बेगुनाह और मजलूमों पर जुल्म ढाने वाली पुलिस सत्ता की ठसक के आगे कैसे बौनी नजर आती है, उसकी एक बानगी मंडे की दोपहर को मोतीझील स्थित नगर निगम में देखने को मिली। छोटे-मोटे मामलों के वारंटियों को Areest कर अपनी पीठ खुद ठोंकने वाली Kanpur Police पिछले महीने जूही परमपुरवा में हुए दंगे के आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। मंडे की दोपहर को वह मेयर प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में आगे-आगे चलता रहा और पुलिस सबकुछ जानते हुए भी मूकदर्शक की मुद्रा में रही। खुद जूही इंस्पेक्टर भी नामांकन प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहे।


[caption id="attachment_18187" align="aligncenter" width="720"] लाल घेरे में जूही परमपुरवा सांप्रदायिक हिंसा का आरोपी और वार्ड नंबर 16 से बीजेपी प्रत्याशी राकेश पासवान[/caption]

YOGESH TRIPATHI


कानपुर। अपराध मुक्त यूपी और “सबका साथ और सबका विकास” का नारा देने वाली बेहद अनुशासित पार्टी BJP ने राकेश पासवान को वार्ड नंबर 16 जूही परमपुरवा से प्रत्याशी घोषित किया है। राकेश पासवान पिछले महीने हुए जूही परमपुरवा सांप्रदायिक हिंसा का आरोपी है। उसके साथ पुलिस ने उसके बेटे को भी इस हिंसा में आरोपी बनाया है। पुलिस एक पक्ष से कई लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज चुकी है। लेकिन राकेश पासवान की अब तक गिरफ्तारी नहीं की गई। ऐसा नहीं कि वह कानपुर में नहीं है। वह बाकयदा पिछले दो सप्ताह से टिकट के लिए भागदौड़ कर रहा है। तीन दिन पहले बीजेपी ने उसे टिकट भी दे दिया।




मेयर प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में समर्थकों के साथ पहुंचा आरोपी

जिस आरोपी को सलाखों के पीछे होना चाहिए वह सत्ता की ठसक के बल पर खुलेआम न सिर्फ घूम रहा है बल्कि वह चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा भी बन गया। राकेश ने वार्ड नंबर 16 जूही परमपुरवा से नामांकन कराने के बाद अपना सिंबल भी जमा कर दिया। अपने शपथपत्र में उसने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों का उल्लेख किया है कि नहीं यह तो पड़ताल के बाद ही पता चलेगा।



सामान्य नागरिकों से शांतिभंग का खतरा और दंगे के आरोपी को खुली छूट

नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। शहर पुलिस अपना टॉरगेट पूरा करने में जुटी है। जिसके खिलाफ दो साल पहले थाने या फिर चौकी में तहरीर भी किसी ने झूठी दे दी थी उसे भी शांतिभंग में पाबंद किया जा रहा है। कई जगहों पर तो बुजुर्गों से भी पुलिस को शांतिभंग का खतरा नजर आने लगा है लेकिन सवा महीना पहले हुए दंगे का आरोपी न तो उसे दिखाई दे रहा है और न ही पुलिस ने उसे अभी तक गिरफ्तार करने का कोई चांस लिया।



सपा प्रत्याशी को कोतवाली पुलिस ने किया संडे को किया था Arrest

कानून सभी के लिए बराबर है। लेकिन शायद यह बात कानपुर पुलिस नहीं समझती। संडे को कोतवाली पुलिस ने एक सपा प्रत्याशी का वारंट होने पर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सपा प्रत्याशी को राहत दे दी। अब सवाल यह उठता है कि फिर BJP के प्रत्याशी की गिरफ्तारी क्यों नहीं ? क्या सत्ता की वजह से उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई।

क्या कहते हैं जूही इंस्पेक्टर ?

www.redeyestimes.com ने इस बाबत जूही इंस्पेक्टर से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि परमपुरवा सांप्रदायिक हिंसा में 55 लोग आरोपी बनाए गए हैं। करीब डेढ़ दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। मामले की विवेचना कोतवाली पुलिस कर रही है। लिहाजा बहुत अधिक जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि राकेश पासवान के खिलाफ गिरफ्तारी का हुकुम नहीं आया। आदेश मिलते ही गिरफ्तारी की जाएगी।
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