BJP ने नगर निकाय के चुनाव में न सिर्फ महापौर की सीट जीती बल्कि सदन में प्रचंड बहुमत भी हासिल कर लिया, लेकिन इन सबके बीच भाजपा को दो जगहों पर करारी हार भी मिली। पहली हार कांटे के संघर्ष वाली थी किदवईनगर के 100 नंबर वार्ड में। इस वार्ड के अंतर्गत ही विधायक महेश त्रिवेदी ने अपना वोट डाला लेकिन प्रत्याशी को हार मिली। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण बीजेपी की जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता को भी अपने ही वार्ड नंबर 77 में हार का मुंह देखना पड़ा। इस वार्ड से कांग्रेस की बागी सुधा सचान जीतीं।
[caption id="attachment_18470" align="aligncenter" width="640"] महेश त्रिवेदी (MLA किदवईनगर विधान सभा)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। यूं तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में विरोधी दलों का सूपड़ा पूरी तरह से साफ कर दिया। Kanpur में महापौर की प्रत्याशी प्रमिला पांडेय ने जहां भारी भरकम जीत दर्ज की है तो दूसरी तरफ से 110 नगर निगम के वार्डों में दो तिहाई का भाजपा ने आंकड़ा भी पा लिया। लेकिन सबसे हैरत वाली बात यह रही है कि किदवईनगर विधान सभा से बीजेपी विधायक महेश त्रिवेदी और बीजेपी कानपुर (दक्षिण) की प्रेसीडेंट अनीता गुप्ता को अपने ही वार्ड में करारी हार का सामना करना पड़ा।
कांटे के संघर्ष में हार गए अंकित शर्मा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वार्ड नंबर 100 से अंकित शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था। अंकित को 54 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस वार्ड से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी योगेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। गौरतलब है कि किदवईनगर के विधायक महेश त्रिवेदी का आवास इसी वार्ड के अंतर्गत आता है।
जिलाध्यक्ष अनीता गुप्ता के वार्ड में भी मिली हार
सिर्फ विधायक महेश त्रिवेदी के वार्ड में ही नहीं बल्कि कानपुर बीजेपी (दक्षिण) की प्रेसीडेंट अनीता गुप्ता के वार्ड में भी भाजपा को शिकस्त मिली। ये शिकस्त काफी बड़ी भी है। इस वार्ड से कांग्रेस के बागी प्रत्याशी और Ex.MLA अजय कपूर के करीबी जितेंद्र सचान की धर्मपत्नी सुधा सचान चुनाव जीत गईं। कांग्रेस ने यहां से पूर्व पार्षद जितेंद्र सचान की पत्नी का टिकट काट दिया था।
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