गोरखपुर। यूपी के पूर्वांचल में गोरखपुर जनपद के बीआरडी मेडिकल कॉलेज (BRD Medical College) ऑक्सीजन की कमी के चलते अब तक 30 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह मौत सिर्फ 24 घंटे में हुई है। मरने वाले सभी बीमार बच्चे NNU वार्ड और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे। सूत्रों की मानें तो 69 लाख रुपए का बकाया भुगतान न करने पर फर्म ने BRD Medical College को ऑक्सीजन सप्लाई ठप कर दी थी। जिसके चलते इतना बड़ा कांड हो गया। बताया जा रहा है कि लिक्विड ऑक्सीजन तो पहले से ही नहीं था। फ्राइ-डे को सारे सिलेंडर भी खत्म हो गए।

30 बच्चों की मौत के बाद भी नींद में सो रहे अफसर

24 घंटे में 30 बच्चों की मौत के बाद भी गोरखपुर के जिम्मेदार गहरी नींद में सो रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यक्षेत्र गोरखपुर का कोई भी अफसर फ्राइ-डे को भी BRD Medical College नहीं पहुंचा। यह अपने आप में बड़ी बात है। या तो अफसरों को CM का डर नहीं है या फिर उनकी संवेदनाएं मर चुकी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि डीएम और कमिश्नर को पूरे मामले से अवगत करा दिया गया है। लेकिन फिर भी प्रशासनिक अफसरों ने अभी तक कोई सुध नहीं ली है। वही इस पूरे मामले पर यूपी गवर्नमेंट की तरफ से सोशल मीडिया twitter पर ट्वीट कर इस खबर को पूरी तरह से भ्रामक बताया गया है। सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की बिल्कुल भी कमी नहीं है।
https://twitter.com/UPGovt/status/896022479306489856


https://twitter.com/UPGovt/status/896022611288702976

बुधवार को खत्म हो गया लिक्विड ऑक्सीजन

BRD Medical College प्रशासन के मुताबिक बुधवार को ही लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक पूरी तरह से खाली हो गया था। जो पांच सिलेंडर मंगवाए गए थे वो भी जल्द खत्म हो गए। बगैर ऑक्सीजन के बीमार बच्चे तड़पने लगे। बच्चों के मरने का सिलसिला गुरुवार को शुरु हुआ और शुक्रवार तक यह क्रम जारी है।
डॉक्टर और तीमारदार एम्बू बैग से ऑक्सीजन देने की कोशिश करने लगे। हालांकि उनकी यह कोशिश नाकाफी साबित हुई। इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरने वालों में जुनैद, अब्दुल रहमान, लवकुश, ज्योति, शालू, खुशबू, फ्रूटी, शिवानी और अरूषी शामिल थी।

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गुरुवार से गहराया बड़ा संकट

BRD Medical College में ऑक्सीजन आपूर्ति का संकट गुरुवार को तब शुरू हुआ जब लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट में गैस खत्म हो गई। संकट को देखते हुए गुरुवार को दिन भर 90 जंबो सिलेंडरों से ऑक्सीजन की सप्लाई हुई। रात करीब एक बजे यह खेप भी खप गई। जिसके बाद अस्पताल में कोहराम मच गया। साढ़े तीन बजे 50 सिलेंडरों की खेप लगाई गई। यह सुबह साढ़े सात बजे तक चला। उसके बाद से हाहाकार मचा हुआ है।



वेंटीलेटर पर हैं 54 मरीज

BRD Medical College के वार्ड 100 बेड में भर्ती इंसेफेलाइटिस के 73 में से 54 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। शुक्रवार सुबह ऑक्सीजन फिर खत्म हो गई। इसके बाद वार्ड नंबर 100 में जमकर हंगामा हुआ। एम्बुबैग के सहारे मरीजों को ऑक्सीजन दी गई। तीमारदारों के थक जाते ही डॉक्टर एम्बुबैग से ऑक्सीजन देते रहे।

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फर्म को देने हैं 69 लाख रुपए की बकाया रकम

BRD Medical College में दो साल पहले लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट लगाया गया। जिसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड समेत 300 मरीजों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन दी जाती है। इसकी सप्लाई पुष्पा सेल्स करती है। कंपनी के अफसर दिपांकर शर्मा ने प्राचार्य को पत्र लिखकर बताया है कि कालेज पर 68 लाख 58 हजार 596 रुपये का बकाया हो गया है। सूत्रों के मुताबिक बकाया रकम की अधिकतम तय राशि 10 लाख रुपये है। बकाया की रकम तय सीमा से अधिक होने के कारण देहरादून के आईनॉक्स कंपनी की LMO गैस प्लांट ने गैस सप्लाई देने से इनकार कर दिया है।

पहले भी ठप हो चुकी है सप्लाई

साल 2016 के अप्रैल महीने में भी फर्म का बकाया करीब 50 लाख रुपये हो गया। फर्म ने कई बार बकाया भुगतान के लिए पत्र लिखा। आरोप है कि भुगतान न मिलने पर फर्म ने आपूर्ति ठप कर दिया। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ।
BRD Medical College कई वार्ड हुए प्रभावित
ट्रॉमा सेंटर
100 बेड वाला इंसेफेलाइटिस वार्ड
नियोनेटल यूनिट
इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड-14
मेडिसिन आईसीयू
एपीडेमिक मेडिसिन वार्ड-12
बालरोग वार्ड 6
वार्ड नंबर 2
एनेस्थिसिया आईसीयू
लेबर रूम
जनरल सर्जरी, न्यूरो सर्जरी ओटी

SSB ने दिए 10 सिलेंडर

BRD Medical College में ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की मौत के बाद भी जिम्मेदार अफसर नहीं पहुंचे लेकिन मासूमों को तड़पता देखकर डॉ. कफील ने SSB से मदद मांगने का फैसला किया। वह एक कर्मचारी को लेकर SSB के DIG के पास गए। DIG (SSB) ने तत्काल 10 ऑक्सीजन सिलेंडर दिया। इतना ही नहीं एक ट्रक भी भेजा जिससे कि कालेज प्रशासन दूसरी जगहों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगा सके।
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