भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसकी सोशल मीडिया विंग की तरफ से राहुल गांधी को लेकर "PAPPU" शब्द का प्रयोग न सिर्फ सोशल मीडिया मे किया जा रहा है बल्कि सार्वजनिक जगहों और चुनावी सभाओं में भी कई बार इस शब्द का प्रयोग किया गया। हद तो तब हो गई जब बीजेपी इस शब्द का प्रयोग अपने प्रचार सामग्री में भी करने लगी। गुजरात चुनाव आयोग ने बीजेपी की चुनाव प्रचार सामग्री की जांच के बाद पाया कि यह कृत्य मर्यादा का उल्लंघन है।
YOGESH TRIPATHI
नई दिल्ली। गुजरात निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक विज्ञापनों में 'PAPPU' शब्द का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से पढ़े-लिखे और प्रबुद्ध वर्ग में काफी सराहना की जा रही है। गौरतलब है कि “PAPPU” शब्द के जरिए BJP और उसके वर्कर सोशल मीडिया समेत कई प्रमुख सार्वजनिक जगहों पर कांग्रेस के Vice President राहुल गांधी का लंबे समय से उपहास और मजाक उड़ाती रही है। EC के इस बड़े फैसले के बाद BJP ने प्रतिबंध पर खिसियानी बिल्ली की तरह कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि उसके विज्ञापनों में इस शब्द का इस्तेमाल किसी के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर नहीं हुआ है।
BJP की प्रचार सामग्री की पड़ताल के बाद आयोग ने लिया कठोर फैसला
निर्वाचन आयोग ने BJP की प्रचार सामग्री का परीक्षण करने के बाद पाया कि उसमें एक खास व्यक्तित्व की तरफ इशारा करते हुए अपमानजनक तरीके से 'PAPPU' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। गुजरात चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधना मर्यादा के अनुरूप नहीं है।
BJP ने गुजरात चुनाव आयोग के इस रवैये पर आपत्ति जतायी है। BJP का कहना है कि उसके प्रचार सामग्री में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया गया है। इसलिए आयोग का ऐसा निर्देश देना उचित नहीं है। आयोग के आदेश के बाद अब BJP के पास चुनाव प्रचार सामग्री में इसकी जगह दूसरे शब्द का इस्तेमाल करने और नई स्क्रिप्ट निर्वाचन अयोग के पास मंजूरी के लिए भेजने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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