गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी के चलते BRD Medical College में 63 मासूमों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब “कुदरत” ने “सितम” ढाना शुरु कर दिया। एक बार फिर प्रशासनिक अफसरों के लापरवाही की पोल खुल गई। मंगलवार देर रात कुदरत का कहर गोरखपुर में जमकर टूटा। तिवारीपुर एरिया बहरामपुर स्थित होवार्ट बांध का रेगुलेटर नम्बर 1 और 3 से पानी का रिसाव होने से शहर के इलाके जलमग्न हो गए। बुधवार तड़के रेगुलेटर नम्बर 1 का प्लेट टूट जाने से रिहायशी एरिया में पानी घुसने लगा। दिन का उजाला होने तक पूरा एरिया पानी में जलमग्न हो गया।

जनता ने अफसरों को पहले ही दे दी थी सूचना

पीड़ित लोगों के मुताबिक इस मामले में जिला प्रशासन को सूचना दी गई थी, लेकिन समय रहते जिला प्रशासन एक बार फिर नींद से नहीं जागा। जिसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है। रिहायशी एरिया में पानी भर जाने से सैकड़ो की संख्या में स्थानीय लोग ऊंचाई पर स्थित बांध को अपना अस्थायी “आशियाना” बनाकर बैठे हैं। इन लोगों के घरों के अंदर पानी भरा है। उठने-बैठने और निकलने की भी जगह नहीं बची है।



DM, SSP और कमिश्नर मौके पर पहुंचे

रिहायशी एरिया में पानी के प्रवेश करने और लोगों के घरों में घुसने की सूचना मिलते ही जिले के डीएम, एसएसपी और मंडलायुक्त आनन-फानन सिचाई विभाग, नगर निगम की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कई जनप्रतिनिधि भी तत्काल मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक अफसरों के आदेश पर राहत और बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है। लेकिन जनता में प्रशासन के उदासीन रवैये के खिलाफ खासा आक्रोश है।



नाव में बैठकर DM ने किया भ्रमण

मौके पर पहुंचे गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने नाव में बैठकर कई मोहल्लों का निरीक्षण किया। उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। डीएम ने तत्काल प्रभावित लोगों को भोजन के साथ उनके सोने और रहने के लिए बंदोबस्त कराए जाने का निर्देश जारी करते हुए सभी विभागों के मातहतों को Alert रहने की सख्त ताकीद दी है। जिलाधिकारी ने बाढ़ एरिया में प्रभावित लोगों से सुरक्षित ठिकानों पर जाने की अपील भी की है।



हजारों की संख्या में लोग प्रभावित, बंधे पर बैठकर काटी रात

होवार्ट बांध के रेगुलेटर न. 1 की प्लेट टूट जाने से हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। बताया जा रहा है कि अभी तक सैकड़ों प्रभावित लोग अपना आशियाना छोड़कर पलायन कर चुके हैं। पूरी रात बंधे पर बैठकर लोगों ने किसी तरह राम-राम जपते हुए काटी। डीएम राजीव रौतेला के मुताबिक टूटे प्लेट की मरम्मत का कार्य शुरु हो चुका है। उसे ठीक होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। पानी के बहाव को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रशासनिक अमला बालू, गिट्टी, बांस बल्ली लगाने में जुटा है।
पिपरापुर, बहरामपुर, जफर कालोनी, मोहलालपुर में पानी का भराव चालू है। वहीं पानी धीरे-धीरे शहर का रुख कर रहा है। इसके चिंता की लकीरे जिला प्रशासन के माथे पर स्पष्ट तौर पर देखी जा सकती हैं। स्थानीय लोगो का कहना है कि अगर समय समय से मरम्मत कार्य किया जाता तो आज ऐसी नौबत नही आती

सपा नेताओं ने प्रशासन पर मढ़ा लापरवाही का आरोप

बाढ़ प्रभावित एरिया में पहुंचे समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई के कई नेता पहुंचे। सभी ने प्रशासनिक अफसरों पर एक बार फिर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि उदासीनता के चलते हजारों लोग अपना आशियाना छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं। जनता की सूचना के बाद भी जनपद का कोई भी जिम्मेदार प्रशासनिक अफसर सुध लेने नहीं पहुंचा। अब जब जनता बाढ़ से घिर चुकी है तो अफसर मौके पर पहुंच फोटो खिंचाने में व्यस्त हैं।

सपा नेताओं का आरोप है कि तीन दिन पहले ही स्थानीय लोगों ने सूचना अफसरों को दे दी थी। लेकिन किसी भी अफसर के कान में जूं तक नहीं रेंगी। जिसका खामियाजा अब सीधे जनता को भुगतना पड़ रहा है। रिहायशी एरिया में कमर से ऊपर तक पानी भर चुका है। पानी का बहाव इतना तेज है कि किसी भी क्षण शहर के अन्य हिस्सों को भी वह चपेट में ले सकता है।
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