Kanpur की मेयर सीट के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से करीब चार दर्जन महिला दावेदारों ने अपना आवेदन दिया है। श्रीश्री रविशंकर जी के आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़ीं डॉक्टर बनदेव सिंह (बिन्दु) ने भी अपना आवेदन किया। www.redeyestimes.com से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि RSS की एक विंग की वह प्रांत संयोजिका भी हैं। अपना लंबा जीवन सामाजिक सरोकार में व्यतीत करने वाली बिन्दु सिंह जेल में बंद महिला बंदियों और उनके बच्चों के उत्थान के लिए लंबे समय से कार्य कर रही हैं। जेल में महिला बंदियों के हाथों से बनी आर्टिफिशियल ज्वैलरी की मांग अब विदेशों में होने लगी है। जिसे वह बड़ी उपलब्धि बताती हैं।
[caption id="attachment_18054" align="aligncenter" width="640"] BJP से मेयर की प्रत्याशिता के लिए आवेदन करने वाली डॉक्टर बनदेव सिंह (बिन्दु) (छाया): नागेंद्र शुक्ला [/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। BJP Kanpur से मेयर की प्रत्याशिता के लिए आवेदन करने वाली डॉक्टर बनदेव कुमारी सिंह (बिन्दु) को Kanpur के जिला कारागार के कर्मचारी और बंदी “किरन बेदी” कहते हैं। जिला कारागार की महिला बंदियों और उनके बच्चों के लिए डॉक्टर बिन्दु सिंह किसी “मसीहा” से कम नहीं है। होली हो या दिवाली, 15 अगस्त या 26 जनवरी। बिन्दु सिंह अपने जीवन का अमूल्य समय महिला बंदियों और उनके बच्चों के लिए समर्पित करती हैं। जीवन का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा में बिताने वाली बिन्दु सिंह अचानक तब चर्चा में आ गईं जब उन्होंने मेयर की प्रत्याशिता के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से आवेदन कर दिया। www.redeyestimes.com से बातचीत में बिन्दु सिंह ने तमाम सवालों का काफी बेबाकी से जवाब दिया। श्रीश्री रविशंकर जी महाराज को अपना गुरु और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानने वाली बिन्दु सिंह ने कहा कि कभी उनके गुरु ने कहा था कि “माना की राजनीति गंदी है लेकिन इस गंदगी को साफ करने के लिए किसी न किसी तो आगे आना ही पड़ेगा”।
[caption id="attachment_18053" align="aligncenter" width="640"] महिला बंदियों की तरफ से बनाई गई आर्टिफिशियल ज्वैलरी की प्रदर्शनी में डॉक्टर बिन्दु सिंह[/caption]
महज तीन साल की उम्र में हो गया था पिता का निधन
बनदेव कुमारी सिंह (बिन्दु) मूलरूप से फर्रुखाबाद जनपद के खिमसीपुर खिरिया की रहने वाली हैं। तीन साल की उम्र में पिता जगपाल सिंह का निधन हो गया। पिता के निधन के बाद स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत उनकी मां उन्हें लेकर हरदोई आ गईं। जब वह इंटर की पढ़ाई कर रहीं थी तभी उनका विवाह मां ने कर दिया।
[caption id="attachment_18055" align="aligncenter" width="720"] सामाजिक और पर्यावरण पर विशेष काम करने वाली डॉक्टर बिन्दु सिंह को कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है[/caption]
पति ने बदल दी डॉक्टर बिन्दु सिंह की दुनिया
बिन्दु सिंह के मुताबिक विवाह के बाद उनके पति ने उनकी शिक्षा को बाधित नहीं होने दिया। वह पढ़ती गईं और पति उनका साथ देते रहे। MA (समाजशास्त्र) से करने के बाद उन्होंने MSW किया। इसके बाद उन्होंने MBEH (होम्योपैथ) से डॉक्टरी की पढ़ाई की। इसके बाद भी वह रुकीं नहीं और फैशन डिजाइनिंग से लेकर तमाम तरह के कोर्स कर उन्होंने डिग्रियां और सर्टिफिकेट्स हासिल किए। करीब आठ साल पहले पति का निधन हो गया। इसके बाद उन पर बेटी की जिम्मेदारी आ पड़ी। बिन्दु सिंह के मुताबिक उनकी बेटी शुभांगि ने दिल्ली में रहकर पत्रकारिता की पढ़ाई की।
[caption id="attachment_18056" align="aligncenter" width="720"] महिला कैदियों और बच्चों को जेल में बेहतर शिक्षा दिलाने और उनके उत्थान के लिए कार्य करने वाली बिन्दु सिंह को सम्मानित करते पुलिस अफसर[/caption]
RSS की एक विंग की हैं प्रांत संयोजिका
समाज सेवा से जुड़ी डॉक्टर बिन्दु सिंह शिक्षा-संस्कृति उत्थान न्यास (कार्य एवं विषय) की प्रांत संयोजिका भी हैं। यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की एक विंग हैं। प्रत्याशिता के लिए आवेदन के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का इरादा कभी नहीं रहा। एक बार गुरु श्रीश्री रविशंकर जी से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि “राजनीति गंदी है लेकिन इसे साफ करने के लिए किसी न किसी को आगे तो आना ही पड़ेगा”। सीट जब सामान्य महिला के लिए निर्धारित की गई तो संघ के एक पदाधिकारी ने भी उनको फोन करके कहा कि आवेदन करो, आवेदन करने में क्या जाता है। दिल्ली में रह रही बेटी से जब बिन्दु ने पूछा तो उसने भी तुरंत हां कर दी। बेटी सुभांगि के हां कहने के बाद उन्होंने अपना आवेदन उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी को दे दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक मैने अपने गरुजी को सूचना नहीं दी है। संभव है कि देर रात तक मेल उनको भी करूंगी।
-परिवार परमार्श केंद्र (Police Line) में पिछले कई वर्ष से बतौर काउंसलर काम कर रहीं।
-कानपुर कारागार में महिला बंदियों और उनके बच्चों के उत्थान के लिए लंबे समय से कार्य कर रहीं।
-आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर संस्कार केंद्र के जरिए गरीब और दिव्यांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलवा रहीं।
-मलिन बस्तियों, कूड़ा बीनने वाले, भीख मांगने वालों को आत्मनिर्भर बनाने और उनको शिक्षा दिलाने के लिए भी डाक्टर बिन्दु सिंह काम कर रही हैं।
-बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ, सशक्त बनाओ, सम्मान दिलाओ के मिशन को लेकर पूरे प्रदेश में कार्य चल रहा है।
शिक्षा के मामले में गुरु बहनें सभी BJP के सभी आवेदनकर्ताओं पर हैं भारी
शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि डॉक्टर आरती लाल चंदानी और डॉक्टर बनदेव सिंह (बिन्दु सिंह) दोनों ही गुरु बहने भी हैं। यह बात खुद बिन्दु सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि डॉक्टर आरती लाल चंदानी भी श्रीश्री रविशंकर जी महाराज को फालो करती हैं। इस नाते हम दोनों गुरु बहने भी हैं। बिन्दु सिंह ने कहा कि यदि आरती लाल चंदानी जी को टिकट मिलता है तो वह उनको चुनाव लड़ाने में सबसे आगे रहेंगी। वहीं BJP की तरफ से प्रत्याशिता के लिए आए सभी आवेदनों में यह दोनों गुरु बहने शिक्षा के मामले में बाकी आवेदनकर्ताओं से काफी आगे हैं।
विशेष- डॉक्टर बनदेव सिंह (बिन्दु) ने जिला कारागार में बंद महिला बंदियों और उनके बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठा रखा है। उन्होंने अपने पैसे से एक शिक्षिका को अध्यन कार्य के लिए लगाया है। शिक्षिका का पूरा खर्च उठाती हैं। बकौल बिन्दु सिंह प्रत्येक पर्व वह जिला कारागार की महिला बंदियों और उनके बच्चों के साथ ही मनाती हैं। शायद यही वजह है कि जेल के कर्मचारी से लेकर महिला बंदी तक उनके नेक कार्य के लिए अब उनको Kanpur की “किरन बेदी” भी कहने लगे हैं।
[caption id="attachment_18052" align="aligncenter" width="640"] डॉक्टर बनदेव सिंह (बिन्दु)[/caption]
शुभांजलि वूमेन अवार्ड : शुभांजलि वूमेन अवार्ड के तहत डॉक्टर बिन्दु सिंह हर वर्ष एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर 9 महिलाओं और 9 लड़कियों को सम्मानित भी करती हैं। ये सम्मान अलग-अलग क्षेत्रों डांस, गायन, योगा समेत अन्य क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने पर दिया जाता है।
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