करीब छह साल पहले देश की राजधानी नई दिल्ली में लोकपाल को लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर हुंकार भरकर दहाड़ते हुए नजर आए। आगरा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देश को मोदी और राहुल की आवश्यकता नहीं है। सभी पूंजपतियों के बारे में सोच रहे हैं। देश का किसान खुदकुशी करने पर मजबूर है।
[caption id="attachment_18561" align="aligncenter" width="660"] समाजसेवी अन्ना हजारे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।[/caption]
YOGESH TRIPATHI
आगरा। करीब छह साल पहले लोकपाल समेत तमाम मुद्दों को लेकर देश की राजधानी नई दिल्ली में बड़ा आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर “दहाड़” लगाई है। मोहब्बत की नगरी आगरा में एक समारोह के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि “देश को न तो नरेंद्र मोदी चाहिए और न ही राहुल गांधी। दोनों के ही जेहन में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने हैं। कांग्रेस और बीजेपी के एजेंडे में किसान नहीं हैं। देश को किसानों के हित में सोचने वाली सरकार चाहिए”। उन्होंने कहा कि NDA और संप्रग दोनों सरकारों ने लोकपाल को कमजोर किया है। इस लिए देश में एक और बड़े आंदोलन की आवश्यकता है।
अन्ना हजारे ने आगरा के संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मेरा कोई संबंध नहीं है, अब मैं अपने आंदोलन से दूसरा केजरीवाल नहीं निकलने दूंगा। आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वालों से इस आशय के शपथपत्र लूंगा कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे और न ही किसी पार्टी को समर्थन करेंगे।
अन्ना ने कहा कि देश के अन्नदाता को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। किसानों से बैंक ज्यादा ब्याज वसूल रहे हैं। इसके चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार आंदोलन 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह ढाई माह तक भ्रमण कर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सजग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी और GST से आम आदमी को कोई लाभ नहीं हुआ, उल्टे इससे कालाधन सफेद हो गया।
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