सपा सुप्रीमों अखिलेश सिंह यादव ने सोमवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान कर दिया। कार्यकारिणी में उन्होंने एक बार फिर चाचा शिवपाल से तल्खी दिखाते हुए उनको किनारे ही रखा। चचेरे चाचा प्रोफेसर राम गोपाल यादव को उन्होंने मुख्य महासचिव बनाया है। कार्यकारिणी जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने तीन ब्राम्हणों को भी जगह दी है। साथ ही सबसे बड़ा चौंकाने वाला फैसला उन्होंने हिमांचाल प्रदेश के चुनाव में प्रत्याशी उतारने का लिया।
[caption id="attachment_17897" align="aligncenter" width="640"] अखिलेश सिंह यादव (Ex.CM UP)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख और यूपी के Ex.CM अखिलेश सिंह यादव ने अपनी “Team” (राष्ट्रीय कार्यकारिणी) का ऐलान कर दिया। इसमें चाचा शिवपाल सिंह यादव को उन्होंने बिल्कुल भी तरजीह नहीं दी। दूसरे चाचा प्रोफेसर रामगोपाल सिंह यादव का उन्होंने कद बढ़ाते हुए उन्हें पार्टी का मुख्य महासचिव बनाया। बसपा से हाल में आए कद्दावर नेता इंद्रजीत सरोज को भी सपा सुप्रीमों ने बड़ा तोहफा दिया है। इन सबके बाद जो सबसे बड़ा फैसला लिया वह काफी चौंकाने वाला रहा। अखिलेश सिंह यादव ने हिमांचाल प्रदेश चुनाव में अपने “योद्धाओं” (प्रत्याशियों) को उतारने का ऐलान किया।
आक्रामक मूड में दिखाई दे रहे सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव
सपा सुप्रीमों अखिलेश सिंह यादव पार्टी का दोबारा प्रेसीडेंट बनने के बाद काफी आक्रामक मूड में दिखाई दे रहे हैं। सपा में चाचा शिवपाल सिंह को किनारे कर उन्होंने अपने तल्ख तेवर दिखाने के साथ प्रोफेसर रामगोपाल सिंह यादव के करीबी लोगों को काफी तरजीह भी दी।
प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, हिमांचल में लड़ेगी पार्टी चुनाव
कार्यकारिणी गठन के बाद सपा प्रवक्त राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी हिमांचल प्रदेश से में अपने उम्मींदवार खड़ा करेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। पार्टी की तरफ से हिमांचल प्रदेश के चुनावों के लिए प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। सभी प्रभारी कांगड़ा समेत अन्य जनपदों में पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि हिमांचल प्रदेश में 68 विधान सभा की सीटों के लिए चुनाव होने हैं। 16 अक्तूबर को चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जो कि 23 अक्तूबर तक रहेगी।
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