CM Manohar Lal Khattar says situation under control। section 144 in Delhi
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नई दिल्ली। CBI की स्पेशल Court की तरफ से Rapist करार दिए गए गुरमीत राम रहीम और उनके गुंडों की तरफ से हिंसा के लिए की गई तैयारियों के मद्देनजर हरियाणा पुलिस के IGP Law & Order तीन दिन पहले ही Alert जारी कर दिया गया था। यह Alert सूबे में हिंसा के बाबत जारी किया गया था। मातहतों को जारी किए गए गोपनीय पत्र में राज्य में बड़ी हिंसा का अंदेश जताते हुए ऐहतियात के तौर पर सख्त कदम उठाने की बात भी कही गई थी। अब सवाल यह उठता है कि यदि पुलिस विभाग के बड़े अफसर की तरफ से यदि तीन दिन पहले ही हिंसा का अंदेशा जता दिया गया था तो सूबे की सरकार क्या दही जमा रही थी ?
हिंसा की लपटों में सुलग उठे हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली
कलयुगी बाबा राम रहीम के जेल जाते ही उत्तर भारत के कई राज्य हिंसा की लपटों में धू-धू कर जलने लगे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या राम रहीम के गुंडों ने पहले से ही हिंसा की प्लानिंग कर रखी थी ? पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी लाखों लोगों का हरियाणा में डेरा प्रदेश सरकार ने क्यों डालने दिया ?
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गोपनीय पत्र में IGP ने जता दिया था हिंसा का अंदेशा
हरियाणा के IGP Law & Order की तरफ से पंजाब पुलिस को लिखे गए गोपनीय पत्र में में साफ कहा गया है कि बड़ी हिंसा हो सकती है। राम रहीम के समर्थक ज्वलनशील पदार्थ और असलहे एकत्र कर रहे हैं। पत्र में हिंसा को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की बात भी लिखी गई थी। तीन दिन पहले लिखे इस पत्र में IGP ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने की बात कही थी।
तीन दिन पहले जारी पत्र में क्या लिखा है ?
IGP गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने पत्र में आगाह किया गया कि फरीदकोट के घरों में पेट्रोल और डीजल जमा किया जा रहा है। यही नहीं डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों ने घरों की छतों पर नुकीले हथियार और पत्थरों को जमा करना भी शुरू कर दिया है। ऐसे में राम रहीम के विरुद्ध फैसला आने पर समर्थक इनका इस्तेमाल सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने में हो सकता है।
पत्र में IGP ने और पुलिस प्रशासन की अधिक व्यवस्था करने का भी उल्लेख किया है। IGP ने सुरक्षा के लिए और ज्यादा कदम उठाने पर भी जोर दिया था। यही नहीं IGP ने शांति बनाए रखने के लिए समर्थकों को हिरासत में लेने की बात भी कही थी। हालांकि इसके बावजूद हरियाणा और पंजाब सरकार और वहां के पुलिस प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। यही वजह है कि कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। राज्य में अशांति फैल गई, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब सारी जानकारी थी तो हरियाणा और पंजाब सरकार ने राज्य को क्यों जलने दिया, क्यों माहौल बिगड़ने से नहीं रोका गया।
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