करीब 13 महीना पुराने इस चर्चित मर्डर केस की जांच सबसे पहले Kanpur Police ने शुरु की थी। एक के बाद एक कई विवेचक बदले लेकिन पुलिस के हाथ खाली रहे। यूपी की राजधानी Lucknow में जब ATS ने आतंकी सैफुल्लाह को एनकाउंटर में मार गिराया तो उसके बाद उसके कई संदिग्ध साथी भी Arrest किए गए। इंट्रोगेशन में सभी ने बताया कि रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला की हत्या सभी ने पिस्टल की टेस्टिंग के लिए की थी। इसके बाद सितंबर 2017 में मामले की जांच ATS को सौंप दी गई। अब गृह मंत्रालय ने मामले की जांच NIA को सौंप दिया है।
[caption id="attachment_18370" align="aligncenter" width="943"] रमेश चंद्र शुक्ला (रिटायर्ड प्रिंसिपल) (फाइल फोटो)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। Kanpur के रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला के “मर्डर मिस्ट्री” से पर्दा उठाने के लिए गृह मंत्रालय ने जांच देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी को सौंप दी है। महज दो महीना पहले ही इस मर्डर केस की जांच UP की ATS को दी गई थी। जांच के दौरान पता चला कि मर्डर के पीछे ISIS जैसे क्रूर और खूंखार आतंकी संगठन का हाथ था।
आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद खुला था राज
करीब आठ महीना पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद ATS के हत्थे चढ़े संदिग्धों ने इंट्रोगेशन के दौरान बताया था कि कानपुर के चकेरी में रिटायर्ड प्रिंसिपल की हत्या उन लोगों ने की थी। छानबीन के दौरान ATS को यह पता चला था कि ISIS के आकाओं को विश्वास दिलाने के लिए संदिग्ध ISIS आतंकियों ने चकेरी एरिया में स्कूल से घर लौट रहे रिटायर्ड प्रिंसिपल को गोली मार दी थी। संदिग्ध आतंकियों ने जांच एजेंसी को बताया था कि पिस्टल की टेस्टिंग के लिए सभी ने प्रिंसिपल को गोली मारी थी। प्रिंसिपल की हत्या के बाद सभी ने इसकी खबर अपने आकाओं को भी दी थी।
24 अक्तूबर 2016 को Kanpur के चकेरी एरिया में हुआ था Murder
रिटायर्ड प्रिंसिपल रमेश चंद्र शुक्ला नवाबगंज थाना एरिया के विष्णुपुरी में रहते थे। वह चकेरी थाना एरिया के प्यौंदी गांव स्थित स्वामी आत्मप्रकाश ब्रह्मारी जूनियर हाईस्कूल में प्रिंसिपल थे। रिटायरमेंट के बाद वह अपने जरूरी कामकाज निपटाने के लिए स्कूल गए थे। 24 अक्तूबर को वापस लौटते समय उनकी पीछे से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस ब्लाइंड मर्डर केस में कानपुर पुलिस के हाथ लंबे समय तक खाली रहे। आठ महीना पहले ATS ने आतंकी सैफुल्लाह का एनकाउंटर करने के बाद जब उसके साथियों को Arrest किया तो हत्याकांड की “मिस्ट्री” से पर्दा उठ गया। इंट्रोगेशन में सैफुल्लाह के साथियों ने प्रिंसिपल के हत्या का जुर्म स्वीकार किया।
UAPA की धारा बढ़ाकर सौंपी गई थी ATS को जांच
इस मामले में अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) की धारा बढ़ाने के बाद जांच ATS को सौंपी गई थी। ATS कानपुर यूनिट मामले की जांच दो महीने भी नहीं कर पाई थी कि गृह मंत्रालय ने जांच देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी NIA को सौंप दी। माना जा रहा है कि NIA अब इस केस से जुड़े कई और संदिग्धों को दबोच सकती है।
फॉरेंसिक जांच में हो चुकी है पुष्टि
Encounter में मारे जा चुके सैफुल्लाह के हाजी कॉलोनी स्थित ठिकाने से मिली पिस्टल और Kanpur के चकेरी में प्रिंसिपल को मारी गई गोलियों की फॉरेंसिक जांच कराई गई तो मिलान हो गया।
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