कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि भूम बेंचने लगी थी लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार बनते ही न सिर्फ कंपनी ने ग्रोथ हासिल की बल्कि बाजार में कई दशकों से स्थापित नामी-गिरामी (ब्लूचिप) कंपनियों को काफी पीछे छोड़ दिया। इतना ही नहीं पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण देश के अमीरों में आठवें पायदान पर पहुंच गए।




 

नई दिल्ली। वर्ष 2014 के लोकसभा इलेक्शन में बाबा रामदेव ने नरेंद्र मोदी को PM बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यह बात किसी से छिपी भी नहीं है। बाबा रामदेव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योग मिशन इस समय पूरी दुनिया में छाया हुआ है। 21 जून को भी रामदेव गुजरात में ही भाजपा नेताओं के साथ योग करते हुए दिखाई। मीडिया में रामदेव के इस योग को बड़ी कवरेज मिली।


[caption id="attachment_17771" align="aligncenter" width="630"] योग गुरु बाबा रामदेव[/caption]

BJP सरकार के बनते ही छा गई पतंजलि

आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले दो वित्तीय वर्ष में ही पतंजलि कंपनी ने 100 फीसद से ऊपर की ग्रोथ दर्ज की है। बाबा रामदेव की पतंजलि ने FMCG के बाजार में हिन्दुस्तान यूनिलीवर, डाबर, ITC, कोलगेट-पामोलिव, प्राक्टर एंड गैम्बल और ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों को काफी पीछे छोड़ दिया। जहां पतंजलि ने 100 फीसद की ग्रोथ हासिल की तो इन कंपनियों की ग्रोथ महज 10 फीसदी के आसपास ही रही।

Ch Harmohan Singh Para Medical Sciences & , Nursing Institution

2016-17 में पतंजलि का कारोबार 10561 करोड़ तक पहुंचा

वर्ष 2016-17 में पतंजलि कंपनी का व्यवसाय 5000 हजार करोड़ से बढ़कर 10561 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा। आंकड़ों पर गौर करें तो पतंजलि के दंद कांति और घी की बाजार में हिस्सेदारी क्रमशः 14 और 13.9 फीसदी की है। जबकि शैंपू बाजार में केश कांति की हिस्सेदारी 7.8 फीसदी है। सूत्रों की मानें तो पतंजलि अब टैक्सटाइल को लेकर मिनिरल वाटर में भी हाथ अजमाने जा रही है।


रायटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद रामदेव की कंपनी को रियल एस्टेट के अनुमानों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण के लिए कई राज्यों में करीब 46 मिलियन अमेरिकन डालर की छूट दी गई है। जो करीब 300 करोड़ के आसपास बैठती है। तीन साल में पतंजलि को 2000 हजार एकड़ की जमीन तो मिली ही साथ ही 300 करोड़ रुपए की छूट भी।


कांग्रेस के शासन में पतंजलि बेंच रही थी अपनी जमीनें

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सरकार के बनने के बाद बाबा रामदेव की पतंजलि ने फैक्ट्रियों और अनुसंधान की सुविधाओं के निर्माण सहित जड़ी-बूटियों की आपूर्ति श्रंखला स्थापित करने के लिए करीब 2000 एकड़ की भूमि का अधिग्रहण कर चुकी है। जबकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पतंजलि अपनी जमीन को बेंच रही थी। तीन साल में चार जगहों पर अधिग्रहण की गई जमीनों में 100 एकड़ की भूमि बीजेपी शासित दो राज्यों की है, जबकि एक जगह बीजेपी की साझा सरकार है। राज्य सरकार के दस्तावेजों कके मुताबिक भाजपा शासित राज्यों में पतंजलि को जमीन खरीदने की जो छूट मिली है वह बाजार मूल्य के 77 प्रतिशत पर थी। रिपोर्ट की मानें तो पतंजलि ने भूमि अधिग्रहण करने के दौरान दावा किया था कि वह इन जमीनों पर फैक्ट्रियां खोलकर लोगों को रोजी-रोजगार देगी।

इन जगहों पर मिली पतंजलि को भूमि

नागपुर में पिछले साल सितंबर महीने में बाबा रामदेव की पतंजलि फूड प्रोसेसिंग प्लांट की नींव रखे जाने के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। यहां पतंजलि को 234 एकड़ की भूमि सिर्फ 59 करोड़ रुपए में ही मिल गई। यह जमीन राज्य के स्पेशल इकनामिक जोन से बिल्कुल सटी है। बाजार में जमीन की कीमत करीब 260 करोड़ रुपए से भी अधिक है। यहां पतंजलि को 78 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया गया।

आसाम में 148 की भूमि

नवंबर 2016 में बीजेपी शासित आसाम के बलीपारा में बाबा रामदेव की पतंजलि को 148 एकड़ की भूमि दी गई। यह जमीन 30 साल के लिए लीज पर दी गई है। बताया जा रहा है कि इसमें सरकार ने 36 प्रतिशत का डिस्काउंट भी दिया है।

साभारः huffingtonpost.in

Axact

Axact

Vestibulum bibendum felis sit amet dolor auctor molestie. In dignissim eget nibh id dapibus. Fusce et suscipit orci. Aliquam sit amet urna lorem. Duis eu imperdiet nunc, non imperdiet libero.

Post A Comment:

0 comments: