सपा के पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी ने मंगलवार को यूपी के आजमगढ़ में BSP की रैली के दौरान सुप्रीमों मायावती की मौजूदगी में बसपा ज्वाइन कर ली। उनके साथ तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी बसपा की सदस्यता ली है। माना जा रहा है कि निकाय चुनाव में इसका सीधा लाभ बीएसपी को मिलेगा।
[caption id="attachment_18040" align="alignleft" width="645"] घनश्याम अनुरागी (पूर्व सांसद)[/caption]
YOGESH TRIPATHI
कानपुर। यूपी के बुन्देलखंड में समाजवादी पार्टी (SP) को तगड़ा झटका लगा है। सपा के पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी ने पार्टी को बॉय-बॉय बोलते हुए BSP के “हाथी” पर सवार हो गए। आजमगढ़ में सपा सुप्रीमों मायावती की मौजूदगी में घनश्याम अनुरागी ने बसपा की सदस्यता ली। नगर निकाय चुनाव से पहले सपा को लगे तगड़े झटके पर जिले के सपाई पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं।
आजमगढ़ की रैली में BSP सुप्रीमों की मौजूदगी में शामिल हुए अनुरागी
बुन्देलखंड की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले सपा के पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी के आजमगढ़ रैली में मौजूद होने की खबर फैली तो सत्ता के गलियारों से लेकर यूपी के बुन्देलखंड तक उनकी चर्चाएं होने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने बसपा सुप्रीमों की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली तो राज से पर्दा उठ गया। घनश्याम अनुरागी के करीबी सपा नेता अनीस गुलौली ने भी बसपा की सदस्यता ली। अनीस कदौरा क्षेत्र से राजनीति करते हैं। वह भी लंबे समय तक सपा में रहे हैं। गौरतलब है कि सपा के पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी को जिला पंचायत चुनाव के कुछ दिनों बाद पार्टी के मुखिया अखिलेश सिंह यादव ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि कुछ दिन बाद ही उनको फिर से सपा में वापस लिया गया। राजनीति के जानकारों की मानें तो पार्टी में वापसी के बाद भी घनश्याम अनुरागी को तवज्जो नहीं मिल रही थी। सपा के पुराने वर्कर उनसे किनारा करने लगे थे, यही वजह रही कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया।
बुन्देलखंड की राजनीति में बड़ा फर्क पड़ेगा
पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी के बसपा ज्वाइन करने के बाद बुन्देलखंड की राजनीति में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। जानकारों की राय में घनश्याम की मौजूदगी से जहां बसपा की ताकत बुन्देलखंड में बढ़ेगी तो वहीं दूसरी तरफ सपा को नुकसान निश्चित तौर पर होगा।
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