चुनाव में जीत तो बहुतों को मिली लेकिन एक जीत ऐसी भी है जिसने शहर के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। जी, हां हम बात कर रहे हैं वार्ड नंबर 45 की। यहां पर निर्दलीय प्रत्याशी अर्पित यादव ने भारी मतों से चुनाव क्या जीता उनके नाम का डंका ही बजने लगा। हजार-दो हजार से नहीं बल्कि 3840 वोटों से जीत दर्ज की। बहुत कम लोगों को मालुम है कि राजनीति में कदम रखने से पहले अर्पित हैंडबाल के नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। अर्पित ने यह साबित कर दिया कि राजनीति करना है तो किसी दल का मोहताज नहीं बनना चाहिए, बल्कि कर्म करना चाहिए।
[caption id="attachment_18476" align="aligncenter" width="640"] कानपुर के नगर निकाय चुनाव में वार्ड नंबर 45 (विश्व बैंक) से बड़ी जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय नवनिर्वाचित पार्षद अर्पित यादव अपने समर्थकों के साथ[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में कई बार पदक जीतने वाले हैंडबाल के राष्ट्रीय खिलाड़ी अर्पित यादव राजनीति की पहली पारी में ही चैम्पियन बन गए। जनता ने उन पर खूब प्यार लुटाया। नतीजा यह रहा है कि उन्होंने Kanpur नगर निकाय (पार्षद) चुनाव में काफी बड़ी जीत दर्ज की। अर्पित यादव ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 3840 वोटों से पटकनी दी।www.redeyestimes.com न्यूज पोर्टल से बातचीत में अर्पित ने अपनी जीत का श्रेय क्षेत्र की जनता के साथ अपनी मां सरोजनी यादव को भी दिया।
पिछली बार अर्पित की मां सरोजनी यादव बनीं थी पार्षद
बड़ी जीत से गदगद अर्पित ने कहा कि पिछली बार उनकी मां सरोजनी यादव को जनता ने आशीर्वाद देकर नगर निगम के सदन में पहुंचाया था। इस बार परशीमन बदला तो उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला लिया लेकिन जनता नहीं मानी। क्षेत्रीय लोगों के भारी दबाव पर अर्पित खुद चुनावी रणभूमि में उतर पड़े।
नेशनल लेवल पर खेल चुके हैं अर्पित यादव
अर्पित यादव ने बताया कि साल 2010 में वह जूनियर नेशनल में सिल्वर मैडल जीते थे। वर्ष 2005 में वह सब जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीते। वर्ष 2011 में हुई वेस्ट जोन फेडरेशन प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता। साथ ही कई और पदक उनके कैरियर में आए। शायद यही वजह रही है कि क्षेत्र की जनता ने उनको बेहद प्यार कर रिकार्ड वोटों से चुनाव जितवाया। बकौल अर्पित BHU से बीपीएड की पढ़ाई की। इस समय वह नोएडा से एमपीएड की पढ़ाई कर रहे हैं। अर्पित के खिलाफ चुनावी मैदान में बीजेपी ने धीरज सिंह चौहान को मैदान में उतारा था।
मां का चुनाव चिन्ह भी था “आम”
अर्पित की मां सरोजनी यादव पिछली बार पार्षदी का चुनाव लड़ी थीं। सरोजनी यादव चुनाव जीतीं। क्षेत्र में उन्होंने काफी विकास कार्य भी कराए। सरोजनी यादव निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सदन पहुंची थीं। उनका चुनाव चिन्ह आम था। इस बार बेटा भी निर्दलीय चुनाव जीता। उसका भी चुनाव चिन्ह आम ही था। जीत के बाद अर्पित के समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। क्षेत के लोगों को जब बड़ी जीत की खबर लगी तो सभी खुली जीप लेकर गल्लमंडी स्थित मतगणनास्थल पर पहुंच गए।
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