लखनऊ। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को अपना इस्तीपा सौंप दिया लेकिन सूबे के डिप्टी सीएम और BJP के यूपी प्रेसीडेंट केशव प्रसाद मौर्य ने लोकसभा से अपना इस्तीफा नहीं दिया है। सूत्रों की मानें तो केशव मौर्या MODI की कैबिनेट में Minister बनाए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि अब सिर्फ डेढ़ महीना ही बचे है, इतने समय में ही केशव प्रसाद मौर्य को विधान सभा या फिर विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य है। ऐसा न होने की स्थित में उनका मंत्री पद जाना तय है।
BJP के भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो केशव प्रसाद मौर्य अगस्त माह के अंतिम या फिर सितंबर माह की शुरुआत में होने वाले MODI कैबिनेट के विस्तार में मंत्री बनाए जाएंगे। इसका सिग्नल भी हाईकमान ने केशव प्रसाद मौर्य को दे दिया है।
केशव प्रसाद मौर्य फिलहाल यूपी की फूलपुर सीट से सांसद हैं। कुछ दिनों पहले उनके इस्तीफा देने की बात सामने आई थी। इस बीच यूपी में सभी विपक्षी दल फूलपुर सीट से मायावती को संयुक्त प्रत्याशी बनाने के मूड में दिखे तो बीजेपी हाईकमान ने वर्तमान हालात को देखते हुए चुनाव में न जाने का फैसला ले लिया। गौरतलब है कि बीजेपी के पास लोकसभा में पर्याप्त सांसदों की संख्या है लेकिन इसके बाद भी हाईकमान चुनाव में रिस्क लेता नहीं दिखाई दिया।
उसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि यदि कहीं मायावती जीत गईं तो साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मैसेज खराब जाएगा और पार्टी को सीधे तौर पर नुकसान हो सकता है। फिलहाल यूपी की विधान परिषद में चार सीटें रिक्त हो चुकी हैं। ऐसे में बहुत कम चांस है कि बीजेपी हाईकमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम को चुनाव की रणभूमि में उतारे।
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