Congress को बॉय-बॉय बोल चुके Kanpur के साकेत नगर निवासी प्रभाकर पांडेय अब सपा की साइकिल पर सवार हो चुके हैं। सपा सुप्रीमों Akhilesh Yadav की मौजूदगी में उन्होंने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया है। संकेत मिल रहे हैं ब्राम्हण बाहुल्य कानपुर लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव उनको प्रत्याशी भी बना सकते हैं। प्रभाकर पांडेय का नाम राजनीति में नया नहीं बल्कि वे कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2018 में कानपुर देहात की सिकंदरा सीट से उपचुनाव लड़ चुके हैं।
[caption id="attachment_18918" align="aligncenter" width="650"] सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन करते प्रभाकर पांडेय।[/caption]
YOGESH TRIPATHI
प्रभाकर पांडेय के परिवार की है पुरानी राजनीतिक पृष्ठभूमि
कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी को ज्वाइन करने वाले प्रभाकर पांडेय के परिवार का राजनीति से पुराना नाता है। उनके पिता संतोष कुमार पांडेय औरैया की बिधूना विधान सभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। जानकारों की मानें तो संतोष कुमार और मुलायम सिंह के परिवार का करीब चार दशक पुराना गहरा नाता भी है।
कांग्रेस को लगा चुनाव से पहले झटका
प्रभाकर पांडेय कानपुर देहात की सिकंदरा विधान सभा के उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी थे। चुनाव परिणाम भले ही उनके पक्ष में नहीं गया था लेकिन चुनाव के दौरान वे खासे चर्चा में रहे थे। बॉलीवुड की तमाम हस्तियां उनके चुनाव में वोट मांगने के लिए पहुंची थीं।
क्या कहते हैं प्रभाकर पांडेय
कांग्रेस छोड़कर सपा ज्वाइन करने वाले प्रभाकर पांडेय ने कहा कि सपा की नीतियों और अखिलेश यादव के नेतृत्व पर उनको पूरी आस्था है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश का विकास यदि कोई कर सकता है तो वे हैं अखिलेश यादव। चुनाव के सवाल पर प्रभाकर पांडेय का कहना है कि पार्टी का हाईकमान जो निर्देश देगा उसका वह पूरी तरह से पालन करेंगे।
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