Old Kanpur City के महेश्वरी मोहाल की तंग गलियों में बुधवार सुबह बेखौफ कातिलों ने जिस तरह से दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देकर हिस्ट्रीशीटर समेत दो लोगों का बेरहमी से मर्डर किया है, उससे शहर पुलिस के कानून-व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई। सिर्फ पुलिस की ही नहीं बल्कि शहर के दल्ले पत्रकारों की भी पोल खुली है। जी, हां यह बिल्कुल सच है। मारे गए हिस्ट्रीशीटर छोटे बब्बन के पास से पुलिस को एक प्रेस कार्ड भी मिला है। जिस तरह से पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल कातिलों को खोजने का है ठीक उसी तरह से यह सवाल भी कम नहीं है कि आखिर हिस्ट्रीशीटर को प्रेस कार्ड किस आधार पर और क्यों जारी किया गया ? यह कोई पहला मामला नहीं है। खूंखार अपराधी रहे जावेद रिमवाला के पास से भी प्रेस कार्ड पुलिस कई साल पहले बरामद कर चुकी है।


[caption id="attachment_18438" align="aligncenter" width="860"] सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन (फाइल फोटो)[/caption]

 YOGESH TRIPATHI


कानपुर। Old Kanpur के महेश्वरी मोहाल की तंग गलियों में बुधवार सुबह डबल मर्डर की वारदात से सनसनी फैल गई। कानून-व्यवस्था को धता बताते हुए बेखौफ हमलावरों ने फीलखाना थाने के हिस्ट्रीशीटर (HS) सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन और उसके साथ मौजूद नाबालिग लड़के को चाकुओं से गोदकर मार डाला। डबल मर्डर जैसी दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने के बाद बेखौफ कातिल मौके से भाग निकले। वारदात की खबर मिलते ही पुलिस के तमाम बड़े अफसर मौका-ए-वारदात पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक पीड़ित के परिवारीजनों ने थाना पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी थी।


[caption id="attachment_18440" align="aligncenter" width="640"] कानपुर के महेश्वरी मोहाल में दोहरे हत्याकांड की खबर पर पहुंची फीलखाना पुलिस। [/caption]

एक नेता से मिलकर लौट रहा था हिस्ट्रीशीटर छोटे बब्बन


पुलिस के मुताबिक सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन बुधवार को महेश्वरी मोहाल में एक नेता से मुलाकात के बाद वापस लौट रहा था। तभी पहले से घात लगाए बैठे लोगों ने छोटे बब्बन को रोका और चाकुओं से ताबड़तोड़ प्रहार कर उसे मौत की नींद सुला दिया। बेखौफ हमलावरों ने छोटे बब्बन के साथ मौजूद ऋषभ (14) को भी मार डाला। ऋषभ को मारने के पीछे बताया जा रहा है कि कातिलों को लगा कि वह गवाह बनेगा, इस लिए उसे भी बेरहमी से मौत की नींद सुला दिया गया। डबल मर्डर के बाद महेश्वरी मोहाल की तंग गली में चारो तरफ खून ही खून फैल गया। तमाशबीन बने लोग अपने घरों में दुबक गए। कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए सूचना पुलिस को 100 नंबर पर दी। वायरलेस पर मैसेज मिलते ही थाना पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंच गई। थोड़ी ही देर में एसपी और क्षेत्राधिकारी भी मौके पर पहुंचे। समाचार लिखे जाने तक SSP अखिलेश कुमार मीणा भी पहुंच गए थे।

बिल्डिंग कांस्ट्रेक्शन का कारोबार कर रहा था छोटे बब्बन


जानकार सूत्रों की मानें तो चावल मंडी निवासी सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन का पुराना लंबा-चौड़ा अपराधिक इतिहास है। क्षेत्र के ही एक सफेदपोश से उसे पूरे समय छतरी मिली रही। उसके उपनाम को उसने अपने नाम के आगे जोड़कर काफी धाक भी जमाई। हत्या समेत कई संगीन मामले जब छोटे बब्बन पर दर्ज हुए तो करीब डेढ़ दशक पहले फीलखाना पुलिस ने उसकी हिस्ट्रीशीट खोल दी। बताया जा रहा है कि पुलिस से बचने के लिए पिछले कुछ सालों से वह बिल्डिंग कांस्ट्रैक्शन के कारोबार से जुड़ गया।

[caption id="attachment_18441" align="aligncenter" width="675"] शहर के दलाल पत्रकारों के गिरोह की तरफ से जारी ये प्रेस कार्ड भी है बड़ी चुनौती। आखिर अपराधियों कौन जारी करता है फर्जी प्रेस कार्ड ?[/caption]

शहर के दलाल पत्रकारों ने जारी कर दिया प्रेस कार्ड


हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद जब पुलिस ने सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन की घेराबंदी शुरु की तो शहर के कुछ दलाल और अपराधिक प्रवृत्ति वाले पत्रकारों के टच में छोटे बब्बन आ गया। कुछ दिनों तक उनकी जी, हुजूरी और पैलगी करके उसने अपना प्रेस कार्ड भी बनवा लिया। इस प्रेस कार्ड के जरिए वह पुलिस वालों के बीच हनक बनाने लगा। जो पुलिस कभी उसके पीछे भागती थी, प्रेस कार्ड बनने के बाद वही सिपाही और दरोगा उसे सलाम ठोंकने लगे। सवाल यह उठता है कि महज कुछ दर्जा तक ही पढ़े इस अपराधी को क्यों और किस आधार पर प्रेस कार्ड जारी किया गया ? यह भी एक जांच का विषय पुलिस के लिए बनेगा।

पहले भी हिस्ट्रीशीटरों के पास से मिल चुके हैं प्रेस के परिचय पत्र


हिस्ट्रीशीटर सतीश कश्यप उर्फ छोटे बब्बन के पास से प्रेस का जो परिचय पत्र मिला है वो पड़ोसी जनपद का है। शहर के क्रिमिनल्स के पास से प्रेस कार्ड बरामद होने की यह कोई पहली वारदात नहीं है। इससे पहले भी शहर के कई बड़े अपराधियों के पास से प्रेस कार्ड मिल चुके हैं। शहर के खूंखार अपराधी रहे जावेद रिमवाला के पास से भी पुलिस प्रेस कार्ड बरामद कर चुकी है। सूत्रों की मानें तो इस समय शहर के मुस्लिम एरिया के तमाम बड़े बदमाशों के पास से किसी न किसी प्रेस के परिचय पत्र हैं। वह गाड़ियों पर फर्जी तरीके से प्रेस लिखवाने के बाद बेखौफ होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में नहीं चूकते हैं। शहर के कुछ दलाल टाइप के पत्रकारों का ऐसे अपराधिक प्रवत्ति वाले बदमाशों का खुला संरक्षण रहता है। थानेदार और क्षेत्राधिकारी इस लिए खामोश रहते हैं कि इन अपराधियों को संरक्षण देने वाले दलाल पत्रकार शहर के आला अफसरानों के पास दरबार सजाते हैं।

[caption id="attachment_18439" align="aligncenter" width="640"] डबल मर्डर की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे परिजन शवों को देखर बदहवाश हो गए। महिला पुलिस ने सांत्वना दी।[/caption]

शहर के दल्ले नेता भी पालते हैं ऐसे हिस्ट्रीशीटर 


सिर्फ पुलिस और पत्रकार ही नहीं शहर के दल्ले नेता भी पालते हैं हिस्ट्रीशीटर। यकीन न आए तो मारे गए हिस्ट्रीशीटर की इस फोटो को देखिए। सत्ताधारी बीजेपी के चुनाव चिन्ह को लगाकर यह भाजपा के लिए नगर निकाय के चुनाव में वोट मांगते भी कई बार देखा गया। जानकारों की मानें तो क्षेत्र के एक पुराने चर्चित सफेदपोश के लिए काम करने वाला छोटे बब्बन वर्तमान समय में कई बीजेपी नेताओं का करीबी भी था।

[caption id="attachment_18442" align="aligncenter" width="640"] क्रूर कातिलों ने हिस्ट्रीशीटर के साथ मौजूद नाबालिग बच्चे की जान को भी नहीं बख्शा और उसे बेरहमी से मार डाला। [/caption]

जर-जोरू और जमीन पर अटकी पुलिस की जांच


www.redeyestimes.com से बातचीत में फीलखाना इंस्पेक्टर ने पूरे मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि छोटे बब्बन पर कई संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज थे। थाने से उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली हुई है। हत्या क्यों और किसने की है ? इसकी छानबीन जारी है। वहीं एक पुलिस अफसर की मानें तो अभी तक की छानबीन में जो बात सामने आई है, उससे लग रहा है कि मामला आशनाई का है।

माना जा रहा है कि जिस तरह से दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया गया है उससे साफ है कि कातिल कहीं न कहीं एरिया के ही हैं। उनको तंग गलियों और रास्तों के बारे में पूरी जानकारी रही होगी। साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कातिलों को शायद एरिया के लोग जानते-पहचानते होंगे इसी लिए किसी ने विरोध करने की कोशिश भी नहीं की।

 

 
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