गोविंदनगर विधान सभा एरिया के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर-34 (रतनलाल नगर) का चुनाव में कांटे का संघर्ष होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यहां से बीजेपी ने विधि राजपाल पर दांव लगाया है तो कांग्रेस ने पुराने कांग्रेसी दिग्गज अन्ना दिवेदी की धर्मपत्नी अर्चना दिवेदी को अपना प्रत्याशी घोषित कर चुनावी मैदान में उतारा है। लेकिन यहां जो नाम सबसे अधिक प्रभाव छोड़ रहा है वो है सांत्वना शर्मा का। सांत्वना निवर्तमान पार्षद मनीष शर्मा की पत्नी हैं। वो अपने पति मनीष, जेठ पंडित योगेश शर्मा और भरत शर्मा के जरिए विरोधियों पर सियासी तीर चला रही हैं। अभी तक की लड़ाई में वह अन्य प्रत्याशियों की तुलना में आगे बनी हैं। लेकिन राजनीति के जानकार मान रहे हैं चुनाव के अंत तक बाजी पलटेगी अवश्य। यहां आखिरी में चुनाव के त्रिकोणीय होने की गणित लगाई जा रही है। 


[caption id="attachment_18308" align="aligncenter" width="640"] निवर्तमान पार्षद और अपने पति मनीष शर्मा के साथ वार्ड नंबर 34 की प्रत्याशी सांत्वना शर्मा[/caption]

YOGESH TRIPATHI


कानपुर। गोविंदन नगर विधान सभा एरिया के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर-34 (रतनलाल नगर) का चुनाव बेहद दिलचस्प होगा। इस वार्ड में चुनाव कौन जीतेगा ? यह किसी को नहीं पता लेकिन एक बात तय है कि यहां सांत्वना शर्मा के धनुष से निकले तीर से हर प्रत्याशी कोई खुद को बचा रहा है। सभी प्रत्याशी अपनी टक्कर सांत्वना शर्मा से ही मान रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि यहां का चुनाव काफी दिलचस्प और कांटे के संघर्ष वाला होगा।


22,700 हजार से अधिक मतदाता चुनेंगे अपना पार्षद

वार्ड नंबर 34 रतनलाल नगर में करीब 22 हजार 700 से अधिक मतदाता अपने पसंद का पार्षद चुनेंगे। इस वार्ड के अंतर्गत गुजैनी A, B, दबौली HIG, MIG, रतनलाल नगर, महादेव नगर, बर्रा भाग 7, स्टेट बैंक कालोनी, बर्रा 3, माली प्लाट समेत कई मोहल्ले आते हैं। यहां सर्वाधिक मतदाता ब्राम्हण हैं। उसके बाद सिंधी समुदाय का वोटर है।

शिवसेना के टिकट से चुनावी रणभूमि में हैं सांत्वना शर्मा

निवर्तमान पार्षद मनीष शर्मा की धर्मपत्नी सांत्वना शर्मा को शिवसेना ने अपना प्रत्याशी बनाया है। सांत्वना के पति मनीष शर्मा दो बार से पार्षद हैं। पहला चुनाव वह कांग्रेस के टिकट पर जीते थे दूसरी बार वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में जीते। परशीमन बदलने के साथ यह सीट महिला वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। गुजैनी A, B ब्लाक के साथ रतनलाल नगर के मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा सांत्वना के खाते में जा सकता है। साथ ही बर्रा भाग 7 और 3 में भी वह बेहतर चुनाव लड़ रही हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो वह बीजेपी के वोटबैंक में भी तगड़ी सेंधमारी कर सकती हैं।

विधि राजपाल हैं BJP की प्रत्याशी

केंद्र और यूपी की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां से विधि राजपाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। विधि के पिता लंबे समय से बीजेपी की सक्रिय राजनीति में हैं। विधान सभा चुनाव में उन्होंने टिकट की दावेदारी भी ठोंकी थी। अंदरखाने की मानें तो विधि राजपाल के चुनाव में संगठन अभी तक पूरे मन से चुनाव में नहीं लगा है। विधि अपनी दम पर चुनाव की गाड़ी को खींच रही हैं। बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक के साथ सिंधी समुदाय का एक बड़ा हिस्सा उनके खाते में जा सकता है। क्षेत्र के कई जगहों पर अभी भी उनका चुनाव गति नहीं पकड़ सका है। यह उनका माइनस प्वाइंट बन सकता है।

कांग्रेस ने अन्ना दिवेदी की पत्नी को दिया है टिकट

कांग्रेस पार्टी ने पुराने कांग्रेसी नेता अन्ना दिवेदी की धर्मपत्नी अर्चना दिवेदी को वार्ड नंबर 34 से अपना प्रत्याशी बनाया है। पुराने कांग्रेसी होने के नाते अन्ना दिवेदी की क्षेत्र में पकड़ है। कुछ जगहों पर कांग्रेस प्रत्याशी का पंजा भारी दिखा। लेकिन मतदाताओं में कांग्रेस के पंजे को लेकर जो उत्साह होना चाहिए वह अभी तक नहीं दिखाई दे रहा है। जानकारों की मानें तो यदि अन्ना ने ब्राम्हण वोट में यदि तगड़ी सेंधमारी कर दी तो वह अंत तक चुनाव के मुख्यधारा में आ सकते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि अर्चना दिवेदी जितना बढ़िया चुनाव लड़ेंगी तो उसका सीधा नुकसान बीजेपी को ही होगा।

सपा प्रत्याशी लड़ाई की मुख्य धारा में नहीं

वार्ड नंबर 34 से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी अभी तक चुनावी लड़ाई की मुख्यधारा में नहीं आ सकी हैं। गुजैनी को दो ब्लाकों में उनका चुनाव थोड़ा-बहुत नजर आ रहा है। हालांकि इन ब्लाकों में भी सांत्वना शर्मा सब पर भारी पड़ रही हैं।

ब्राम्हण वोटर जिधर झुकेगा, वही प्रत्याशी चुनाव जीतेगा

वार्ड नंबर-34 रतनलाल नगर में ब्राम्हण वोट बैंक करीब 35 से 40 फीसदी के बीच है। इसके बाद सिंधी समुदाय का सबसे अधिक वोटर है। ये दोनों ही वोटर बीजेपी के परंपरागत वोट बैंक माने जाते हैं। राजनीति के जानकारों की मानें तो इसमें निर्णायक भूमिका ब्राम्हण वोटरों की रहेगी। यह वोटर जिधर झुकेगा, उसी प्रत्याशी की जीत होगी। माना यह भी जा रहा है कि अर्चना दिवेदी ब्राम्हण वोट बैंक में आखिर तक अच्छी खासी सेंधमारी कर सकती हैं।
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