वार्ड नंबर-38 के मतदाता किसे अपना पार्षद चुनेंगे ? यह किसी को नहीं पता लेकिन एक बात तय है कि यहां का चुनाव काफी दिलचस्प होगा। दो प्रत्याशियों के बीच तनाव के हालात भी बने हुए हैं। यह रिपोर्ट स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) की है। शायद यही वजह रही है कि दो दिन पहले रात में एक मीटिंग के दौरान पूर्व विधायक ज्यादा समय नहीं ठहरे। पांच मिनट के बाद वो चले गए। अभी तक के त्रिकोणीय संघर्ष वाले चुनाव में BSP प्रत्याशी मुकेश चौधरी अन्य प्रत्याशियों से 21 बैठ रहे हैं। वोटिंग को अभी 24 घंटे बाकी है। सियासी ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो एक दिसंबर को ही पता चलेगा। 


[caption id="attachment_18375" align="aligncenter" width="640"] क्षेत्र में मतदाताओं के बीच पहुंचकर जनसंपर्क करते BSP प्रत्याशी मुकेश चौधरी (चौधरी डेरी वाले)[/caption]

YOGESH TRIPATHI


कानपुर। नगर निकाय चुनाव के वोटिंग की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है। ठीक 24 घंटे बाद मतदाता अपने पसंद का पार्षद चुनने के लिए वोट की चोट करेंगे। Kanpur के किदवईनगर एरिया के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर 38 में चुनाव त्रिकोणीय बन चुका है। सपा प्रत्याशी अपने परंपरागत वोटरों के बीच कांग्रेस के पूर्व विधायक की तरफ से किए गए “सियासी प्रहार” से परेशान हैं तो दूसरी तरफ BJP प्रत्याशी अपने चुनाव को वो गति नहीं दे पाए हैं जिसकी उम्मींद की जा रही थी। कांग्रेस प्रत्याशी को भी लोग हल्के में नहीं ले रहे हैं लेकिन इन सबके बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) के हाथी की मस्तानी चाल से भी विरोधी प्रत्याशी खौफजदा हैं। बसपा के कैडर वोट के साथ मुस्लिम वोटरों के बीच तगड़ी पैठ होने और कई जगहों पर सेंधमारी की वजह से BSP प्रत्याशी की पोजीशन मजबूत बनी हुई है। चुनाव परिणाम क्या होगा ? यह किसी को नहीं पता लेकिन बसपा के प्रत्याशी को विरोधियों के साथ मतदाता भी हल्के में नहीं ले रहे हैं। सभी कह रहे हैं कि हाथी वोटिंग वाले दिन कई पोलिंग पर चिग्घाड़ सकता है।



वार्ड में हैं कुल 14,572 मतदाता


इस वार्ड में कुल मतदाता 14572 के करीब हैं। जूही सफेद कालोनी, लुधौरा, करपात्री नगर, नटवनटोला, बारादेवी, लक्ष्मणपुरवा समेत कई मोहल्ले इस वार्ड के अंतर्गत आते हैं।

ब्राम्हण और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब-करीब बराबर


इस वार्ड में मुस्लिम और ब्राम्हण मतदाता करीब-करीब बराबर हैं। 30 से 35 के बीच ब्राम्हण हैं तो लगभग इतने ही प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। वार्ड में कई मूलभूत समस्याएं हैं। गंदगी के साथ जलभराव यहां की हमेशा से बड़ी समस्या रही है। खास बात यह है कि यहां BSP का कैडर वोट करीब ढाई हजार से अधिक है।


BSP से मुकेश चौधरी (चौधरी डेरी वाले) है प्रत्याशी


बहुजन समाज पार्टी ने इस वार्ड से युवा और जुझारू चेहरे पर दांव खेलते हुए मुकेश चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुकेश चौधरी की गौशाला में चौधरी डेरी के नाम से प्रतिष्ठित फर्म है। स्थानीय लोग उनसे काफी भली-भांति परिचित हैं। मुकेश चौधरी के चुनाव में बसपा के पदाधिकारी भी अपनी ताकत झोंके हुए हैं। स्थानीय युवा वर्ग का उनको खास समर्थन तो मिल ही रहा है। अंदर ही अंदर दूसरे राजनीतिक दलों के लोग उनको समर्थन देकर चुनाव को काफी मजबूत किए हैं। सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव के मुकेश चौधरी करीब-करीब हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। मुस्लिम वोटरों के बीच भी उन्होंने तगड़ी सेंधमारी की है। चुनाव प्रचार के मामले में भी वह अन्य प्रत्याशियों से पूरे चुनाव में 21 बैठे हैं। इन सबका वह चुनाव में तगड़ा एडवांटेज ले सकते हैं।


BJP ने शुभम बाजपेयी पर खेला हैं दांव


भारतीय जनता पार्टी ने इस वार्ड से शुभम बाजपेयी पर दांव लगाते हुए उनको अपना प्रत्याशी बनाया है। शुभम के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि इस वार्ड में RSS और संगठन के तमाम कार्यकर्ता और नेता रहते हैं। जिसका फायदा उनको वोटिंग वाले दिन मतदाताओं को बाहर निकलवाने में मिलेगा। हालांकि शुभम को टिकट मिलने के बाद स्थानीय स्तर पर कई नेताओं के विरोध का सामना भी उनको करना पड़ा था लेकिन बाद में हाईकमान की पहल पर डैमेज कंट्रोल को मैनेज कर लिया गया। शुभम बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक के सहारे ही चुनावी लड़ाई में बने हैं। वह कहीं सेंधमारी नहीं कर सके।

कांग्रेस से सिद्धार्थ सिंह है मैदान में


कांग्रेस ने पूर्व पार्षद सिद्धार्थ सिंह को टिकट दिया है। सिद्धार्थ सिंह की सभा में ही अजय कपूर ने सीएम को देशद्रोही कहते हुए अपशब्द कहे। राजनीति के जानकार पंडितों की मानें तो वीडियो वायरल होने के बाद उनको एक वर्ग से तगड़ा नुकसान होने की प्रबल आशंका हैं तो दूसरी तरफ दूसरे वर्ग का वह कुछ प्रतिशत वोट वो काटेंगे। यह वोट काटने से सीधा नुकसान सपा को हो रहा है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि दूसरे वर्ग में बसपा प्रत्याशी मुकेश चौधरी पहले ही तगड़ी सेंधमारी कर चुके हैं।

सपा से नसरुद्दीन हैं प्रत्याशी


समाजवादी पार्टी ने इस वार्ड से नसरुद्दीन को प्रत्याशी बनाया है। नसरुद्दीन चुनाव के शुरुआत में ठीक चुनाव उठाए थे लेकिन तीन दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी की सभा में कांग्रेस के पूर्व विधायक की तरफ से यूपी सीएम के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का उनको सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। सपा की तरफ से भी इस मुद्दे को लेकर कोई विरोध नहीं दर्ज कराया गया। सूत्रों की मानें तो विरोधी खेमा नसरुद्दीन की तरफ से आयोग को दिए गए शपथ पत्र के सत्यता की जांच में भी जुटा है। विरोधी उनके शैक्षणिक योग्यता के बाबत गहराई से छानबीन करवा रहे हैं।

अभी तक त्रिकोणीय रहे चुनाव में हो सकती है सीधी टक्कर


राजनीति के जानकर लोगों की मानें चुनाव मंडे तक यह चुनाव त्रिकोणीय संघर्ष की स्थित में था लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं को वोटिंग वाले दिन यह चुनाव सीधी टक्कर वाला भी बन सकता है। यह तब होगा जब यहां पर ध्रुवीकरण की राजनीति होगी। हालांकि कैडर के ढाई हजार वोट, मुस्लिम वोटरों में सेंधमारी कर बसपा प्रत्याशी का हाथी मस्तानी चाल में हैं। बाकी प्रत्याशी किसी न किसी समस्या से ही जूझ रहे हैं।

 
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