YOGESH TRIPATHI
कानपुर।
पाठा के जंगलों से संडे की शाम को एक और दस्यु सरदार ललित पटेल का अंत हो गया। मध्य प्रदेश के सतना जनपद की पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। लेकिन यूपी और मध्यप्रदेश पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द पांच लाख रुपए का इनामी दस्यु सरदार बबुली कोल बना है। भरतकूप, कोल्हुआ स्थित पाठा के जंगलों और काली घाटी जैसी दुर्गम पहाड़ियों पर भी चित्रकूट पुलिस ने बबुली की तलाश में अपना पहरा बैठा रखा है। चित्रकूट पुलिस और कोबरा टीम को खुद ASP बलवंत चौधरी लीड कर रहे हैं। बबुली की तलाश में वह सिर्फ टीम को लीड ही नहीं कर रहे हैं बल्कि अत्याधुनिक असलहे लेकर वह खुद बबुली कोल को जिंदा या मुर्दा पकडऩे के लिए बेताब हैं।
ये खबर भी पढ़ें मौसेरे भाई ठोकिया के नक्शे-कदम पर चल रहा था Encounter में मारा गया डकैत ललित पटेल
बलखड़िया के एनकाउंटर के बाद गिरोह का सरदार बना बबुली कोल
दो साल पहले चित्रकूट के तत्कालीन एसपी पवन कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम ने पाठा के जंगलों में अब तक के सबसे खूंखार और जालिम डाकू सरदार सुदेश कुमार पटेल उर्फ बलखड़िया को उस समय मार गिराया था जब उसने भरतकूप चौकी एरिया में पेट्रोलिंग कर रही पुलिस टीम पर गोलियों की बौंछार कर दी थी। घायल बलखड़िया को साथी डकैत काली घाटी ले गए। जहां इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर बलखड़िया की मौत हुई। मरने से पहले बलखड़िया ने गिरोह की कमान जेल में बंद अपने नाबालिग भतीजे खच्चू को सौंप दी। महज कुछ दिन बाद ही खच्चू को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया तो बबुली कोल गिरोह का सरदार बन बैठा। बलखड़िया की AK-47 लेने के साथ ही उसने भारी वजनी सोने का कड़ा भी सरदार का ले लिया।
ललित पटेल के एनकाउंटर की खबर Encounter में मारा गया 1.30 लाख का इनामी दस्यु डकैत ललित पटेल
बिछियन नरसंहार में बलखड़िया के साथ रहा बबुली कोल
कई साल पहले मध्यप्रदेश के सतना जनपद में बलखड़िया ने बिछियन गांव में धावा बोलकर नौ लोगों को जिंदा फूंक दिया था। तब बलखड़िया के साथ बबुली कोल भी नरसंहार में शामिल रहा था। बलखड़िया के साथ ही यूपी और एमपी पुलिस ने बबुली कोल के सिर पर भी ईनाम का राशि बढ़ा दी थी।
50 लाख की फिरौती के लिए किया सपा नेता के बेटे का अपहरण
सप्ताह भर पहले दस्यु बबुली कोल ने रेलवे के गेटमैन और चित्रकूट जनपद के समाजवादी पार्टी महासचिव निर्भय सिंह के बेटे विजय सिंह को असलहों के बल पर पाठा के जंगलों में उठा ले गया। अपह्त किए गए लोगों की रिहाई के लिए पुलिस ने कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया। नाटकीय ढंग से बबुली कोल ने दोनों को रिहाई कर दी। जानकारों की मानें तो सपा नेता ने बेटे के अपहरण के बाद बबुली के करीबी लोगों को उठा लिया और धमकी दी। करीबियों के मारे जाने और पुलिस के बढ़ते दबाव की वजह से बबुली ने दोनों की रिहाई की।
बबुली कोल को ढेर करने के लिए टीम को खुद लीड कर रहे हैं ASP
बहुत कम देखा गया है कि पुलिस का कोई बड़ा अफसर किसी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हाथों में असलहा लेकर टीम को खुद लीड करे, लेकिन चित्रकूट जनपद के ASP बलवंत चौधरी पुलिस की टुक़ड़ियों को न सिर्फ लीड कर रहे हैं बल्कि समय-समय पर दिशा-निर्देश भी देते रहते हैं।
पाठा के जंगलों में अभी है कई और दस्यु सरदार
ललित पटेल का खात्मा हो चुका है लेकिन पाठा के जंगलों में अभी भी कई दस्यु सरदार और उनके डकैत साथी बेखौफ विचरण कर रहे हैं। STF ने एक लाख के इनामी दस्यु सरदार गोप्पा यादव को सप्ताह भर पहले ही अरेस्ट किया है लेकिन इसके बाद भी सबसे बड़े इनामी बबुली कोल (5 लाख का इनाम), लवलेश कोल (50 हजार का ईनाम), एक लाख का ईनामी गौरी यादव अभी भी अपने गैंग के साथ पाठा के जंगलों में चहलकदमी कर रहे हैं।
कानपुर।
पाठा के जंगलों से संडे की शाम को एक और दस्यु सरदार ललित पटेल का अंत हो गया। मध्य प्रदेश के सतना जनपद की पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। लेकिन यूपी और मध्यप्रदेश पुलिस के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द पांच लाख रुपए का इनामी दस्यु सरदार बबुली कोल बना है। भरतकूप, कोल्हुआ स्थित पाठा के जंगलों और काली घाटी जैसी दुर्गम पहाड़ियों पर भी चित्रकूट पुलिस ने बबुली की तलाश में अपना पहरा बैठा रखा है। चित्रकूट पुलिस और कोबरा टीम को खुद ASP बलवंत चौधरी लीड कर रहे हैं। बबुली की तलाश में वह सिर्फ टीम को लीड ही नहीं कर रहे हैं बल्कि अत्याधुनिक असलहे लेकर वह खुद बबुली कोल को जिंदा या मुर्दा पकडऩे के लिए बेताब हैं।
ये खबर भी पढ़ें मौसेरे भाई ठोकिया के नक्शे-कदम पर चल रहा था Encounter में मारा गया डकैत ललित पटेल
बलखड़िया के एनकाउंटर के बाद गिरोह का सरदार बना बबुली कोल
दो साल पहले चित्रकूट के तत्कालीन एसपी पवन कुमार की अगुवाई में पुलिस टीम ने पाठा के जंगलों में अब तक के सबसे खूंखार और जालिम डाकू सरदार सुदेश कुमार पटेल उर्फ बलखड़िया को उस समय मार गिराया था जब उसने भरतकूप चौकी एरिया में पेट्रोलिंग कर रही पुलिस टीम पर गोलियों की बौंछार कर दी थी। घायल बलखड़िया को साथी डकैत काली घाटी ले गए। जहां इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर बलखड़िया की मौत हुई। मरने से पहले बलखड़िया ने गिरोह की कमान जेल में बंद अपने नाबालिग भतीजे खच्चू को सौंप दी। महज कुछ दिन बाद ही खच्चू को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया तो बबुली कोल गिरोह का सरदार बन बैठा। बलखड़िया की AK-47 लेने के साथ ही उसने भारी वजनी सोने का कड़ा भी सरदार का ले लिया।
ललित पटेल के एनकाउंटर की खबर Encounter में मारा गया 1.30 लाख का इनामी दस्यु डकैत ललित पटेल
बिछियन नरसंहार में बलखड़िया के साथ रहा बबुली कोल
कई साल पहले मध्यप्रदेश के सतना जनपद में बलखड़िया ने बिछियन गांव में धावा बोलकर नौ लोगों को जिंदा फूंक दिया था। तब बलखड़िया के साथ बबुली कोल भी नरसंहार में शामिल रहा था। बलखड़िया के साथ ही यूपी और एमपी पुलिस ने बबुली कोल के सिर पर भी ईनाम का राशि बढ़ा दी थी।
50 लाख की फिरौती के लिए किया सपा नेता के बेटे का अपहरण
सप्ताह भर पहले दस्यु बबुली कोल ने रेलवे के गेटमैन और चित्रकूट जनपद के समाजवादी पार्टी महासचिव निर्भय सिंह के बेटे विजय सिंह को असलहों के बल पर पाठा के जंगलों में उठा ले गया। अपह्त किए गए लोगों की रिहाई के लिए पुलिस ने कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया। नाटकीय ढंग से बबुली कोल ने दोनों को रिहाई कर दी। जानकारों की मानें तो सपा नेता ने बेटे के अपहरण के बाद बबुली के करीबी लोगों को उठा लिया और धमकी दी। करीबियों के मारे जाने और पुलिस के बढ़ते दबाव की वजह से बबुली ने दोनों की रिहाई की।
बबुली कोल को ढेर करने के लिए टीम को खुद लीड कर रहे हैं ASP
बहुत कम देखा गया है कि पुलिस का कोई बड़ा अफसर किसी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हाथों में असलहा लेकर टीम को खुद लीड करे, लेकिन चित्रकूट जनपद के ASP बलवंत चौधरी पुलिस की टुक़ड़ियों को न सिर्फ लीड कर रहे हैं बल्कि समय-समय पर दिशा-निर्देश भी देते रहते हैं।
पाठा के जंगलों में अभी है कई और दस्यु सरदार
ललित पटेल का खात्मा हो चुका है लेकिन पाठा के जंगलों में अभी भी कई दस्यु सरदार और उनके डकैत साथी बेखौफ विचरण कर रहे हैं। STF ने एक लाख के इनामी दस्यु सरदार गोप्पा यादव को सप्ताह भर पहले ही अरेस्ट किया है लेकिन इसके बाद भी सबसे बड़े इनामी बबुली कोल (5 लाख का इनाम), लवलेश कोल (50 हजार का ईनाम), एक लाख का ईनामी गौरी यादव अभी भी अपने गैंग के साथ पाठा के जंगलों में चहलकदमी कर रहे हैं।
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