंदी, जीएसटी, नौकरी, अर्थव्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों को गायब करने की यह एक कोशिश है।
सत्ता के करीबी पत्रकार भी बोलने लगे “मैं भी चौकीदार हूं”
देश की राजनीति किस कदर गंदी हो चुकी है। समाज का आइना कहे जाने वाले मीडिया वर्ग पर काफी समय से अंगुलियां उठ रही थीं। जो अब धीरे-धीरे सबके सामने आ रहा है। पहले ये काम पर्दे के पीछे से होता था लेकिन अब सबकुछ खुल्लम-खुल्ला हो रहा है। देश के कई प्रमुख टीवी चैनलों के पत्रकार भी लिख रहे हैं कि “मैं भी चौकीदार हूं”। हालांकि ये पत्रकार लंबे समय से बीजेपी की कवरेज करते आ रहे हैं। लेकिन समाज के एक बड़े वर्ग का मानना है कि कम से कम पत्रकारिता में ऐसा नहीं होना चाहिए। मीडिया समाज का आइना है लेकिन अब वो अपना कर्तव्य भूल चुकी है। मीडिया के जर्नलिस्ट खुलकर राजनीति कर रहे हैं।
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