वर्ष 1984 में हुए सिख दंगों में Kanpur के करीब 127 बेगुनाह सिखों की जान गई थी। जान बचाने को हजारों सिख परिवार पलायन कर गए। दंगाइयों ने सैकड़ों घरों और दुकानों में लूटपाट के बाद आगजनी की। पुलिस ने 2500 से अधिक दंगाइयों पर FIR दर्ज की लेकिन हास्यापद बात यह रही कि किसी भी मामले में एक भी आरोपित को सजा मुकर्रर नहीं हुई।
[caption id="attachment_17317" align="aligncenter" width="669"] Anti-Sikh-Riots-1984[/caption]
कानपुर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वर्ष 1984 में हुए Kanpur के सिख दंगों के मामले की सुनवाई को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट (SC) कुछ दिनों के लिए टाल दिया है। यह सुनवाई अब 4 अक्तूबर से शुरु होगी।
Kanpur के सिख दंगों में 127 सिखों का बहा था खून
पूरा मामला उत्तर प्रदेश के Kanpur जनपद का है। वर्ष 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इंदिरा गांधी की मौत के बाद पूरे देश में दंगे हुए थे। हजारों की संख्या में सिखों का कत्ल किया गया। Kanpur में ही सिख दंगे हुए। इसमें करीब 127 बेगुनाह सिखों की हत्या दंगाइयों ने की। इस मामले की पहली सुनवाई 24 अप्रैल को हुई। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 4 अक्तूबर से शुरु होगी। गौरतलब है कि SIT या फिर CBI जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमित पहले ही दे दी थी।
Kanpur में करीब ढाई हजार लोगों पर दर्ज हुई थी FIR
वर्ष 1984 में हुए सिख दंगों में Kanpur के सभी एरिया में दंगे हुए। करीब 127 बेगुनाह सिखों की हत्या की गई। पुलिस ने अलग-अलग थानों में करीब 2500 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR रजिस्टर्ड की लेकिन किसी भी मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। उसमें बहुत से आरोपी स्वर्गवासी हो चुके हैं। कई अपराधी इन दंगों में लूटपाट करके सफेदपोश नेता बन चुके हैं तो कई शहर के बड़े कारोबारी।
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