सियासत की जड़ें और गहरी करने को आतुर “माननीयों” ने गाड़ी धुलने वालों से लेकर कारखास के रिश्तेदारों तक को पार्षदी के चुनाव में उतार दिया है। प्रतिष्ठा और मान-सम्मान को ताक पर रखकर ये “माननीय” कई दिनों से करीबियों को चुनाव जिताने के लिए उनके क्षेत्रों में डेरा जमाए हैं। नीचता की सारी पराकाष्ठा को लांघते हुए नेता अब संवैधानिक पदों पर बैठे VVIP को गालियां बकने के साथ उन्हें देशद्रोही भी करार देने लगे हैं। एक तरफ जहां बीजेपी के मंत्री शहर के MOST WANTED को चुनाव जिताने के लिए रोड-शो कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर अपने करीबियों को पार्षदी का चुनाव जितवाने के लिए मुख्यंत्री को गाली बकते हुए उनको देशद्रोही तक कह दिया।
[caption id="attachment_18326" align="aligncenter" width="645"] अजय कपूर Ex.MLA किदवईनगर विधान सभा (कानपुर)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। गुलाबी ठंड के साथ चुनावी बयार भी चल रही है। नेताओं के बीच “शीतयुद्ध” से लेकर सियासी “नूराकुश्ती” भी जारी है। नेताओं की जुबान भी अब गंदी होने लगी है। सड़क छाप और मोहल्ले वाले टपोरियों की भाषा में यह नेता अब बेहद गंदी गालियां बकते हुए न सिर्फ आदर्श चुनाव आचार संहिता को तार-तार कर रहे हैं बल्कि कानून एवं व्यवस्था का पूरी तरह से माखौल भी उड़ा रहे हैं। कांग्रेस के Ex.MLA अजय कपूर ने पार्षद प्रत्याशी सिद्धार्थ सिंह की चुनावी मीटिंग में “वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गाली (साला) कहते हुए उन्हें देशद्रोही तक कह दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने करीबी और खास पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए कहा कि उसे तो मैं जेब में रखता था”।
VIRAL VIDEO : कांग्रेस के Ex. MLA सैकड़ों की भीड़ के सामने UP के सीएम को देशद्रोही टाइप का बताते हुए।
https://youtu.be/IVwppQrYdOc
"बागी" प्रत्याशियों को समर्थन देकर कांग्रेस की “बैंड” बजा रहे हैं अजय कपूर
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को साला जैसा अमर्यादित शब्द कह उनको देशद्रोही टाइप कहने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ “बागी” प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर कांग्रेस पार्टी का तगड़ा नुकसान कर रहे हैं। अजय कपूर वार्ड नंबर 77 में अपने करीबी जितेंद्र सचान की पत्नी सुधा को समर्थन कर रहे हैं। जबकि यहां से सत्यभामा तिवारी कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। वार्ड नंबर 84 में वह कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी निधि दीक्षित के खिलाफ निर्दलीय रचना त्रिपाठी को चुनाव लड़वा रहे हैं। रचना त्रिपाठी के कार्यालय का शुभारंभ कर उन्होंने जनता से वोट और सपोर्ट की अपील भी की। वार्ड नंबर 14 में वह कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी सुनील कनौजिया के समर्थन में वोट मांग चुके हैं। सुनील कनौजिया निवर्तमान पार्षद प्रत्याशी हैं और इस बार हाईकमान ने उनकी टिकट काट दी है।
वार्ड नंबर 38 में मीटिंग के दौरान यूपी सीएम को दी गाली
कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर का यह VIRAL VIDEO वार्ड नंबर 38 का है। यहां पर वह कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ सिंह के समर्थन में मीटिंग कर रहे हैं। माइक हाथ में लेकर अजय कपूर ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता है, सरकार चाहे जिसकी हो। पिछला वाला मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) के लिए उन्होंने हाथ से इशारा करते हुए कहा कि उसे जेब में रखते थे। भाजपाइयों की सरकार है, ये देशद्रोही टाइप का है। साथ ही उससे पहले उन्होंने साला शब्द भी मुख्यमंत्री के लिए कहा। हालांकि यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अजय कपूर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है लेकिन देखना यह है कि क्या कानपुर पुलिस पूर्व विधायक को गिरफ्तार करती है या फिर एक बार फिर कानून गंदी राजनीति करने वालों के सामने बौना पड़ता है ? हालांकि सूत्र बताते हैं कि पूरे मामले को प्रदेश सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। अंदरखाने की मानें तो नगर निकाय चुनाव के बाद इस मुद्दे पर यूपी सरकार कोई बड़ा और कठोर फैसला ले सकती है।
[caption id="attachment_18327" align="aligncenter" width="583"] वार्ड नंबर 60 से बीजेपी प्रत्याशी जितेंद्र गांधी। जितेंद्र पर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। Crime Branch को जितेंद्र की तलाश है लेकिन सत्ता की हनक और "माननीयों" की कृपा से वह वह खुलेआम चुनाव लड़ रहे हैं। [/caption]
BJP के Minister लड़ा रहे हैं Kanpur के MOST WANTED को पार्षदी का चुनाव
बात सिर्फ कांग्रेस की ही नहीं बल्कि BJP की भी है। सूबे की योगी सरकार के दो बड़े मंत्री दंगे के आरोपी और कानपुर पुलिस के Most Wanted को वार्ड नंबर 60 से चुनाव लड़वा रहे हैं। जी, हां जितेंद्र गांधी नाम के इस आरोपी को बीजेपी ने पहले पार्टी से टिकट दिया। यह टिकट एक मंत्री की कृपा से जितेंद्र गांधी को मिला। जितेंद्र के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमें दर्ज हैं। कोर्ट से NBW जारी होने के बाद भी जब वह अदालत में हाजिर नहीं हुआ तो उसके खिलाफ 82 की नोटिस जारी हुई। 82 की नोटिस का मतलब साफ है कि वह भगोड़ा है। पुलिस ने जितेंद्र के घर पर नोटिस चस्पा कर यह कहा कि वह फरार है। अब सवाल यह उठता है कि जो अपराधी कोर्ट से भगोड़ा घोषित है वह बीजेपी जैसी पार्टी से टिकट कैसे पाया ? सवाल कानपुर पुलिस की कार्यशैली पर भी है कि जिसे वह गिरफ्तार नहीं कर पा रही है वह बड़े पुलिस अधिकारियों के सामने पर्चा दाखिल कैसे कर गया ? इससे बड़ा सवाल यह है कि यूपी के एक डिप्टी सीएम उसके लिए बाकायदा रोड-शो तक करने आए। सभी अफसर मौजूद रहे लेकिन जितेंद्र गांधी को गिरफ्तार करने का साहस पुलिस नहीं कर सकी।
डिप्टी सीएम को भेंट किया गुलदस्ता
वार्ड नंबर 60 से बीजेपी के प्रत्याशी और वाटेंड जितेंद्र गांधी ने दो दिन पहले कानपुर में रोड-शो करने आए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का स्वागत किया। जितेंद्र ने समर्थकों के साथ डिप्टी सीएम को बुके और गुलदस्ता भेंट किया। PHOTO पोर्टल के पास उपलब्ध है।
जीतने के बाद भी निरस्त हो सकता है चुनाव
वार्ड नंबर 60 से मोस्ट वांटेड जितेंद्र गांधी यदि चुनाव जीत भी जाता है तो उसका चुनाव निरस्त होना तय माना जा रहा है। www.redeyuestimes.com के पास पुख्ता और प्रमाणित दस्तावेज हैं। यह दस्तावेज जितेंद्र गांधी ने नामांकन के समय संलग्न किया है। शपथ-पत्र में जितेंद्र गांधी ने अपने ऊपर दर्ज अपराधिक मुकदमों का कहीं पर भी जिक्र नहीं दिया है। ये भी एक संगीन अपराध है। विधि विशेषज्ञों की मानें तो यदि वह चुनाव जीत भी जाता है तो विरोधी कोर्ट की शरण में जाएंगे। ऐसे हालात में न सिर्फ उसका चुनाव रद्द होगा बल्कि IPS की धारा 420 के तहत उसके खिलाफ FIR भी दर्ज हो सकती है। इतना ही नहीं शहर में तीन और ऐसे वार्ड हैं जहां बीजेपी प्रत्याशी चुनाव जीतने के बाद भी हर कीमत पर अपनी बाजी हारेंगे।
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