वार्ड नंबर-7 निराला नगर में सर्वाधिक वोटरों की संख्या दलितों की है। यहां मलिन बस्ती के साथ झुग्गी-झोपड़ी वाले वोटरों की तादात काफी अधिक है। कालोनी के नाम पर सिर्फ रेलवे और पीली कालोनी ही है। कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के बाहरी होने की वजह से मतदाता उन पर पूरा मन नहीं बना पा रहे हैं। जिसकी वजह से सीधा लाभ निर्दलीय और AAP प्रत्याशी उठा रहे हैं। 


YOGESH TRIPATHI


कानपुर। गोविंदनगर और किदवईनगर की सीमा रेखा को छूने वाले वार्ड नंबर-7 के 28 हजार मतदाता इस बार अहम फैसला ले सकते हैं। सभी की जुबां पर बस एक ही बात है बाहरी प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा नहीं बाधेंगे इस बार। चुनाव की लड़ाई भी कम रोचक नही है। एक निर्दलीय प्रत्याशी ने बाहरी बनाम घर का नारा दे दिया है। तो वहीं AAP प्रत्याशी ने झुग्गी-झोपड़ी बनाम बंगला का नारा देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। यह सत्य है कि जीतेगा कोई एक लेकिन चुनाव बेहद रोचक होगा। www.redeyestimes.com ने वार्ड के अंतर्गत आने वाली कई बस्ती के लोगों से बातचीत की तो सभी ने कहा कि इस बार बाहरी बिल्कुल भी नही चलेगा, खासतौर पर बंगले में रहने वाला तो बिल्कुल भी नहीं। हम बस्ती के बीच का ही कोई नेता चुनेंगे।


वार्ड से ये है प्रमुख प्रत्याशी

इस वार्ड से कुल 10 प्रत्याशी चुनावी रणभूमि में बचे हैं। पिछली बार यह सीट सामान्य थी लेकिन इस बार आरक्षित की गई है। संगठन की कृपा से टिकट पाए बीजेपी से गिरीशचंद्रा, कांग्रेस से वीरेंद्र कुमार, बसपा से मनीष कठेरिया और समाजवादी पार्टी से प्रीतम सिंह, निर्दलीय विनय वर्मा, आम आदमी पार्टी के मुन्ना भारत प्रमुख हैं। बीजेपी के गिरीशचंद्रा और कांग्रेस के वीरेंद्र कुमार का निवास वार्ड के अंतर्गत नहीं है। इन दोनों प्रत्याशियों का निवास वार्ड से कई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

[caption id="attachment_18250" align="aligncenter" width="960"] दिल्ली से आए AAP विधायक ने प्रत्याशी मुन्ना भारत के लिए मांगा बस्ती में पहुंचकर वोट।[/caption]

निर्दलीय और AAP प्रत्याशी को मिल रहा है सीधा फायदा

बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के बाहरी होने का सीधा फायदा निर्दलीय विनय वर्मा और AAP प्रत्याशी मुन्ना भारत उठा रहे हैं। पोर्टल की पड़ताल में जो प्रमुख बात सामने यह आई है कि निर्दलीय विनय वर्मा बाहरी बनाम घर का नारा बुलंद कर मतदाताओं को काफी हद तक रिझाने में कामयाब हो रहे हैं। कई वोटरों ने इस बात को स्वीकार किया है उनको अपने ही बीच का पार्षद चाहिए। कई युवा वोटरों ने कहा कि बाहर वाले की चौखट पर जाने से बेहतर है कि हम अपने बीच का ही गरीब प्रत्याशी चुने, ताकि वह आसानी से हम लोगों के लिए सुलभ रहे।

वहीं AAP प्रत्याशी मुन्ना भारत ने “झुग्गी-झोपड़ी बना बंगला” का नारा बुलंद कर रखा है। वह खुद भी बस्ती के बीच बने बेहद जर्जर मकान में रहते हैं। लंबे समय से जुड़े होने की वजह से AAP ने मुन्ना को टिकट दे दिया। शनिवार को मुन्ना के समर्थन में दिल्ली से आए विधायक ने कई बस्तियों के बीच जाकर संपर्क भी किया।

जीत-हार के प्रमुख फैक्टर

चुनाव में जीत किसकी होगी यह तो नहीं पता लेकिन जो समीकरण बैठ रहे हैं वह राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा सकते हैं। करीब 28 हजार से अधिक मतदाताओं वाले इस वार्ड में सर्वाधिक संख्या दलित वोटरों की है। यह संख्या करीब 14 से 15 हजार के बीच बैठती है। उसके बाद जो बैकवर्ड वोटर और सबसे कम संख्या सामान्य जाति के वोटरों की है। राजनीति के जानकारों की मानें तो ऐसे में जिस प्रत्याशी ने झुग्गी-झोपड़ी के साथ मलिन बस्तियों में रहने वाले वोटरों के बीच तालमेल बैठा लिया, उसकी जीत की राह आसान हो सकती है।

इस समीकरण में निर्दलीय विनय वर्मा और मुन्ना भारत ही अभी तक के चुनाव प्रचार में फिट बैठ रहे हैं। वोटरों के साथ राजनीति के क्षेत्रीय पंडितों का भी कहना है कि कालोनी वाले वोट डालने कम ही जाते हैं। निर्णायक वोट बस्ती का रहेगा। ऐसे में निर्दलीय या फिर AAP प्रत्याशी के बीच यदि टक्कर हो जाए तो कोई बड़ी बात नहीं। चुनाव लड़वा रहे कई राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राष्ट्रीय दल के प्रत्याशियों के वोटर यहां कम हैं। जो हैं भी वो वोटिंग वाले दिन कम ही निकलेंगे। ऐसे में यहां निर्दलीय और AAP प्रत्याशी का ही बोलबाला रहने की उम्मींद है।

इन क्षेत्रों के मतदाता डालेंगे वोट

वार्ड नंबर-7 के अंतर्गत अंबेडकर नगर, निराला नगर, कैनाल कालोनी (पीली कालोनी), रेलवे कालोनी, हलुवा खाड़ा, चरनजीत सिंह कालोनी, विद्युत कालोनी, राम आसरे नगर, जेपी कालोनी, संजय नगर कालोनी, धर्मेंद्र नगर समेत कई प्रमुख बस्तियां भी हैं।
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