YOGESH TRIPATHI

कानपुर। मध्य प्रदेश के सतना जनपद स्थित नयागांव थाना एरिया में संडे की नाइट मारा गया 1.30 लाख का इनामी दस्यु सरदार ललित पटेल काफी खूंखार था। ललित पटेल नौ साल पहले उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (UPSTF) के हाथों एनकाउंटर में मारे जा चुके दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया उर्फ डॉक्टर की मौसी का लड़का था। जानकारों की मानें तो ललित पटेल ठोकिया की स्टाइल में ही वारदात को अंजाम देता था। तीन सप्ताह पहले मुखबिरी के शक में तीन लोगों को निर्ममता से पीटने के बाद जिंदा फूंक देने के बाद दस्यु ललित पटेल यूपी और एमपी प्रांत की पुलिस के आंखों की किरकिरी बन चुका था।

पुलिस का जानी-दुश्मन था दस्यु ठोकिया

करीब नौ साल पहले STF के हाथों एनकाउंटर में मारा गया दस्यु सरदार अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया पुलिस का जानी-दुश्मन था। पुलिस को देखते ही फायर करना उसकी आदत में शुमार हो चुका था। हमेशा AK-47 और सेमी ऑटो ऱाइफल से लैस रहने वाले ठोकिया ने दस्यु ददुआ के एनकाउंटर के बाद जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रही UPSTF पर घात लगाकर हमला किया था। इसमें सात जवान शहीद हुए थे। उसके बाद ही STF हाथ धोकर ठोकिया के पीछे पड़ गई। कुछ दिनों के बाद STF ने ठोकिया को एनकाउंटर में मार गिराया। ठोकिया की क्रूरता से यूपी और एमपी पुलिस हमेशा खौफ खाती थी। ललित पटेल ठोकिया की मौसी का लड़का था।

Encounter में मारा गया 1.30 लाख का इनामी दस्यु डकैत ललित पटेल

राजा ठाकुर से मिला तो रास आने लगी डकैतों की दुनिया

मध्य प्रदेश के सतना जनपद स्थित नयागांव थाना क्षेत्र के मैनहाई गांव का निवासी था। बड़ा होने पर ललित पटेल अपनी ननिहाल पौसलहा में जाकर रहने लगा। ललित पटेल बचपन से ही बिगड़ैल और गुस्सैल था। सूत्रों की मानें तो जब से वह राजा ठाकुर के संपर्क में आया तो पाठा के जंगल और डकैतों की दुनिया खूब रास आने लगी थी। राजा ठाकुर के गैंग में रहकर ललित पटेल ने सबसे पहली वारदात शिवरामपुर के दो भेड़ पालक भाइयों का अपहरण करके की। बाद में उसने फिरौती लेकर दोनों को छोड़ा। इस वारदात के बाद ललित ने अपराध की दुनिया में पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपराध दर अपराध करता चला गया। करीब साल भर पहले राजा ठाकुर को उसकी गंदी हरकतों की वजह से ग्रामीणों ने योजनाबद्ध तरीके से घेरकर हत्या कर शव जंगल में फेंक दिया था।

राजा ठाकुर के मारे जाने के बाद बना गिरोह का सरदार

सरदार राजा ठाकुर की मौत के बाद ललित पटेल ने गिरोह की कमान संभाल ली। ललित पटेल ने गिरोह की कमान संभालने के बाद मौसेरे भाई की स्टाइल में वारदात करनी शुरु की। एक के बाद एक उसने कई वारदातें की तो पुलिस की निगाह में गया। लेकिन सबसे बड़ी गल्ती उसने थरपहाड़ से डाकू गोप्पा गैंग की मदद करने के शक में मुन्ना यादव समेत तीन युवकों को पकड़ने के जिंदा फूंककर की। तीन लोगों को जिंदा फूंकने के बाद ललित पटेल का दुस्साहस बढ़ा और उसने मध्य प्रदेश के बरौंधा थाना एरिया से प्रिंसिपल का अपहरण चार लाख की फिरौती वसूली। इस सनसनीखेज वारदात के बाद यूपी और एमपी की पुलिस उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गई थीं। नतीजा महज एक महीने के अंदर ललित पटेल को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया।

अपहरण और फिरौती लेने के बाद पुलिस ने घोषित किया था इनाम
पुलिस के मुताबिक शिवरामपुर के भेड़ पालकों का अपहरण करने के बाद ललित पटेल ने फिरौती वसूली थी। इस वारदात के बाद मध्यप्रदेश की पुलिस ने ललित पटेल पर 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया। इसके बाद उसने दो और अपहरण कर सनसनी फैलाई तो पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ाकर 30 हजार कर दी। तीन लोगों को जिंदा फूंकने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस के साथ यूपी पुलिस ने भी ललित पटेल पर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया।

बीवी के भागने के बाद ग्रामीण कसते थे तंज

ननिहाल पौसलहा में रहने के दौरान ही ललित पटेल की शादी परिजनों ने कर दी। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उसकी बीवी भाग गई। बीवी के भागने के बाद गांव वाले उस पर तमाम तरह की फब्तियां कसने लगे। ललित के भाई की नंदी उर्फ़ नंदकिशोर की बीवी भागी तो ग्रामीण उस पर भी तंज कसने लगे। ललित का एक भाई कुकुरखा उर्फ़ दादु जेल में बंद है। पुलिस के मुताबिक ललित काफी दिनों तक मुंबई में रहकर पान की दुकान किए थे लेकिन गुस्सैल स्वभाव के चलते वह वहां से भी भाग आया।

मोबाइल का जानकार था ललित पटेल

पुलिस के मुताबिक एनकाउंटर में मारा गया दस्यु सरगना ललित पटेल मोबाइल का काफी जानकार था। पुलिस लोकेशन न ट्रेस कर सके इस लिए वह नए-नए सिम लेकर बदलता रहता था। सिम बदलने के साथ ही वह पुलिस को फेंक मैसेज कर गुमराह भी किया करता था। ताकि वह पकड़ में न आ सके।
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