YOGESH TRIPATHI
कानपुर। यूपी स्थित बुन्देलखण्ड के जिला झांसी का PAK की खुफिया इकाई ISI से कनेक्शन कोई नया नहीं है बल्कि यह काफी पुराना है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्कॉवड (ATS) झांसी और Kanpur में ISI एजेंट Arrest कर चुकी है। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सेना के तमाम सीक्रेट यूपी गवर्नमेंट के प्रशासनिक अफसर के कार्यालय से ही लीक हो रहे थे। ATS की बड़ी कार्रवाई के बाद झांसी के प्रशासनिक अमले में भी हड़कंप मचा है। हर कोई बगले देखने के साथ एक दूसरे को शक की निगाह से भी अब देख रहा है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी झांसी से ISI का कनेक्शन प्रकाश में आ चुका है। फरवरी 2014 में ATS ने झांसी में सेवानिवृत्त सूबेदार इंद्रपाल कुशवाहा को Arrest किया था। इंट्रोगेशन में उसने खुफिया इकाइयों को कई चौंकाने वाली जानकारियां दी थीं। इंद्रपाल कुशवाहा के पास से खुफिया और ATS ने दो CD बरामद की थीं।

इन सीडियों में सेना का वॉर प्लान, 11 GRRC का आरबिट प्लान, सैन्य अफसरों की टेलीफोन डायरेक्ट्री के साथ सैन्य व्यवस्थापन की सूचनाएं और युद्धक टैंक अर्जुन प्रोजेक्ट में कार्यरत अधिकारियों के विवरण थे। इंद्रपाल ने यह सीक्रेट PAK की खुफिया इकाई को बिक्री की थी। जांच में यह बात भी सामने आई थी कि इसमें एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। खुफिया इकाइयों ने इसके बाद कई गिरफ्तारियां की थीं।

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झांसी SDM ऑफिस से आतंकी कनेक्शन, सेना के सीक्रेट लीक, ATS ने स्टेनो को किया Arrest

Kanpur में हुई थी वकास अहमद उर्फ जाहिद की गिरफ्तारी

इससे पहले सितंबर 2009 में ATS ने झांसी से ही ISI को भारतीय सेना की सूचनाएं भेजने वाले पाकिस्तान के इम्तियाज अली सिद्दीकी को Arrest किया था। बाद में ATS ने इस मामले में कानपुर के बिठूर से वकास अहमद उर्फ जाहिद को पकड़ा था। इन दोनों ने इंट्रोगेशन में स्वीकार किया था कि भारतीय सेना के तमाम सीक्रेट और मैप दोनों ने पाकिस्तान की खुफिया इकाई ISI को बेची है।
गौरतलब है कि फ्राइ-डे को ATS ने झांसी SDM कार्यालय में छापा मार तमाम दस्तावेजों को कब्जे में लेने के साथ सभी कर्मचारियों से लंबी इंट्रोगेशन भी की। इतना नहीं ATS ने कार्यालय को भी सील कर दिया।

खुफिया सूत्रों की मानें तो कई अभिलेखों को भी टीम ने अपने कब्जे में लिया है। माना जा रहा है कि पेन ड्राइव और कुछ अभिलेखों के जरिए इंट्रोगेशन कर ATS अभी कई और गिरफ्तारियां कर सकती है। इतना ही नहीं खुफिया इकाइयां पहले पकड़े जा चुके ISI एजेंट्स से मिल और भी तमाम जानकारियां हासिल करने में जुटी हैं। गौरतल है कि कानपुर, झांसी और इलाहाबाद समेत कई जिला कारागार में PAK खुफिया इकाई ISI के कई एजेंट्स अभी भी बंद हैं।
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