करीब डेढ़ 14 महीना पहले Kanpur City के चकेरी एरिया में रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला के Murder केस की जांच करने को NIA टीम मौका-ए-वारदात पर पहुंची। टीम ने काफी वक्त मौके पर बिताया। साथ ही तमाम बिन्दुओं पर छानबीन के बाद स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। Lucknow में ISIS के संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह को एनकाउंटर में मारने के बाद ATS ने Kanpur समेत कई जगहों से संदिग्धों को उठाया था। इट्रोगेशन में सभी ने स्वीकार किया था कि पिस्टल की टेस्टिंग के लिए की बेगुनाह प्रिसिंपल का संदिग्धों ने मर्डर किया था। सितंबर 2017 में मामले की जांच ATS को सौंप दी गई। नवंबर महीने में गृह मंत्रालय ने मामले की जांच NIA को सौंपीं थी। NIA के अफसर मंडे को ही कानपुर पहुंच गए थे।


[caption id="attachment_18659" align="aligncenter" width="913"] Kanpur के चकेरी थाना एरिया में वर्ष 2016 में हुए रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला मर्डर केस की जांच करने मौका-ए-वारदात पर पहुंची NIA टीम[/caption]

YOGESH TRIPATHI


कानपुर। शहर के चर्चित रमेश चंद्र शुक्ला (प्रिंसिपल) हत्याकांड की मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाने के लिए NIA के अफसरों की टीम मंडे को कानपुर पहुंची। टीम मंगलवार की सुबह चकेरी एरिया में वहां पर पहुंची, जहां प्रिंसिपल की हत्या संदिग्ध आतंकियों ने की थी। NIA टीम ने काफी देर मौके पर बिताने के बाद तमाम बिन्दुओं की गहराई से छानबीन की। सूत्रों की मानें तो प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला की गोली मारकर हत्या करने के बाद संदिग्ध आतंकियों ने एक Video बनाकर उसे अपने आतंकी आकाओं को भेजा था। माना जा रहा है कि वह वीडियो NIA के हाथ लगा है। उसी वीडियो का मिलान भी काफी देर तक अफसरों ने किया। उल्लेखनीय है कि Kanpur Police के जांच में फ्लाप होने के बाद डीजीपी हेड क्वार्ट ने हत्याकांड की जांच ATS को सौंप दी थी लेकिन कुछ महीने बाद ही गृह मंत्रालय ने यह जांच ATS से लेकर देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी NIA को सौंप दी।


[caption id="attachment_18660" align="aligncenter" width="720"] NIA अफसरों ने मौका-ए-वारदात पर हर एंगल से जांच की, साथ लोकल पुलिस से भी पूछताछ कर जानकारी ली।[/caption]

लोकल पुलिस भी NIA के साथ 


प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला मर्डर केस की जांच करने के लिए कानपुर पहुंची NIA टीम के साथ लोकल पुलिस भी पूरे समय मौजूद रही। सूत्रों की मानें तो NIA टीम ने मर्डर केस की जांच कर चुके पुराने विवेचकों से भी बातचीत कर तमाम जानकारियां जुटाई हैं।

[caption id="attachment_18662" align="aligncenter" width="640"] लखनऊ के ठाकुरगंज एरिया में नौ महीना पहले ATS के हाथों एनकाउंटर में मारे गए ISIS के संदिग्ध आतंकी के पास से असलहों का जखीरा बरामद किया गया था।[/caption]

सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद खुला था राज


करीब 10 महीना पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद ATS के हत्थे चढ़े संदिग्धों ने इंट्रोगेशन के दौरान बताया था कि कानपुर के चकेरी में रिटायर्ड प्रिंसिपल की हत्या उन लोगों ने की थी। छानबीन के दौरान ATS को यह पता चला था कि ISIS के आकाओं को विश्वास दिलाने के लिए संदिग्ध ISIS आतंकियों ने चकेरी एरिया में स्कूल से घर लौट रहे रिटायर्ड प्रिंसिपल को गोली मार दी थी। संदिग्ध आतंकियों ने जांच एजेंसी को बताया था कि पिस्टल की टेस्टिंग के लिए सभी ने प्रिंसिपल को गोली मारी थी। प्रिंसिपल की हत्या के बाद सभी ने इसकी खबर अपने आकाओं को भी दी थी।


24 अक्तूबर 2016 को Kanpur के चकेरी एरिया में हुआ था Murder


रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला नवाबगंज थाना एरिया के विष्णुपुरी में रहते थे। वह चकेरी थाना एरिया के प्यौंदी गांव स्थित स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मारी जूनियर हाईस्कूल में प्रिंसिपल थे। रिटायरमेंट के बाद वह अपने जरूरी कामकाज निपटाने के लिए स्कूल गए थे। 24 अक्तूबर को वापस लौटते समय उनकी पीछे से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस ब्लाइंड मर्डर केस में कानपुर पुलिस के हाथ लंबे समय तक खाली रहे। आठ महीना पहले ATS ने आतंकी सैफुल्लाह का एनकाउंटर करने के बाद जब उसके साथियों को Arrest किया तो हत्याकांड की “मिस्ट्री” से पर्दा उठ गया। इंट्रोगेशन में सैफुल्लाह के साथियों ने प्रिंसिपल के हत्या का जुर्म स्वीकार किया।

UAPA की धारा बढ़ाकर सौंपी गई थी ATS को जांच


इस मामले में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) की धारा बढ़ाने के बाद जांच ATS को सौंपी गई थी। ATS कानपुर यूनिट मामले की जांच दो महीने भी नहीं कर पाई थी कि गृह मंत्रालय ने जांच देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी NIA को नवंबर महीने में जांच सौंप दी।

फॉरेंसिक जांच में हो चुकी है पुष्टि


Encounter में मारे जा चुके सैफुल्लाह के हाजी कॉलोनी स्थित ठिकाने से मिली पिस्टल और Kanpur के चकेरी में प्रिंसिपल को मारी गई गोलियों की फॉरेंसिक जांच कराई गई तो मिलान हो गया।

 
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