Noida land scam hearing is going on in the High Court। BJP has got defamation in Ram Rahim episode
[caption id="attachment_16735" align="aligncenter" width="800"] baba ramdev-upcm yogi adityanath[/caption]
नई दिल्ली। कहावत है कि दूध की जली बिल्ली मट्ठा भी फूंक कर पीती है। कुछ ऐसा ही अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी कर रही है। हरियाणा में Rapist Ram Rahim से निकटता रखने वाली (BJP) को हरियाणा और पंजाब में हिंसा के बाद काफी किरकिरी झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं उसे अपने जनाधार और वोट बैंक के खिसकने का भी भय सता रहा है। शायद यही वजह है कि (BJP) हाईकमान ने यूपी की योगी सरकार को साफ-साफ शब्दों में ताकीद दी है कि वह बाबा रामदेव के नोएडा भूमि आंवटन मामले में चल रही जांच से कोसों दूरी बनाए रखे।
क्या है बाबा रामदेव का मामला
मामला नोएडा में 4500 एकड़ के भूमि घोटाले का है। अरबों रुपए के कीमत की इस बेशकीमती जमीन को पूर्व की अखिलेश सिंह यादव सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ कंपनी को आवंटित किया था। आवंटन के इस खेल में यूपी के तत्कालीन मुख्य सचिव दीपक सिंघल का नाम भी चर्चा में हैं। चर्चा है कि इस आवंटन के बदले पतंजलि योग पीठ ने दीपक सिंघल को कंपनी के कई बड़े अधिकार भी सौंप दिए थे। इस बड़े घोटाले की परतें तब उखड़नी शुरु हुईं जब एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई। इसमें कई चर्चित अफसरों के लिप्त होने की बात कही जा रही है।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रिस्क लेने के मूड में नहीं है BJP हाईकमान
2019 के लोकसभा चुनाव की अभी से तैयारियों में लगी BJP का हाईकमान और केंद्र की मोदी सरकार अब किसी बाबा की मदद का जोखिम उठाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो राम रहीम के केस में BJP को हरियाणा और पंजाब में काफी किरकिरी उठानी पड़ी रही है। सूत्रों की मानें तो केंद्र की मोदी सरकार और BJP के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी की योगी सरकार को बाबा रामदेव के नोएडा स्थित भूमि आवंटन घोटाला मामले में बेहद सावधानी और सतर्कता बरतने की ताकीद दी है। साफ-साफ शब्दों में कहा गया है कि किसी भी तरह से कानून के दायरे से बाहर जाकर बाबा रामदेव को तनिक भी फायदा न पहुंचा जाए। चर्चा है कि यह निर्देश मेरठ के कमिश्नर और गौतमबुद्धनगर के डीएम को भी यूपी सरकार ने दो दिन पहले जारी कर दिए हैं।
10 हजार करोड़ रुपए का है नोएडा भूमि घोटाला
नोएडा में पतंजलि योग पीठ को आवंटित की गई भूमि की कीमत करीब 10 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। याचिका दाखिल करने वाले नोएडा के असफ खान का कहना है कि यूपी सरकार ने उनको पेड़ लगाने के लिए 200 बीघा भूमि पट्टे पर आवंटित की थी। असफ का आरोप है कि यह 200 बीघा भूमि उस 4500 एकड़ में चली गई जो बाबा रामदेव की पतंजलि योग पीठ को अखिलेश सिंह यादव की सपा सरकार ने आवंटित की थी।
हाईकोर्ट के “मकड़जाल” में फंस गए हैं बाबा रामदेव
बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार बेंच ने सचिव औद्योगिक विकास से इस मामले में हलफनामा मांगते हुए पूछा है कि पतंजलि आयुर्वेद को पट्टे की जमीन कैसे दे दी गई ? हाईकोर्ट कोर्ट ने यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के CEO से भी जवाब मांगा है और पूछा है कि जमीन पर लगे हरे पेड़ किस कानून के तहत नष्ट किए गए।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव सरकार की तरफ से बाबा रामदेव की संस्था पतंजलि योग संस्थान आवंटित की गई अरबों रुपए की भूमि यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के तहत आती है।
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