राज्यसभा के पूर्व सांसद ईश्वरचंद्र गुप्त की तबियत करीब दो साल से अधिक खराब थी। उनका इलाज चल रहा था। पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य फिर बिगड़ गया। शनिवार दोपहर को उनका निधन हो गया। ईश्वरचंद्र गुप्त के निधन की खबर जब BJP और RSS के पदाधिकारियों को मिली तो शोक की लहर दौड़ गई।
[caption id="attachment_18135" align="aligncenter" width="640"] मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ व्हीलचेयर पर बैठे ईश्वर चंद्र गुप्त और पीछे खड़ा उनका पूरा परिवार (फाइल फोटो)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। राज्यसभा के पूर्व सांसद ईश्वरचंद्र गुप्ता का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बेहद करीबी मित्रों में एक रहे 85 साल के ईश्वरचंद्र गुप्त महज सात साल की आयु में ही संघ से जुड़ गए थे। वह एक बड़े कारोबारी भी थे। पिछले करीब दो साल से उनका स्वास्थ्य बेहद खराब चल रहा था। उनके निधन से भाजपा और संघ में शोक की लहर दौड़ गई। तिलक नगर स्थित उनके आवास पर भाजपा समेत सभी दलों के कद्दावर नेता श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे ईश्वरचंद्र गुप्त
साल 1932 में जन्मे ईश्वरचंद्र गुप्त उत्तराखंड के देहरादून के निवासी थे। ईश्वरचंद्र 1992 में बीजेपी से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। परिजनों के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनका बेहद गहरा नाता था। राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद जब कानपुर आए थे तो उनसे मुलाकात करने के लिए ईश्वचंद्र गुप्त के घर पर भी गए। यही नहीं राष्ट्रपति ने 15 सितंबर को कानपुर के ईश्वरीगंज से स्वच्छता ही सेवा का शुभारंभ किया था।
60 के दशक में शुरू किया था ऑटो मोबाइल का कारोबार
साल 1955 में उत्तराखंड के देहरादून से आकर ईश्वचंद्र गुप्त कानपुर में बस गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने चाचा के साथ ऑटो मोबाइल का काम शुरु किया। वर्ष 59 में उन्होंने कैलाश मोटर्स के नाम से आटो मोबाइल का शो रूम खोला था। इसमें उन्हें खासी सफलता मिली। वर्तमान में कैलाश मोटर्स के पास टाटा, हुंडई जैसी बड़ी कंपनियों की डीलरशिप भी है। फिलहाल इस समय उनका कारोबार बेटे विनीत गुप्त देख रहे हैं।
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