YOGESH TRIPATHI

कानपुर। गुंडों-बदमाशों की अब यूपी में खैर नहीं है। यूपी की बिगड़ी कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए UP Police के “बंधे हाथों” को अब अफसरों ने खोल दिया है। सूत्रों की मानें तो गुंडों, शातिर और ईनामी बदमाशों के एनकाउंटर के लिए “Free-Hit” (खुली छूट) मिल चुकी है। पुलिस अफसरों के इरादे बिल्कुल साफ हैं, बदमाश सरेंडर कर जेल जाएं या फिर यूपी छोड़ दे वर्ना तेज तर्राक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस वाले उनकी पीछे हाथ धोकर पड़ेंगे। आवश्यकता पड़ी तो सूबे की पुलिस सीधे एनकाउंटर करने से भी नहीं चूकेगी। सूत्रों की मानें तो इसकी सीधे तौर पर स्वीकृति भी मिल चुकी है। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दरोगा और इंस्पेक्टरों की टीम जोन वाइज बनाई जा चुकी है। कुछ की तैनाती के लिए फाइल पर अभी सूबे के पुलिस महानिदेशक (DGP) सुलखान सिंह के हस्ताक्षर होने हैं। माना जा रहा है कि राखी बाद हस्ताक्षर हो जाएंगे।

करीब 6 साल से बंद है एनकाउंटर

एनकाउंटर के बाद मानवाधिकार और तमाम तकनीकी पेंच के चलते करीब छह साल से एनकाउंटर नहीं हो रहे थे। सपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल में तो गिनती के ही एनकाउंटर हुए। यूपी में लॉ एंड आर्डर को दुरुस्त करने के लिए योगी सरकार ने तमाम जतन कर लिए लेकिन सफलता नहीं मिली और अपराध जस के तस हो रहे हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो इसके लिए कई बार सूबे के पुलिस महानिदेशक ने मीटिंग कर रणनीति बनाई। कई चक्र के बाद अहम फैसला लिया गया कि कुछ भी शातिर बदमाशों को या तो सरेंडर करवाया जाए या फिर सीधे एनकाउंटर। इसके संकेत भी अभी कुछ दिन पहले डीजीपी ने दे दिए।

बन चुकी है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दरोगाओं और इंस्पेक्टरों की टीम

सूत्रों की मानें तो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दरोगा और इंस्पेक्टरों की टीम बनाई जा चुकी है। यह टीम जोन स्तर पर बनाई गई है। ऐसी टीमों की मॉनीटरिंग IG स्तर पर की जाएगी। इस टीम को जोन में पूरी छूट रहेगी। सक्रिय अपराधी को हर कीमत पर या तो सरेंडर कराने के लिए बाध्य करे। इतना ही नहीं आवश्यकता पड़ने पर एनकाउंटर की भी आजादी दी गई है।

कई की फाइल पर अभी नहीं हुए DGP के हस्ताक्षर

एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टीमें बन गई हैं। कई एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस वालों की फाइल पर अभी DGP के हस्ताक्षर होने हैं। संभव है कि कुछ दिनों में हस्ताक्षर हो जाएंगे।

सक्रिय-ईनामी बदमाशों की बन रही है “कुंडली”

पुलिस सूत्रों की मानें तो जनपद और जोन स्तर पर सक्रिय और ईनामी बदमाशों की “कुंडली” बनाई जा रही है। कई बदमाशों की “कुंडली” बन चुकी है। उनके पीछे मुखबिरों और तेज तर्राक सिपाहियों की टीम को लगा दिया गया है।

राजनीतिक छतरी पाए बदमाश “रडार” पर

पुलिस सूत्रों की मानें तो कई बदमाश ऐसे हैं जो राजनीतिक छतरी पाए है। ऐसे बदमाश सत्ता बदलते ही अपना चोला भी बदल लेते हैं। हमेशा सत्ता के साथ रहने वाले यह बदमाश मंत्री, विधायक और जिलाध्यक्ष के साथ रहने की वजह पुलिस इन पर सबकुछ जानने के बाद भी हाथ नहीं डालती है। सूत्रों की मानें तो कानपुर शहर में करीब तीन ऐसे बदमाशों को चिन्हित किया जा चुका है। इन तीनों पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण और भाड़े पर हत्याएं कराने जैसे संगीन मामले पहले से ही दर्ज हैं। इतना ही नहीं इसमें से कई विवादित जमीनों पर कब्जा करने का भी काम कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक चिन्हित बदमाशों में दो सट्टा और बुकी का गिरोह भी चला रहे हैं।

शामली और आजमगढ़ में हो चुके हैं एनकाउंटर

एनकाउंटर पर “Free-Hit” के संकेत पुलिस दे चुकी है। 10 दिन में पश्चिमी बेल्ट के शामली और पूर्वी बेल्ट के आजमगढ़ में दो बदमाश मारे जा चुके हैं। सेंट्रल यूपी के इटावा में एनकाउंटर में बदमाश को गोली भी लगी।

शामली, आजमगढ़ में दो इनामी बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर इसके संकेत भी दिए जा चुके हैं। इटावा में ईनामी बदमाश एनकाउंटर में मरते-मरते बचा। उसे गोली लगी है, इलाज चल रहा है।
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