BJP कानपुर नगर की तरफ से अभी तक पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट नहीं जारी की गई है। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी का कहना है कि उनके पास अभी तक कोई लिस्ट नहीं आई है। वहीं RSS सूत्रों की मानें तो लखनऊ में लिस्ट फाइनल होने के बाद एक बड़े पदाधिकारी लेकर कानपुर आ चुके हैं। लिस्ट दो बड़े नेताओं के वाट्सअप पर भी भेजी गई है। एक भवन में लिस्ट के रखे होने की बात कही जा रही है। देर रात तक दावेदार लिस्ट के लिए परेशान रहे।
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। Kanpur शहर के “माननीयों” के कर्मचारियों की मनमानी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। अपने “माननीयों” को बरगलाने वाले पेड “कर्मचारियों” ने कई निष्ठावान और बीजेपी को पूरा जीवन समपर्ण करने वाले दिग्गज दावेदारों की प्रत्याशिता का पत्ता पूरी तरह से साफ कर दिया है। अंदरखाने की मानें तो बीजेपी से टिकट नहीं पाए कई दिग्गज जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। इसके लिए कांग्रेस के एक कद्दावर नेता की तरफ से मुहिम भी चलाई जा रही है। जानकारों की मानें तो टिकट मिलने से जो कार्यकर्ता नाराज हैं, उन्हें धनबल के जरिए कांग्रेस के एक दिग्गज “बागी” प्रत्याशी बनाकर बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
पार्षद प्रत्याशियों के टिकट को लेकर अभी तक हो रही छीछालेदर
बीजेपी में पार्षद प्रत्याशियों के टिकट वितरण में शुरु से ही किचकिच मची रही। एक-एक सीट पर दर्जन भर से अधिक दावेदारों ने आवेदन किया। मंडल अध्यक्षों ने पांच नामों की लिस्ट जिला कमेटी को दी। जिला कमेटी ने तीन नामों का चयन कर उसे हाईकमान तक आगे बढ़ाया। लेकिन सबसे मजेदार बात यह रही है कि कई जगहों पर जिन दावेदारों का नाम तीन की लिस्ट में भी शामिल नहीं था, उन्हें टिकट दे दी गई। उदाहरण के तौर पर वार्ड नंबर 16 जूही परमपुरवा। BJP और RSS सूत्रों की मानें तो यहां से दीपू का नाम लिस्ट में सबसे ऊपर भेजा गया था लेकिन फ्राइ-डे को लखनऊ की मीटिंग में राकेश पासवान को टिकट मिल गई। www.redeyestimes.com ने जब इस वार्ड में जाकर पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली। दीपू का टिकट कटने से बीजेपी का कार्यकर्ता पूरी तरह से निराश है। ये वार्ड सिर्फ उदाहरण के तौर पर है, शहर के करीब दर्जन भर से अधिक वार्ड ऐसे हैं जहां सबकुछ “माननीयों” के “जेबी कर्मचारियों” ने सबकुछ उल्टा-पुल्टा करवा दिया है।
दो दिन का समय शेष और लिस्ट तक नहीं जारी कर रहे भाजपा के दिग्गज
दो दिन का समय शेष बचा है लेकिन बीजेपी के पार्षद प्रत्याशियों की लिस्ट तक बीजेपी की तरफ से फाइनल नहीं की गई है। दावेदार परेशान हैं, कोई अखबार के दफ्तर में फोन लगा रहा है तो कोई अपने आका को लेकिन लिस्ट फिर भी नहीं जारी की गई। RSS के कद्दावर पदाधिकारी की मानें तो लखनऊ में सूची फाइनल होने के बाद संगठन के एक बड़े पदाधिकारी सूची लेकर कानपुर पहुंचे। संदेश दिया गया कि शाम सात बजे लिस्ट जारी की जाएगी लेकिन देर रात तक ऐसा नहीं किया गया। www.redeyestimes.com ने जब बीजेपी के उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से बात की तो उन्होंने कहा कि मैं अध्यक्ष हूं। मेरे पास लिस्ट की कोई जानकारी नहीं है। जो भी जानकारी आएगी वह पहले मेरे पास ही आएगी। लेकिन वह यह नहीं बता पाए कि आखिर लिस्ट कब तक आएगी।
सिंबल के साथ चढ़ावे के तैयारी की चर्चा
BJP सूत्रों की मानें तो सबकुछ OK हो चुका है। लिस्ट भी आ चुकी है लेकिन उसे जानबूझकर कुछ “माननीयों” के कर्मचारियों की वजह से रोके रखा गया है। चर्चा है कि सिंबल के साथ चढ़ावे की तैयारी भी कुछ लोगों ने कर रखी हैं। हालांकि ऐसा होने पर कुछ नया नहीं होगा। वर्ष 20912 के चुनाव में भी सिंबल के साथ देर रात तक खूब चढ़ावा लिया गया था।
दर्जन भर सीटों पर बीजेपी के बागी बनेंगे “जी का जंजाल”
रिश्तेदारों, करीबियों और अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को टिकट दिलवाने के लिए कई दिनों से दिन-रात एक किए “माननीयों” की परेशान अभी और बढ़ेगी। यह परेशानी बीजेपी के बागी कार्यकर्ता चुनाव लड़कर देंगे। सूत्रों की मानें तो करीब दर्जन भर सीटें ऐसी हैं जहां पर बागियों का लड़ना फाइनल है। लेकिन चार से छह सीटें ऐसी भी हैं जहां से बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता टिकट न मिलने की वजह से कांग्रेस का दामन थाम चुनाव लड़ेंगे।
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