ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब Akhilesh Yadav ने मीडिया कर्मियों का मजाक उड़ाया है। इससे पहले भी वह कई बार मीडिया के लोगों को दूसरे दलों से जुड़े होने का आरोप लगाते रहे हैं। मंडे को जब उन्होंने एक बुजुर्ग पत्रकार का मजाक उड़ाया तो वहां मौजूद मीडिया कर्मियों को यह रास नहीं आया और सभी ने सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री को आड़े हाथों ले लिया।
कानपुर। निकाय चुनाव प्रचार को लेकर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस विवादों की भेंट चढ़ गई। अखिलेश यादव और पत्रकारों के बीच काफी देर तक तू-तू मै-मै हुई। आखिरकार अखिलेश यादव को बैकफुट पर आना पड़ गया। इसके बाद कहीं जाकर मामला शांत हो सका।
अखिलेश के आरोपों पर भड़क गए पत्रकार
प्रेस कांफ्रेस के दौरान अखिलेश यादव अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिना रहे थे। साथ ही साथ वह योगी सरकार की बखिया भी उधेड़ने में जुटे थे। जब अखिलेश की बात खत्म हुई तो पत्रकारों के सवालों का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान सीधे जवाब देने की बजाय अखिलेश ने पत्रकारों पर ही आरोप मढ़ने शुरु कर दिए। उन्होंने कहा कि 'बीजेपी के खिलाफ कई ऐसी खबरें उनके पास हैं जिसे मीडिया ने जगह नहीं दी।
https://youtu.be/xJeh9-56xlY
वीडियो साभार: इनाडु इंडिया
पत्रकारों का मजाक बनाने लगे सपा सुप्रीमों
अखिलेश यादव ने कई ऐसे सवालों पर जवाब देने के बजाय पत्रकारों का मजाक बनाते हुए माखौल उड़ाना शुरु कर दिया। इसी बीच एक बुजुर्ग पत्रकार ने जब अखिलेश से सवाल पूछा तो पूर्व मुख्यमंत्री ने उनका मजाक बना दिया। इसपर वहां मौजूद सपा कार्यकर्ता ठहाके लगाने लगे।
अखिलेश के इस व्यवहार को देख पत्रकार भड़क गए और खुद उनपर कानपुर के एक पूर्व कांग्रेस विधायक के साथ व्यक्तिगत व्यवहार होने पर सवाल पूछ बैठै। पत्रकारों ने कहा कि यदि कानपुर में कांग्रेस के Ex.MLA से आपका व्यक्तिगत संबंध है तो आपने वहां मेयर के लिए सपा का प्रत्याशी क्यूं उतारा ? क्यों नहीं आपने कांग्रेस को समर्थन दे दिया ? जिस पर अखिलेश ने पलटवार करते हुए पत्रकार को कांग्रेस और पूर्व विधायक का प्रवक्ता कह दिया।
अखिलेश ने कहा 'डोंट क्रॉस योर लाइन' एक के बाद हो रहे सवालों से परेशान अखिलेश ने पत्रकारों से कहा कि 'डोंट क्रॉस योर लाइन', जिस पर पत्रकारों ने पलटवार करते हुए कहा कि 'आप हमेशा हम लोगों को एक पार्टी विशेष का प्रवक्ता कह देते हैं क्या आप अपनी लाइन नहीं क्रॉस कर रहे हैं।'
कुछ देर तक अखिलेश और पत्रकारों में हॉट-टॉक होती रही फिर अखिलेश ने दोबारा अपने मुद्दे पर आकर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी के जीत का भरोसा देते हुए किसी तरह प्रेस वार्ता को खत्म किया।
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