करीब तीन दशक से अधिक समय तक जागरण, हिन्दुस्तान जैसे अखबार में बतौर संपादक कार्य करने वाले शशांक शेखर त्रिपाठी के निधन की खबर दोपहर बाद जब आई तो पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। ठेठ कनपुरिया अंदाज और बेबाक शैली के चलते उन्होंने पत्रकारिता जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। श्रीत्रिपाठी कुछ दिन पहले घर में ही बाथरूम जाते वक्त गिर गए थे। जिसकी वजह से उनके सिर में गहरी चोट आई थी। चिकित्सकों के मुताबिक वह तीन दिन से कोमा में थे।
[caption id="attachment_18721" align="aligncenter" width="960"] स्वर्गीय शशांक शेखर त्रिपाठी फोटो साभारः फेसबुक वॉल से[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। वरिष्ठ पत्रकार और जागरण डॉट कॉम के पूर्व संपादक शशांक शेखर त्रिपाठी का संडे की दोपहर निधन हो गया। करीब सप्ताह भर पहले वे बाथरूम में जाते वक्त फिसलकर गिर गए थे। गंभीर हालत में उन्हें यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सिर में गहरी चोटें आने से वह कई दिनों से कोमा में थे। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। मंडे की दोपहर दिल्ली स्थित निगम बोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यूपी के दिग्गज संपादकों में एक थे शशांक शेखर त्रिपाठी
ठेठ कनपुरिया अंदाज, बेबाक लेखनी के चलते और अपने अक्खड़ स्वभाव के चलते पत्रकारिता जगत में शशांक शेखर त्रिपाठी ने यूपी में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया था। उनकी गिनती दिग्गज पत्रकारों में की जाती है। उनकी छत्रछाया में रिपोर्टिंग करने वाले यूपी के कई पत्रकार वर्तमान समय में विभिन्न अखबारों में संपादक और समाचार संपादक जैसे पदों पर कार्यरत हैं।
[caption id="attachment_18722" align="aligncenter" width="789"] अपनी धर्मपत्नी के साथ शेखर त्रिपाठी जी की यह फोटो 22 नवंबर 2009 में एक शादी समारोह की है। साथ में लखनऊ प्रेस क्लब के पूर्व पदाधिकारी जोकू त्रिपाठी भी मौजूद।[/caption]
नेता हो या नौकरशाह हर किसी को सताता था लेखनी का भय
हिन्दुस्तान (बनारस) में संपादक रहने के साथ शशांक शेखर त्रिपाठी बरेली जागरण, लखनऊ जागरण में भी लंबे समय तक बतौर संपादक कार्यरत रहे। किसी समय उनके कार्यकाल में जागरण अखबार राजधानी लखनऊ में नंबर-1 की पोजीशन पर था। लखनऊ के बाद जागरण प्रबंधतंत्र ने उन्हें जागरण डॉट कॉम का नेशनल एडीटर बनाकर दिल्ली भेज दिया। पिछले कई साल से वह दिल्ली में ही थे।
पत्रकारिता जगत के साथ सोशल मीडिया में भी शोक की लहर
करीब तीन दशक से अधिक समय तक बतौर संपादक यूपी में एकछत्र राज्य करने वाले बहुमुखी प्रतिभा और कलम के धनी शशांक शेखर त्रिपाठी के निधन की खबर जब उनके करीबी लोगों को लगी तो किसी को पल भर के लिए यकीन ही नहीं हुआ कि वे इस दुनिया को अलविदा कह गए। लेकिन सोशल मीडिया पर उनके बेहद करीबी लोगों ने जब पोस्ट डाला तो लोग अपने आंखों के आंसू को रोक नहीं सके।
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