सोनल की मां बनारस की रहने वाली हैं। उनका विवाह मेरठ के रामेंद्र शर्मा के साथ हुआ था। विवाह के बाद पति ने उनको निशानेबाजी का प्रशिक्षण दिया और वह भी नेशनल स्तर की प्लेयर बनीं। माता-पिता से विरासत में मिली निशानेबाजी को सोनल रामेंद्र ने बाल्यवस्था में ही अपना लिया। जब वह कक्षा नौ में पढ़ती थीं तो अमेरिका की एक प्रतियोगिता में उन्होंने पदक जीता।
[caption id="attachment_17808" align="aligncenter" width="640"] हंगरी की एकेडमी में जूनियर टीम को प्रशिक्षण देती बुन्देलखंड की सोनल रामेंद्र[/caption]
YOGESH TRIPATHI
बांदा। बुन्देलखंड की पथरीली राह से निकलकर प्रदेश और देश में अपने निशानेबाजी से सबको चकित करने वाली सोनल रामेंद्र के नाम का डंका अब विदेशों में भी बज रहा है। नेशनल शूटर रहे पिता रामेंद्र शर्मा से विरासत में मिली निशानेबाजी के हुनर की धूम सोनल ने हंगरी में भी मचा दी है। वह हंगरी के इंटरनेशनल फेडरेशन की एकेडमी कोच हैं। यहां सैकड़ों निशानेबाजों को वह प्रशिक्षण देती हैं। सोनल की बढ़ती कामयाबी से न सिर्फ बांदा बल्कि पूरा बुन्देलखंड खुद को गौरवांवित महसूस कर रहा है।
[caption id="attachment_17809" align="aligncenter" width="480"] सोनल रामेंद्र की मां आराधना शर्मा भी निशानेबाजी में नेशनल प्लेयर रह चुकी हैं[/caption]
माता और पिता दोनों ही रह चुके हैं नेशनल शूटर
सोनल रामेंद्र की मां आराधना शर्मा और पिता रामेंद्र शर्मा दोनों ही नेशनल शूटर रहे हैं। अपनी बेटी की उपलब्धियों पर दोनों ही बेहद खुश हैं। बांदा के आवास विकास कालोनी निवासी आराधना शर्मा वर्तमान समय में गैस एजेंसी का संचालन कर रही हैं। सोनल रामेंद्र के बारे में आराधना शर्मा कहती है कि बचपन से ही उसकी रुचि निशानेबाजी में रही है। जब वह 9वीं क्लास में थी तो उसने अटलांटा अमेरिका में वर्ल्डकप खेला। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश और प्रदेश में कई निशानेबाजी की प्रतियोगिताओं में मेडल भी जीता। भारतीय टीम से वह अब तक 32 बार विदेशों में प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
वीडियो साभारः बुन्देलखंड न्यूज
https://youtu.be/b4AKX-EV6bM
माता-पिता और बेटी ने जीते हैं अब तक 375 पदक
सोनल के पिता रामेंद्र शर्मा नेशनल शूटर हैँ। उनकी पत्नी आराधना शर्मा ने भी कई निशानेबाजी की प्रतियोगिताएं जीतीं। रामेंद्र शर्मा का कहना है कि अब तक पूरे परिवार ने 375 मेडल जीते हैं। शादी के बाद पत्नी को निशानेबाजी सिखाया। लगन ऐसी कि अब तक देश की कई प्रतियोगिताओं में उन्होंने हिस्सा भी लिया।
हंगरी में जूनियर टीम को प्रशिक्षण दे रही सोनल रामेंद्र
प्रदेश और देश के निशानेबाजी की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोह मनवाने के बाद सोनल रामेंद्र इन दिनों हंगरी में जूनियर टीम को प्रशिक्षण दे रही हैं। यहां सैकड़ों निशानेबाजी उनकी देखरेख में प्रशिक्षण ले रहे हैं। पिता रामेंद्र का कहना है कि सोनल को कई और देशों से भी आफर आ चुके हैं।
पिता ने तीन साल में ही बना दिए 35 निशानेबाज
शूटिंग प्रतियोगिता में राट्रीय स्तर पर सिल्वर मेडल व राज्य सरकार की तरफ से लक्ष्मण पुरस्कार हासिल करने वाले रामेंद्र शर्मा ने तीन साल के दौरान बांदा जनपद में ही 35 निशानेबाज तैयार कर दिए। उन्होंने बताया कि इसमें 11 बच्चे तो आल इंडिया इंटर स्कूल प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके है। तीन ने प्रतियोगिता में मेडल भी जीता है।
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